नई श्रम संहिता में मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा की व्यवस्था नहीं, जायज मांग के लिए आंदोलन पर जेल का भी प्रावधान : ज्योत्सना

Share Now

सांसद ज्योत्सना चरण दास महंत ने ली श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक। कहा- मोदी सरकार ने खोले बेरोजगारी की समस्या बढ़ाने के रास्ते।

केंद्र सरकार ने 44 श्रम कानूनों में बदलाव कर उन्हें काफी विरोध के बाद भी चार श्रम संहिता में परिवर्तन कर दिया है। थोपी गई नीतियों से मजदूरों की परेशानियां बढ़ गई है। उद्योगपतियों के हित में लिए गए इस निर्णय से मजदूरों के साथ अन्याय होगा। श्रमिकों ने संघर्ष कर अपनी जान दी, तब आठ घंटे की ड्यूटी अवधि निर्धारित करने में सफलता मिली, परंतु प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार काम की समयावधि एक बार फिर 12 घंटा कर रही है। इतना ही नहीं फिक्स टर्म एंपलाइमेंट लाया जा रहा है। इससे मजदूरों का शोषण बढ़ेगा। जितने घंटे काम की जरूरत होगी, उतने घंटे ही मजदूरों को काम दिया जाएगा, इसके बाद उसे निकाल दिया जाएगा। नए श्रम संहिता में मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा की भी व्यवस्था नहीं की गई है। जायज मांग को लेकर आंदोलन करने पर जेल भेजने का प्रावधान किया गया है।

कोरबा। यह बातें बुधवार को कोरबा लोकसभा की सांसद व कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत ने श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में कहीं। सांसद ने आगे कहा कि केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के चलते मजदूरों के पास काम नहीं होगा और घंटे के हिसाब से भुगतान मिलने से जीवकोपार्जन की समस्या उत्पन्न हो जाएगी। सांसद ज्योत्सना महंत ने कहा कि नए श्रम संहिता में मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा की भी व्यवस्था नहीं की गई है। जायज मांग को लेकर आंदोलन करने पर जेल भेजने का प्रावधान किया गया है। सार्वजनिक उपक्रमों को विनिवेश कर निजी हाथों में सौंपा जा रहा। वहीं इन उद्योगों में नियमित प्रवृत्ति के कार्य में संलग्न मजदूरों के सेवानिवृत होने पर ठेका मजदूर नियोजित कर उनकी जान जोखिम में डाला जा रहा है।

अप्रेंटिस के बाद दिखाया जा रहा बाहर का रास्ता

पहले अप्रेटिंस किए लोगों को उपक्रम में ही नियमित कर दिया जाता था, पर अब अप्रेटिंस के नाम पर युवकों के साथ छल किया जा रहा है। अप्रेंटिस कराने के बाद बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है, इससे उनके समक्ष रोजगार की समस्या उत्पन्न होते जा रही है। स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं दिया जा रहा है। सांसद ने कहा कि केंद्र की नई पेंशन नीति का सभी श्रमिक संगठन विरोध कर रहे हैं, बावजूद केंद्र सरकार उसे लागू करा रही है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने पुरानी पेंशन योजना लागू की, परंतु भाजपा की सरकार आते ही इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

इन ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधि रहे मौजूद

सांसद ने श्रमिक प्रतिनिधियों से कहा कि संसदीय क्षेत्र के कोरबा-कोरिया जिले में वे मजदूरों के हितों के लिए निरंतर कार्य करती रही हैं। चुनाव में सभी का समर्थन प्राप्त करने वे संसदीय क्षेत्र के मजदूरों के बीच पहुंच रही हैं व सबका समर्थन प्राप्त हो रहा है। हमारी सरकार आने पर मजदूरों को मजबूत बनाने के लिए कार्य किया जाएगा। बैठक के दौरान इंटक के राष्ट्रीय महासचिव व छग प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह, बालको इंटक महासचिव जेपी यादव, इंटक प्रदेश सचिव रमेश मिश्रा, पीआईएल यूनियन अध्यक्ष शिवदयाल, कोषाध्यक्ष बालको इंटक रमेश जांगिड़, उप महासचिव विमलेश यादव व अनिल जाटवर सहित नीतिन चंदेल, मनोज अनंत, विजय सिंह, पारस यादव, देवेन्द्र वर्मा, यशवंत लदेर, देवेन्द्र यादव, बालेश्वर निषाद, संजय श्रीवास, रोहित नामदेव सहित अन्य उपस्थित रहे।
———-


Share Now
Aakash Pandey

Recent Posts

शहर के नामचीन कारोबारी पर अपने ही भाई ने लगाया था धोखाधड़ी का आरोप, 8 साल पुराने मामले में अदालत ने किया दोषमुक्त

कोरबा(theValleygraph.com)। लगभग 8 साल पूर्व शहर के एक प्रतिष्ठित व्यवसायी पर उनके ही भाई ने…

2 days ago

शिक्षकों से मिला ज्ञान का वरदान ही है जो देश के अच्छे कल के लिए योग्य नागरिकों का निर्माण सुनिश्चित होता है: आकाश शर्मा

देखिए वीडियो ... कमला नेहरु महाविद्यालय में शिक्षक दिवस समारोह आयोजित भारतीय स्टेट बैंक ने…

3 days ago

अपनी शक्ति और क्षमताएं पहचानें और शत-प्रतिशत मतदान के लक्ष्य को प्राप्त करने आगे आएं युवा: अपर आयुक्त विनय मिश्रा

देखिए वीडियो ...कमला नेहरु महाविद्यालय में मतदाता जागरुकता कार्यक्रम आयोजित, आगामी नगरीय निकाय चुनावों में…

3 days ago

एनीकट पचरा में लूट करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार कर भेजा गया जेल

कोरबा। जिले की पुलिस ने एसपी सिद्धार्थ तिवारी (IPS) के निर्देश पर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक…

3 days ago