चुनाव को लोकतंत्रात्मक तरीके से ना लड़कर आक्रामकता दिखाना बिल्कुल भी शोभानीय नहीं : ज्योत्सना

Share Now

 मैं तो पति के मार्गदर्शन में चलती हूं, सरोज किसके कहने पर…? सरोज पाण्डेय का बयान महिलाओं के लिए अपमानजनक।

कोरबा लोकसभा की सांसद व कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना चरणदास महंत ने भाजपा उम्मीदवार सुश्री सरोज पांडेय के द्वारा दिए गए बयान को प्रत्येक महिला के लिए निंदनीय कहा है।
ज्योत्सना महंत ने कहा है कि मेरे निर्णय स्वयं के रहते हैं, इसमें महंत जी का कोई हस्तक्षेप नहीं होता। हालांकि वे क्षेत्र के अनुभवी और बड़े जनप्रतिनिधि हैं, उनका मार्गदर्शन लेकर ही काम करती हूं और अपने पति से पूछ कर काम कर रही हूं तो इसमें टिप्पणी वाली कोई बात कैसे हुई। मैं तो अपने पति के कहने पर चल रही हूं लेकिन सरोज पाण्डेय बताएं कि वे किसके कहने पर चल रही हैं। इस तरह की बातें कहकर सरोज पांडेय ने हर उस महिला का अपमान किया है जो अपने पति के सहयोग से काम करती हैं/आगे बढ़ती हैं। ज्योत्सना महंत ने कहा कि अपने संसदीय क्षेत्र में मेरी सक्रियता लगातार रही है और यह किसी को बताने की जरूरत नहीं है। ढाई साल कोरोना में बीत गए तो संक्रमण का फैलाव में सावधानी रखी गई। इस बीच 17 बार मेरा कोरबा आना हुआ जिसमें मेडिकल कॉलेज के सिलसिले में डीन से मुलाकात हुई। अगर मैं कोरबा ना आती तो क्या मेडिकल कॉलेज खुल जाता, स्वामी आत्मानंद स्कूल/कॉलेज की सौगात मिलती। और भी बहुत से कार्य हुए हैं। चाहें तो मेरी उपस्थिति,मेरा रिकॉर्ड देखा जा सकता है लेकिन यह सब मैं सरोज पांडेय को क्यों बताऊं कि मेरा कोरबा कितनी बार आना हुआ है? आखिर वह भी तो कोरबा लोकसभा की पालक सांसद रही हैं, वह बताएं कि कब-कब वह अपने क्षेत्र में आई। जनता के दु:ख-तकलीफ में, कोरोना काल में जब उनको आवश्यकता थी,तब भी वह दूर-दूर तक कहीं नजर नहीं आई। वे अभी चुनाव के समय यहां आकर प्रश्न कर रही हैं जबकि मैं तो 5 साल से सांसद रही हूं, अभी भी सांसद हूं और मैंने अपने संसदीय क्षेत्र में सक्रिय रहकर काम किया है, इसके लिए किसी प्रमाण की आवश्यकता नहीं जनता स्वयं जानती है।
सांसद ने कहा कि चुनाव के वक्त सरोज पांडेय कोरबा में टपक पड़ी हैं लेकिन बहुत ही जल्द जनता उनके अरमान बुलबुले की तरह फोड़ देगी। सांसद ने कहा कि सरोज पांडेय भी एक महिला हैं और उन्हें महिला से किस तरह का मर्यादित व्यवहार और बातचीत करना चाहिए, इतनी तो उनमें समझ होगी। वह बात-बात पर अनर्गल बयानबाजी करती जा रही हैं। एक राष्ट्रीय दल की राष्ट्रीय नेत्री और चुनाव में उम्मीदवार होने के बाद भी उनमें इतनी समझ नहीं है कि बात किस तरह से की जाती है। क्या उन्हें उनके बड़े नेताओं ने, जिनके कहने पर वे चल रही हैं बात करने का लहजा नहीं सिखाया है। सांसद ने कहा कि पति के मार्गदर्शन पर चलना भी सौभाग्य की बात है लेकिन यह बात आखिर सुश्री सरोज पांडेय कैसे समझ पाएंगी? सांसद ने कहा कि वह चुनाव को लोकतंत्रात्मक तरीके से ना लडक़र आक्रामकता दिखा रही हैं जो बिल्कुल भी शोभा नहीं देता। उनके बयानबाजी का स्तर यह बताने के लिए काफी है कि भाजपा के लोग महिलाओं के प्रति क्या सोच रखते हैं।
———–


Share Now
Aakash Pandey

Recent Posts

ओंकारेश्वर की बेटी आद्रिका सिंह ने बढ़ाया मान, इनलाइन स्केटिंग में जिला चैंपियन बन राज्य स्तर के लिए चयनित

ओंकारेश्वर नगर के लिए गर्व का क्षण तब आया, जब यहाँ की होनहार बालिका आद्रिका…

8 hours ago

NKH बालाजी ब्लड सेंटर में हुए विशाल रक्तदान शिविर में जरूरतमंदों के लिए रुधिर अर्पित करने युवाओं में दिखा उत्साह

कोरबा। एनकेएच बालाजी ब्लड बैंक एवं लायंस क्लब बालको के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को…

2 days ago

छग बिजली कंपनी के पेंशनर्स के लिए अच्छी खबर, 1250 करोड़ के पेंशनर्स ग्रांट को बढ़ाकर किया 1470 करोड़

छत्तीसगढ़ की सरकारी बिजली कम्पनियों के पेंशनर्स के लिए अच्छी और महत्वपूर्ण खबर आ रही…

2 days ago

कोरबा और छग को ऊर्जावान रखने अपने सेवाकाल में अर्पित आप सभी का योगदान अमूल्य है : मंत्री लखन

कोरबा पूर्व कॉलोनी स्थित जूनियर क्लब में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल पेंशनर्स एसोसिएशन के 24वें…

2 days ago