पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 4 गोपालपुर में कथक नृत्य पर कार्यशाला आयोजित।
गोकुल की गलियों में होली और कान्हा संग गोपियों की हंसी-ठिठोली उसी भाव-भंगिमा से अगर नृत्य के रूप में प्रस्तुत हो, तो क्या कहना। कुछ ऐसा ही आनंद गुजरात का गरबा और पंजाब का भांगड़ा देखकर मिलता है। भिन्न भाषा, भिन्न बोली और अलग अलग संस्कृति समेटे भारतीय नृत्य हमारे देश की सांस्कृतिक एकता प्रदर्शित करते हैं। कथक, भरतनाट्यम और ऐसे ही भव्य नृत्य कलाओं पर पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 4 गोपालपुर कोरबा में नृत्य कला की कार्यशाला रखी गई थी, जिसमें बच्चों को स्टेज पर थिरकने के ढेर सारे आनंद के साथ कला की इस पाठशाला में बड़ी खूबसूरत सीख सीखने को मिली।
कोरबा(theValleygraph.com)। पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 4 गोपालपुर कोरबा व रूट्स टू रूट्स विरसा के संयुक्त तत्वावधान में 25 नवम्बर को एक दिवसीय कथक की कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला के गुरु जबलपुर से पधारे अखिलेश पटेल थे और उनके साथ आशुतोष तिवारी ने तबला में संगत किया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती संध्या लकड़ा और विशिष्ट अतिथि वीके वर्मा रहे। यह कार्यशाला रूट्स 2 रूट्स एनजीओ के द्वारा केंद्रीय विद्यालय संगठन के माध्यम से आयोजित हुआ। संगीत की अधिष्ठात्री मां शारदे के प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती लकड़ा ने कार्यशाला के लिए पधारे गुरु अखिलेश पटेल, संगतकार आशुतोष तिवारी व रूट्स 2 रूट्स के ओर से संयोजक ओम प्रकाश पाठक का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया। अखिलेश पटेल ने अपने प्रस्तुति के अंतर्गत सर्वप्रथम वल्लभाचार्य रचित मधुराष्टकम में कृष्ण वंदना प्रस्तुत कर सबको मोहित किया। विद्यार्थियों को भारत की कला, संस्कृति और सांस्कृतिक वैभव को प्रस्तुत करते शास्त्रीय नृत्य कथक, भरतनाट्यम, कथकली, मोहनीअट्टम आदि का परिचय दिया। कथक के कलापक्ष लय, ताल, सम, ताली, खाली, तिहाई, तत्कार आदि के बारे में बच्चों को बताते हुए तत्कार की प्रस्तुति दी और बच्चों को मंच पर बुलाकर सिखाया। शास्त्रीय नृत्य कथक के पश्चात लोक नृत्य की ओर बढ़ते हुए श्री पटेल ने विभिन्न लोकनृत्य के माध्यम से भारत के विभन्न राज्यों का भ्रमण कराया। इनमें गुजरात का गरबा, राजस्थान का घूमर, पंजाब का भांगड़ा शामिल रहे। अखिलेश पटेल ने क्रिकेट खेल, मयूर की चाल व श्री कृष्ण के द्वारा गोपियों संग गोकुल की होली को बहुत ही सुंदर भाव से प्रस्तुति देकर विद्यालय प्रांगण में समा बांध दिया।
यह कार्यक्रम लगभग ढाई घंटे चला, जिसमें बच्चों ने बहुत ही उत्साह पूर्वक भाग लिया। कार्यशाला के अंतर्गत कुछ बच्चों को मंच पर आमंत्रित करे हस्तक, तत्कार, तिहाई सिखाया गया। इस कार्यक्रम में कक्षा पहली से 12वीं तक के सभी विद्यार्थी व विद्यालय के सभी शिक्षक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती एस्तर कुमार पिजीटी (भौतिकी) ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्राचार्य महोदया श्रीमती संध्या लकड़ा, संगीत शिक्षिका ईश्वरी व समस्त शिक्षकों का योगदान रहा।
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