नौकरी की भाग-दौड़ में नहीं ले सके डिग्री तो अब पढ़ लीजिए इंजीनियरिंग

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डिप्लोमाधारी नौकरीपेशा के लिए बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग करने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) नई दिल्ली ने फिर खोले तकनीकी शिक्षा दरवाजे, आईटी कॉलेज कोरबा के प्रस्ताव को एआईसीटीई की सहमति, अब केवल अनुमति का इंतजार। इस योजना का लाभ लेने उम्र की बाधा भी नहीं आएगी आड़े।

कोरबा(thevalleygraph.com)। अगर नौकरी की दौड़ भाग और व्यस्तता के बीच आप अब भी तकनीकी शिक्षा की राह तलाश रहे एक नौकरीपेशा हैं, तो आपके लिए अच्छी खबर है। ऐसे ही वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने आगे की पढ़ाई करने के दरवाजे फिर से खोल दिए हैं। औद्योगिक संयंत्र या किसी संस्थान में कार्यरत ऐसे कर्मी, जो नौकरी के चलते अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर सके, उनके लिए विशेष सुविधा दी जाएगी। इसके तहत आईटी कॉलेज कोरबा में भी तैयारी की जा रही है, जिसके लिए कॉलेज की ओर से एक प्रस्ताव भेज दिया गया है। इसे एआईसीटीई की सहमति मिल चुकी है और अब केवल अनुमति मिलने का इंतजार है, जिसके बाद प्रवेश की प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी।

इस स्कीम के अंतर्गत पूरे देश में प्रत्येक जिले के अधिकतम चार इंजीनियरिंग कॉलेजों को कोर्स शुरू करने की अनुमति देना निर्धारित है। इन निर्देश पर गौर करें तो आईटी कॉलेज कोरबा, इस जिले का एकमात्र इंजीनियरिंग कॉलेज है, जिसे इस नियम का फायदा मिलने की उम्मीद है। इस तरह से वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए इंजीनियरिंग में डिग्री की पढ़ाई कर पाने एआईसीटीई की अनुमति मिल जाने की उम्मीद की जा रही है। इस संबंध में आईटी कॉलेज कोरबा के रजिस्ट्रार व ट्रिपल ई ब्रांच के एचओडी प्रणय राही ने बताया कि संस्था की ओर से निर्धारित मापदंडों का पालन करते हुए प्रस्ताव तैयार कर आवेदन एआईसीटीई को भेज दिया गया है। इस प्रस्ताव पर सहमति प्रदान कर दी गई है और अब आईटी कोरबा को केवल अनुमति का इंतजार है। उल्लेखनीय होगा कि इस सबंध बीएचईएल भिलाई ने एक नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। जिसमें कहा गया है कि वहां कार्यरत कर्मी इस योजना का लाभ प्राप्त करें। इसके लिए संबंधित संस्थान या औद्योगिक संगठन से एनओसी की अनिवार्यता भी निर्धारित है, जिसके बाद ही किसी वर्किंग प्रोफेशनल को कोर्स में दाखिला प्रदान किया जा सकेगा।

बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग डिग्री मिलने से प्रमोशन की राह होगी आसान
किसी भी फैक्ट्री या औद्योगिक संस्थान में कार्यरत डिप्लोमा इंजीनियर के लिए आगे बढ़ने की राह वहां आकर ठहर जाती है, जहां वांछित उच्च शैक्षणिक योग्ता की जरूरत होती है। आम तौर पर डिप्लोमा के आधार पर नौकरी प्राप्त करने वालों के पद मेंं वृद्धि या प्रमोशन के लिए डिग्री आवश्यक होता है। इस समय में वांछित शैक्षणिक योग्याता अनिवार्य हो जाती है, पर काम के बीच पढ़ाई के लिए समय नहीं निकल पाता। ऐसे में इस योजना का लाभ प्राप्त कर ऐसे डिप्लोमा होल्डर कर्मी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूर्ण कर डिग्री के प्राप्त कर सकेंगे और अपने प्रमोशन का रास्ता साफ कर सकेंगे।
करीब डेढ़ दशक पहले थी पीटीडीसी सुविधा, अब आयु बंधन भी नहीं
करीब डेढ़ से दो दशक पहले भी पार्ट टाइम डिग्री कोर्स (पीटीडीसी) के रूप में यह सुविधा प्रदान की जा रही थी, जिसे एआईसीटीई ने ही बंद कर दिया था। तब के दौर में पार्ट टाइम समय निकालकर वे शाम की कक्षाओं (ईवनिंग क्लासेस) में शामिल होते थे। अब पुन: कुछ ऐसी ही सहूलियत लागू की जा रही है। एआईसीटीई ने वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए बैन हटा दिया है। एक और खास बात यह है कि इस सुविधा के लिए लाभ लेने वाले नौकरीपेशा विद्यार्थियों के लिए उम्र की पाबंदी भी नहीं होगी। यानि किसी भी आयु में होकर भी आगे की तकनीकी पढ़ाई इस रास्ते की जा सकेगी।
स्वयं व बुक से 40 प्रतिशत क्रेडिट, 60 प्रतिशत के लिए फ्लेक्सिबल मोड पर क्लास
कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य जीएल सोनकर ने बताया कि इस योजना से दाखिले पर कक्षाओं की उपस्थिति और कोर्स की पढ़ाई स्वयं और किताबों के माध्यम से प्राप्त की जा सकेगी। आॅनलाइन कक्षाएं कर वीडियो लेक्चर का लाभ लिया जा सकेगा, जो इंटरनेट पर आसानी उपलब्ध हैं, जिसके आधार पर उन्हें 40 प्रतिशत क्रेडिट लाभ दिया जाएगा। शेष 60 प्रतिशत कक्षाओं के लिए संबंधित वर्किंग स्टूडेंट को उनकी सुविधा और समय के अनुसार कक्षाओं में शामिल होने का मौका दिया जाएगा। इनके लिए अलग से फ्लेक्सिबल मोड पर कक्षाएं आयोजित कर उनमें शामिल होने का अवसर प्रदान किया जाएगा। इससे उनकी उपस्थिति और तकनीकी पढ़ाई की जरूरत पूर्ण की जा सकेगी।
आइटी कॉलेज कोरबा को 3 ब्रांच में 90 सीट मिलने की आस
एआईसी की गाइडलाइन के अनुसार प्रत्येक ब्रांच में फिलहाल 30 सीट और अधिकतम तीन ब्रांच में ले सकते हैं। इस तरह प्रति ब्रांच को मिलाकर कुल 90 सीट की उपलब्धता आईटी कॉलेज को मिलने की उम्मीद की जा रही है। इसमें नॉर्म्स के अनुसार प्रत्येक ब्रांच में कम से कम दस सीटों पर भर्ती करते हुए इंजीनियरिंग के किसी भी ब्रांच के द्वितीय वर्ष में लेटरल एंट्री प्रदान की जाएगी। कोर्स, जिस कोर्स के लिए आवेदन किया जा रहा है, उसमें वर्तमान एकेडमिक ईयर के लिए एआईसीटीई की मान्यता होनी चाहिए।
वर्जन
डिप्लोमा लेकर नौकरी कर रहे लोगों को इंजीनियरिंग में आगे की पढ़ाई कर डिग्री प्राप्त करने एक अच्छी योजना एआईसीटीई की ओर से लाई जा रही है। यह सुविधा आईटी कॉलेज कोरबा में भी उपलब्ध कराई जा सके, इसके प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। इसमें आयु सीमा की बाध्यता भी नहीं होगी और सुविधा अनुरूप उन्हें उनके मनचाहे समय में कक्षाओं में शामिल होने की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।
डॉ एमएल अग्रवाल, प्राचार्य, आईटी कॉलेज कोरबा


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Aakash Pandey

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