जनवरी की दूसरी तारीख को सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक हसदेव अरण्य-पर्यावरण को बचाने मानव श्रृखंला बनाकर स्वच्छ पर्यावरण का संदेश देने की तैयारी की जा रही है। इस संबंध सूचना देते हुए कोरबा कलेक्टर को पत्र लिखा गया है।
इस पत्र में बताया गया है कि छत्तीसगढ़ के उत्तरी कोरबा, दक्षिणी सरगुजा और सूरजपुर जिले के बीच में स्थित है। लगभग 1,70,000 हेक्टेयर में फैला यह जंगल अपनी जैव विविधता के लिए जाना जाता है। वाइल्डलाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की साल 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, हसदेव अरण्य गोंड, लोहार और ओरांव जैसी आदिवासी जातियों के 10 हजार लोगों का घर है। यहां 82 तरह के पक्षी, दुर्लभ प्रजाति की तितलियां और 167 प्रकार की वनस्पतियां पाई जाती हैं। इनमें से 18 वनस्पतियों अपने अस्तित्व के खतरे से जूझ रही हैं। इसी क्षेत्र में हसदेव नदी भी बहती है। हसदेव जंगल इस नदी के कैचमेंट एरिया में है। हसदेव नदी पर बना मिनी माता बांगो बांध से बिलासपुर, जांजगीर-चाम्पा और कोरबा के खेतों और लोगों को पानी मिलता है। इस जंगल मे हाथी समेत 25 वन्य प्राणियों का रहवास और उनके आवागमन का क्षेत्र है।
कोरबा(theValleygraph.com)। जिले के समस्त पर्यावरण प्रेमी एवं नागरिकगण की अगुआई करते हुए अब्दुल नफीस खान ने कलेक्टर को लिखा है कि परसा ईस्ट केते बासेन खदान के लिए कुल 1136 हेक्टेयर जंगल काटा जाना है जिसमे से 137 हेक्टेयर के पेड़ काटे जा चुका है। इसके साथ ही परसा कोल ब्लॉक के 1267 हेक्टेयर यानी लगभग 9 लाख पेड़ काटे जाएंगे। इससे वन्य जीवों और वनस्पति के साथ हसदेव नदी का केचमेंट भी प्रभावित होगा। उक्त वन क्षेत्र को काटे जाने से आने वाली पीढ़ी को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं तथा मानव हाथी संघर्ष से जनहानि की भी स्थिति निर्मित हो सकती है। हसदेव अरण्य को बचाने के लिए प्रदेश सहित पूरे भारत में एवं विश्व समुदाय में प्राकृतिक प्रेमियों एवं पर्यावरण सरंक्षण प्रहरियों के द्वारा सेवहसदेव के तहत अपनी भावनाओं को व्यक्त किया जा रहा है एवं प्रदेश का हर कोई नागरिक यही चाहता है कि हसेदव अरण्य को किसी भी हाल में उजाड़ा ना जाये। हम कोरबा जिला के निवासी भी हसदेव अरण्य को काटे जाने पर अत्यंत चितिंत हैं और अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए मंगलवार 2 जनवरी 2024 की सुबह 11:30 बजे से 1:00 बजे तक कलेक्टर कार्यालय, कोरबा के सामने हाथ में हसदेव बचाओ की तख्ती एवं स्लोगन के साथ मानव श्रृंखला बना कर हसदेव बचाने का संदेश देंगें।