सरदार सुजान सिंह वर्तमान में भारतीय नौ सेना से सबसे उम्रदराज पूर्व अफसर हैं। उन्होंने आईएनएस सहित पांच जहाजों पर सेवा दी। 102 वर्ष की आयु में भी वे प्रतिदिन जिम में कसरत करते हैं। तन और मन से ऐसे फिट कि नौजवानों की तंदरुस्ती भी फीकी पड़ जाए। 15 अगस्त को हर साल भारतीय नौसेना से होता है सम्मान।
रॉयल नेवी के अफसर रहे पूर्व चीफ मैकेनिकल इंजीनियर सरदार सुजान सिंह हिंदुस्तान की आजादी से पहले अंग्रेजी हुकूमत वाली रॉयल नेवी के अफसर रहे। जब देश स्वतंत्र हुआ, तब वह कराची में तैनात थे। जब भारत और पाकिस्तान को चुनने की बारी आई तो उन्होंने गर्व के साथ हिंदुस्तान को चुना था। इतना ही नहीं, 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को धूल चटाने में अहम भूमिका भी निभाई थी। 15 अगस्त 2023 को स्वतंत्रता दिवस के दिन उनके जीवन के 102 साल पूरे हो गए। शताधिक आयु में भी वह शारीरिक और मानसिक तौर पर पूरी तरह स्वस्थ हैं।
सरदार सुजान सिंह वर्तमान में भारतीय नौ सेना से सबसे उम्रदराज पूर्व अफसर हैं। उन्होंने आईएनएस सहित पांच जहाजों पर सेवा दी। उत्तर प्रदेश के मेरठ में 16 अगस्त 1921 को जन्मे सरदार सुजान सिंह के पिता उजागर सिंह विर्क भी फौज में ब्रिग्रेडियर रहे। वह दो भाई थे, उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पिंड काडियाल चक सितारा, जिला शेखूपुरा (अब पाकिस्तान) में हासिल की थी। परिवार की आर्थिक हालत कमजोर थी। इस कारण वह 18 अगस्त 1944 को घर से निकल पड़े और लाहौर आकर सेना की भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो गए। 15 अगस्त 1947 को सिर्फ देश का ही बंटवारा नहीं हुआ था बल्कि सेनाएं भी विभाजित हुई थी। इस दिन वह पाकिस्तान के कराची में तैनात थे। उन्होंने बताया कि जब उनसे उनकी इच्छा जानी गई कि वह पाकिस्तान नेवी में रहना चाहते हैं या फिर भारत की तो उन्होंने गर्व से भारतीय नौसेना को चुना था। सरदार सुजान सिंह भारतीय नौसेना के देश में सबसे उम्रदराज पूर्व अफसर हैं। जब से उनकी आयु 100 हुई, तब से लेकर अब भारतीय नौसेना के अध्यक्ष एडमिरल आर.हरीश कुमार की टीम हर साल उनके घर पर आकर सरदार सुजान सिंह को सम्मानित करती है, नौसेना अध्यक्ष स्वयं भी वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से जुड़कर उनसे बात करते हैं। उनकी आयु अब 102 वर्ष पूरी हो चुकी है, लेकिन वह सुबह को जिम में कसरत करते हैं। शारीरिक और मानसिक तौर पर वह फिट हैं।
1962 में गोवा आपरेशन में अहम भूमिका निभाई
आज भी जब स्वतंत्रता दिवस नजदीक आता है तो वह उनसे युद्ध की बातें पूछते हैं तो दुश्मनों की फौजों को धूल चटाने के अपने कारनामे सुनाते सुनाते वह आक्रामक हो जाते हैं। सरदार सुजान सिंह के करीबी नेवल वैटर्न दर्शन सिंह अहलूवालिया ने बताया कि 1962 में जब गोवा आपरेशन हुआ। तब सरदार सुजान सिंह भी इस आपरेशन में शामिल थे। उन्होंने इसमें अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने बताया कि 1971 के भारत पाक युद्ध में जब ईस्टर्न रीजन में युद्ध चल रहा था तब भारतीय नौसेना के विध्वंसक युद्धपोतों ने कराची पर जोरदार आक्रमण किया था कराची को तहसनहस करके वहां तिरंगा फहराया गया था। तभी से भारतीय नौसेना दिवस भी मनाया जाता है।
उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने वार्ड क्रमांक 18 कोहड़िया में 1 करोड़ 82 लाख रुपए…
एनटीपीसी चिकित्सालय कोरबा में स्तनपान कराने वाली शिशुवती महिलाओं के लिए स्वास्थ्य शिविर आयोजित, एनटीपीसी…
देखिए Video: कोरबा। रेलवे स्टेशन कोरबा के प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर उस समय हड़कंप मच…
कोरबा। शनिवार को विवेकानंद सेवा सदन में आद्य पत्रकार देवर्षि नारद पत्रकारिता सम्मान समारोह आयोजित…
नर्सिंग होम एक्ट के उल्लंघन और जांच में अनियमितता पाए जाने पर सख्ती दिखाते हुए…
कटघोरा। डॉक्टर्स डे पर 1 जुलाई को डॉ. गुप्ता होम्योपैथिक चिकित्सालय कटघोरा में एक निःशुल्क…