केंद्रीय विद्यालय क्रमांक -2 NTPC में बाल मेला आयोजित, रागी व ज्वार जैसे पोषण से भरपूर मिलेट्स के भी व्यंजन रखे।
केंद्रीय विद्यालय-2 एनटीपीसी कोरबा में बुधवार को बाल मेले का आयोजन किया गया। इस मेले में पौष्टिकता से भरपूर और स्वादिष्ट व्यंजनों की प्रदर्शनी लगाई गई। इस दौरान छत्तीसगढ़िया अंदाज में चीला-बोबरा और इड़हर के साथ गुजराती, मराठी, पंजाबी पकवानों की खुशबू से विद्यालय परिसर महक रहा था। इनके अलावा खास दीपावली को देखते हुए नन्हें मुन्ने बच्चों ने राज्यों के पारंपरिक परिधान में रागी, ज्वार जैसे मिलेट्स के पोषण से भरपूर हलवा व अन्य चीजें भी अपनी स्टॉल में सजा रखी थी, जो शिक्षकों और अतिथियों के मुंह में पानी लाने काफी था। प्राचार्य एसके साहू ने बताया कि देश के विभिन्न प्रांत के व्यंजनों की इस प्रदर्शनी के माध्यम से जहां बच्चों को अलग-अलग संस्कृति को जानने-समझने का मौका मिला, वे उनके खान-पान से भी रूबरू हुए। इस तरह अनेकता में एकता की सीख के साथ जीवन में सुपोषण को शामिल करने का संदेश प्रस्तुत किया गया है।
कोरबा(theValleygraph.com)। प्रति वर्ष की भांति इस बात भी केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-2 एनटीपीसी कोरबा में बुधवार को बाल मेले का आयोजन किया गया। इस बाल मेले में मुख्य अतिथि के रूप में एनटीपीसी के डीजीएम एचआर ईडीसी प्रदीप भट्टाचार्य उपस्थित रहे। उन्होंने भी बच्चों के इस बाल मेले का आनंद उठाया। उन्होंने बच्चों द्वारा बना कर लाए गए व्यंजनों की खूब सराहना की। इस बाल मेले में कक्षा पहली से पांचवी तक के विद्यार्थियों ने अत्यंत उत्साह के साथ भाग लिया। बच्चों द्वारा विभिन्न प्रांतों के व्यंजनों के साथ ही मिलेट (पौष्टिक आहार) से संबंधित खाने की चीजें बनाकर लाए गए थे। इनमें छत्तीसगढ़ी, मराठी, पंजाबी, गुजराती व्यंजन व रागी, ज्वार का हलवा शामिल रहा। इन सब के बारे में बच्चों ने काफी कुशलता से प्रस्तुति दी। विद्यालयीन बच्चों के साथ ही साथ शिक्षकों ने भी इस मेले में जमकर लुत्फ उठाया।
जंक फूड से दूरी, अच्छी सेहत के लिए घर की बनी चीजें हैं जरूरी: प्राचार्य SK साहू
इस संबंध में केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2 एनटीपीसी कोरबा के प्राचार्य एसके साहू ने कहा कि खासकर कोविड की मुश्किलों के बाद से इम्यूनिटी बेहतर करने एक सकारात्मक सोच विकसित हुई है। अगर बच्चों को छोटी आयु में ही सुपोषण से जोड़ दिया जाए तो मौसम परिवर्तन में होने वाली जुकाम से लेकर जीवन में विभिन्न रोगों से लड़ने की भीतरी शक्ति लाई जा सकती है। मौजूदा दौर में चॉकलेट, चिप्स और अन्य जंक फूड को बच्चों से दूर कर इस आयोजन के जरिए उन्हें मोटे अनाज के सेहतमंद व घर की बनी चीजों के लाभ से जोड़ने का प्रयास किया गया। इसके साथ ही उन्हें अपने देश की वैभवशाली संस्कृतियों की पहचान कराने का भी प्रयास इसमें शामिल है। सशक्त भारत के निर्माण में विभिन्न प्रांतों के रहन-सहन, खान-पान, वेशभूषा या पहनावा, संस्कृति और रीतियों का आदान-प्रदान भावी पीढ़ी के लिए एकता में अनेकता का सबक स्थानांतरित करने जरूरी है।
बढ़ती आपराधिक घटनाओं ने बढ़ाई अपने बच्चों की सुरक्षा के प्रति फिक्रमंद पेरेंट्स की चिंता…
शासकीय EVPG महाविद्यालय कोरबा में पुण्यश्लोका लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की जन्म त्रिशताब्दी वर्ष के…
छत्तीसगढ़ किकबॉक्सिंग संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुलाकात की। आगामी माह…
एशियन थाई बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण और रजत विजेता खिलाड़ियों को उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन…
समाज में पीड़ित लोगों का दर्द और राहत की राह समझने MSW स्टूडेंट्स "अपना घर"…
BEML ने सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड से उच्च प्रदर्शन वाले 48 रियर डंपिंग ट्रक के 246.78…