सेहत और शिक्षा पर फोकस, आंगनबाड़ी केंद्रों को नन्हें-मुन्ने बच्चों के अनुकूल बनाने जुटी स्वयंसेवी युवाओं की टीम

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निर्मल आंगनवाड़ी अभियान के तहत एक-एक कर कवर किए जा रहे केंद्र
जिस तरह बेहतर वातावरण से स्कूल में अच्छी शिक्षा की राह खुलती है, आंगनबाड़ी में बच्चों के अनुकूल दशा में सुधार लाकर उनकी सेहत के साथ शारीरिक, बौद्धिक व मानसिक क्षमताओं के उम्दा इंतजाम सुनिश्चित किए जा सकते हैं। यही उद्देश्य लेकर सेवा के लिए जीवन समर्पित कर चुके 2212 युवाओं ने आंगनबाड़ी केंद्रों को निर्मल बनाने का जिम्मा उठाया है। वे केंद्रों में व्यवस्थाएं बेहतर कर वहां बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रयास में जुटे हैं।

कोरबा(thevalleygraph.com)। युवाओं की यह टीम आंगनबाड़ी केन्द्रों को बच्चों के अनुकूल बनाने के प्रयास में जुटी है। पंचायत प्रतिनिधियों व माता-पिता को प्रशिक्षण प्रदान कर सेहत व शिक्षा के प्रति जागरुक किया जा रहा है। निर्मल आंगनबाड़ी अभियान के तहत जिले में संचालित कुल 2564 केंद्रों में 1949 को शामिल किया गया है। दस परियोजनाओं को कवर व 91 सेक्टर कवर किए जा रहे हैं। इस मुहिम में 2559 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, 1370 पंचायत राज संस्थाओं और 3798 स्व सहायता समूहों की भी मदद ली जा रही है। जिले में जुटे इन 2212 युवाओं की टीम आंगनबाड़ी केंद्रों में आने वाले बच्चों के 3472 माता-पिता को जोड़कर उन्हें उत्तम व्यवस्था के लिए प्रशिक्षित व जागरुक भी कर रही है।

निर्मल आंगनवाड़ी अभियान के तहत महिला व बाल विकास अधिकारी व समस्त एकीकृत बाल परियोजना अधिकारी के सहयोग से कोरबा जिले के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में साफ-सुथरा और संगठित वातावरण बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण अभियान चलाया जा रहा है। कलेक्टर अजीत वसंत (आईएएस) के नेतृत्व व जिला प्रशासन के दिशा-निर्देश में चलाए जा रहे अभियान के तहत एक जनवरी जिले के 10 एकीकृत बाल विकास परियोजना, 91 क्षेत्र के अंतर्गत सभी आंगनबाडी केंद्रों को निर्मल बनाने का लक्ष्य रखा गया है। अभियान का मुख्य उद्देश्य आंगनबाड़ी केंद्र को ऐसे वातावरण में परिवर्तित करना है, जो बच्चों के अनुकूल हो। इसके लिए पहला कदम आंगनवाड़ी परिसर को साफ-सुथरा रखना है। जिसमें प्रवेश द्वार, परिसर और बाहरी क्षेत्र को निगरानी में रखा जा रहा है। कक्षों व फर्श की सफाई से लेकर उपयोगी खिलौनों, पोस्टर, प्ले-कार्ड, और अन्य सामग्री सुव्यवस्थित हो इसका ध्यान रखा जा रहा है। इससे बच्चे न सिर्फ अच्छे से खेल-कूद गतिविधियों में शामिल हो सकेंगे, बल्कि उनमें आकर्षक गतिविधि की क्षमता वृद्धि भी होगी। इन प्रयायों से बच्चों का सही रूप से मानसिक व शारीरिक विकास होगा। इससे न केवल आंगनवाड़ी केंद्रों को सुधारा जाएगा, बल्कि समुदाय के सभी वर्गों को एक-दूसरे के साथ जोड़ने का भी एक अच्छा माध्यम मिलेगा।

हाइजीन भंडार कक्ष से खाद्य सामग्रियों की सुरक्षा
इसी तरह बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य व पोषण के लिए रसोई और भंडार कक्ष का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। खाद्य पदार्थों की सुरक्षा और हाइजीन को महत्वपूर्ण बनाए रखने के लिए साफ-सुथरा और संगठित भंडार कक्ष तैयार किया जा रहा है। इस अभियान को पूर्ण रूप से सफल बनाने को लेकर पिरामल फाउंडेशन की टीम अहम योगदान दे रही है। टीम समुदाय स्तर पर सभी सदस्यों को संयुक्त रूप से सहयोग करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, जिसका नेतृत्व पंचायत स्तर पर सरपंच व सचिव द्वारा किया जा रहा है। जिससे ग्राम पंचायत स्तर पर एक समृद्ध और सामूहिक साक्षरता का माहौल बनेगा।

फैक्ट फाइल
जिले में कुल आंगनबाड़ी- 2564
अभियान में शामिल- 1949
कवर परियोजनाएं- 10
कवर किए गए सेक्टर- 91
आंबा कार्यकर्ता – 2559
पंचायत राज संस्थाएं – 1370
स्व सहायता समूह- 3798
युवा- 2212
माता-पिता- 3472


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Aakash Pandey

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