Video:- तखतपुर क्षेत्र में संकरी पुलिस ने अपहरण के 12 घंटे के भीतर हत्या की गुत्थी सुलझाने में पाई सफलता। धारा 364, 34, 302, 201, 34 भादवि के तहत चार आरोपी गिरफ्तार। जमीन संबंधी विवाद के कारण रिश्तेदार ही बने हत्यारे। हत्या के बाद साक्ष्य छिपाने के लिए आरोपियों ने तालाब में डूबा दी थी मृतक की लाश।
theValleygraph.com पिता की जायदाद में हिस्सा मांग रहे युवक ने बदले में दुत्कार और गालियां सुनकर बैर पाल लिया। उसकी यह नाराजगी तब जानलेवा दुश्मनी में बदल गई, जब उसकी चाह पर सौतेले भाई को हकदार करार दे दिया गया। जब यह रंजिश हदें पार करने लगी, तो उसने कुछ ऐसा कर डाला, जिसकी कल्पना किसी ने न की होगी। उसने अपने सौतेले भाई को जान से मार डालने का फैसला किया और उसके इस जानलेवा मंसूबे को अंजाम देने में मदद करने वाले भी कोई और नहीं, मृतक के ही चचेरे भाई निकले। इस योजना में उसके दोस्त और चचेरे भाइयों समेत चार लोग शामिल हो गए और सही मौके की तलाश करने लगे। पहला मौका मिला पर वे कामयाब न हुए। पर दूसरे ही दिन उन्होंने पहले उसे अगवा किया और फिर लाठी, बेल्ट से पीट पीट कर मौत के घाट उतार दिया। इस अमानवीयता से अपराधियों को क्या हासिल हुआ, वे ही जानें, पर इस वजह से आज एक या दो नही, बल्कि पांच परिवारों की खुशियां हमेशा के लिए छिन गई हैं।
Bilaspur. गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजे गए चार आरोपियों में पहला संतोष बिरको पिता चमरू बिरको उम्र 32 साल दूसरा तीजराम बिरको पिता रामकुमार बिरको उम्र 22 साल, तीसरा ओम प्रकाश बिरको पिता राम कुमार बिरको उम्र 19 साल और चौथा आरोपी शिव प्रसाद बिरको पिता सागर बिरको उम्र 20 साल शामिल है। सभी चितावर थाना तखतपुर के निवासी हैं।
बिलासपुर पुलिस से मिली जानकारी अनुसार प्रार्थी चतरू बिंझवार पिता छेदी बिंझवार उम्र 56 साल निवासी चितावर थाना तखतपुर जिला बिलासपुर ने एफआईआर दर्ज कराई कि प्रार्थी ने अपनी जमीन का बटवारा अपने पुत्र पुत्री के नाम करने के लिए तहसील तखतपुर में आवेदन प्रस्तुत किया गया है। यह बटवारा प्रकरण न्यायालय में लंबित है। संतोष बिरको प्रार्थी की पूर्व पत्नी का बेटा है। वर्तमान पत्नी आशा बाई के तरफ से तीन बच्चे है। बड़ी बेटी अंजना बाई की शादी हो चुकी है। उससे छोटा कार्तिक राम तथा सबसे छोटा चुरावन है। संतोष जमीन विवाद को लेकर प्रार्थी से विवाद कर चुका है। इसी जमीन विवाद को लेकर संतोष और शिव प्रसाद मारपीट करने के लिये लाठी लेकर घुमते रहते है। घटना के दिन प्रार्थी का बेटा कार्तिक बिरको अपनी मोटर सायकल से सामान खरीदने गिरधौना आया था। पर वह सामान खरीदकर वापस घर नही आया। इसी दौरान बीर जायसवाल नामक व्यक्ति ने प्रार्थी के बेटे चुरावन को फोन करके बताया कि कार्तिक बिरको को कुछ लोग मारपीट कर उसे मोटर सायकल में बैठाकर चितावर बस्ती की ओर लेकर जा रहे है। प्रार्थी अपने बेटे को खोजने गिरधौना की ओर गया तो देखा उसकी मोटर सायकल केशव के खेत के पास खड़ी थी। उसकी घड़ी भी वहीं पर गिरी मिली। वहां पर खून के धब्बे भी थे। जब वह चितावर बस्ती तरफ अपने पुत्र कार्तिक बिरको को खोजते हुए गया तब बस्ती के लोगों ने बताया कि कार्तिक बिरको के साथ संतोष बिरको, तीजराम बिरको, शिव प्रसाद बिरको, ओम प्रकाश बिरको ने मिलकर मारपीट किया और उसे मोटर सायकल में बैठाकर कहीं ले गए। प्रार्थी की रिेपार्ट पर धारा सदर का अपराध पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया एवं कायमी की सूचना वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को दिया गया। जिस पर प्रकरण की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए पुलिस अधीक्षक बिलासपुर संतोष कुमार सिंह (आईपीएस) के निर्देशन एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर बिलासपुर राजेन्द्र जायसवाल एवं सी.एस.पी. (सिविल लाईल) संदीप पटेल के मार्गदर्शन में सकरी पुलिस टीम द्वारा तत्काल घटना स्थल रवाना हुई। आरोपियो की पतासाजी की गई और घेराबंदी कर पकड़ा गया। हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि इसके पिता चमरू बिरको की दो पत्नी है। पहली पत्नी का नाम लल्ला था। जिसकी मृत्यू हो गई है। यह उसका बेटा है। दूसरी मां के दो लडके एवं एक लड़की है। जिसमें बड़े लड़के का नाम कार्तिक बिरको है तथा छोटे लड़के का नाम चुरावन बिरको है। उसके पिता चमरू बिरको ने खेती में बटवारा नही दिया। बटवारा मांगने पर पिता तो विवाद करते ही, सौतेला भाई कार्तिक बिरको भी इसे गाली गलौज विवाद करता है और कोर्ट केस करने की धमकी देता है। इसके पिता चमरू बिरको इसके चाचा रामकुमार बिरको को भी बटवारा नही दिया है। जिसके कारण इसके चाचा का लड़का तीजराम बिरको एवं ओमप्रकाश बिरको भी आये दिन इसके अपने पिता से बटवारा मांगते है। जिससे वाद विवाद होते रहता है।
इसी रंजिश के कारण यह तथा इसके चाचा का बेटा तीजराम बिरको एवं ओम प्रकाश बिरको तथा इसका साथी शिव प्रसाद बिरको चारो मिलकर दो दिन पूर्व कार्तिक बिरको की हत्या करने के लिये एक राय हुये थे। कल दोपहर करीब 11.00-12.00 बजे यह तथा तीजराम बिरको, ओमप्रकाश बिरको, शिव प्रसाद बिरको चारो मिलकर लाठी डंडा लेकर कार्तिक बिरको को जान से मारने के लिये खोजते हुये उसके प्लॉट (खेत) में गये थे, लेकिन वहां धान कटाई चलने से काफी मजदूर लोग थे, जिसके कारण उसे नही मार सके थे।
इस बीच 26.11.2023 के शाम करीब 06.00 बजे के आसपास तीज राम बिरको इसे बताया कि कार्तिक बिरको मोटर सायकल में चितावर से गिरधौना की ओर खेत के रास्ते से गया है, तो यह अपने घर से एक अकोल की लकड़ी का लाठी लेकर घर से गिरधौना के रास्ते में ओम प्रकाश बिरको के साथ पैदल पहुंचा। और तीजराम बिरको अपनी डीलक्स मोटर सायकल में शिव प्रसाद बिरको के साथ आया। रास्ते में चारो लोग बैठकर मृतक कार्तिक बिरको के गिरधौना तरफ से लौटने का इंतजार कर रहे थे। थोड़ी देर में मृतक कार्तिक बिरको अपनी मोटर साकयल में गिरधौना तरफ से आया। इसे पार करके थोड़ा आगे बढ़ गया था, वहां पर तीजराम बिरको, शिवकुमार बिरको एवं ओमप्रकाश बिरको घेरकर खड़े थे। उन्हें देखकर डर कर मृतक कार्तिक बिरको वापस मेरी ओर लौटा। इसके पास पहुंचने पर यह अपने हाथ में रखे अकोल की लाठी से सिर में मारा, जो मृतक कार्तिक बिरको मोटर सायकल से गिर गया। उसके बाद यह लाठी से और तीजराम बिरको अपना बेल्ट निकालकर मृतक कार्तिक बिरको मारने लगे जिससे कार्तिक अधमरा हो गया। फिर उसे तीजराम बिरको की डीलक्स मोटर सायकल में बैठाकर बस्ती तरफ लेकर गये। मोटर साकयल को तीजराम चला रहा था। बीच में यह मृतक कार्तिक बिरको को घायल अवस्था में पकड़कर मोटर साकयल के पीछे बैठा था। मृतक कार्तिक बिरको की मोटर सायकल को जहां उसे मारे थे वहीं छोड़ दिये है। मृतक कार्तिक बिरको को लेकर महामाया मंदीर चितावर के पास ले गये और मोटर सायकल से उतारकर यह तथा तीजराम बिरको फिर से मारपीट किये और मारपीट कर हत्या करने के बाद दोनों लोग हाथ में उठाकर लाश को छिपाने की नीयत से नाला तालाब ग्राम चितावर में फेंक दिये है।
सभी का पृथक पृथक मेमो कथन तैयार किया गया, जिसके अनुसार घटना में प्रयुक्त आलाजर्रब तथा मोटर सायकल को बरामद कर गवाहो के समक्ष जप्त किया गया। आरोपियों के कथन अनुसार ही मृतक के शव को बरामद कर शून्य पर देहाती नालशी पंजीबध्द कर पंचनामा कार्यवाही संपन्न कर मृतक के शव को पीएम हेतु भेजा गया है। प्रकरण में धारा 302, 201 भारतीय दंड विधान जोड़ा गया है। आरोपियों के विरुद्ध सबूत पाए जाने पर उन्हें गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेज दिया गया है।
केस सुलझाने इन पुलिसकर्मियों की सराहनीय भूमिका रही
अपहरण के बाद युवक की बेरहमी से हत्या के इस सनसनीखेज वारदात को सुलझाने जिन पुलिस अफसर और जवानों ने सराहनीय भूमिका निभाई, उनमें थाना प्रभारी निरीक्षक राजेश मिश्रा, सहायक उप निरीक्षक जीवन साहू, हेमंत आदित्य, उदयभान सिंह, आरक्षक पुनित नेताम, कलेश्वर यादव, संजय बंजारे, रूपेश कौशिक, पवन सिंह ठाकुर, पंकज यादव, राजकुमार श्याम, कृष्ण कुमार मार्को, प्रशांत महिलांगे, मालिक राम साहू एवं समस्त थाना स्टाफ का सहयोग शामिल है ।
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