कला में महारत रखने वाले देशभर के 5000 बच्चों से आगे निकलते हुए Cultural Talent Search में छत्तीसगढ़ से एकमात्र नन्हीं कथक नृत्यांगना इशिता ने हासिल किया नेशनल स्कॉलरशिप

Share Now

गायन, वादन और नृत्य जैसी कलाओं में महारत रखने वाले देशभर के 5000 बच्चों को प्रतिस्पर्धा में पीछे छोड़ कोरबा की नन्हीं कथक नृत्यांगना इशिता कश्यप ने कोरबा और छत्तीसगढ़ के लिए एक नई उपलब्धि हासिल की है। इशिता ने Cultural Talent Search Scholarship Scheme (2023-24) की रेस में बाजी मारते हुए नेशनल स्कॉलरशिप अपने नाम किया है। वह छत्तीसगढ़ की एक मात्र बाल कलाकार है, जिसे कथक में राष्ट्रीय छात्रवृत्ति 2023-24 के लिए चुना गया है। 

रायपुर(theValleygraph.com)। सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित नेशनल स्कॉलरशिप 2023-24 में गायन वादन नृत्य जैसे सभी विधाओं में से चयनित होने वाले छात्रों की सूची जारी की गई है जिसमे इशिता कश्यप छत्तीसगढ़ की एक मात्र कथक नृत्यांगना के रूप में चुनी गई है जो पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का विषय है। संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित सांस्कृतिक श्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र द्वारा वर्ष 1982 से प्रतिभाशाली बच्चों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्तर पर सांस्कृतिक प्रतिभा खोज छात्रवृत्ति योजना का संचालन किया जा रहा है जिसमें कला के पारंपरिक रूपों का प्रतिनिधित्व करने वाले कलाकारों को यह छात्रवृत्ति प्रदान किया जाता है। पूरे भारत में प्रतिवर्ष यह CCRT छात्रवृत्ति 11 से 14 वर्ष के आयु के 650 छात्रों को प्रदान किया जाता है। वर्ष 2023-24 में इस छात्रवृत्ति हेतु देश भर के 5000 से अधिक छात्रों ने नामांकन किया था जिसके परिणाम की घोषणा 12 जून 2024 को की गई ।पूरे छत्तीसगढ़ से एकमात्र कथक नृत्यांगना के रूप में इशिता कश्यप का चयन किया गया है, इशिता कश्यप अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त तबला वादक एवं नृत्य गुरु श्री मोरध्वज वैष्णव जी की शिष्या है एवं केंद्रीय विद्यालय 2, एनटीपीसी कोरबा में कक्षा छठवीं की छात्रा है।

कला गुरु मोरध्वज वैष्णव के सान्निध्य में रायगढ़ घराने की बोल बंदिशों और बनारस घराने की 150 चक्कर का परण नृत्य में पारंगत, दुबई एवं मलेशिया जैसे विदेशी धरती में भी अपनी प्रस्तुति दे चुकी है। 11 वर्ष की उम्र में अब तक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर 15 बार प्रथम पुरस्कार अपने नाम कर एक नया रिकॉर्ड कायम किया है।

बचपन से ही कत्थक नृत्य में उसकी रुचि को देखते हुए उनकी माता अनिता कश्यप एवं पिता रघुनंदन कश्यप ने इशिता को महज 4 वर्ष की उम्र में ही कला गुरु मोरध्वज वैष्णव जी के सानिध्य में भेजा जहां इनके गुरु ने इनकी प्रतिभा को तराशते हुए रायगढ़ घराने के विशेष बोल बंदिशों, तत्कार एवं चक्करदार में पारंगत किया, बनारस घराने का 150 चक्कर का परण इशिता के नृत्य का मुख्य आकर्षण है। इशिता ने कोलकाता, पुणे, भोपाल, आगरा रायगढ़, बिलासपुर जैसे देश के अनेक बड़े नगरों के आलावा दुबई एवं मलेशिया जैसे विदेशी धरती में भी अपनी प्रस्तुति दे चुकी है। 11 वर्ष की उम्र में अब तक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर 15 बार प्रथम पुरस्कार अपने नाम कर एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। इशिता ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने गुरु मोरध्वज वैष्णव को दिया है। इतनी कम उम्र में इतनी प्रतिभा निश्चय ही गुरु की योग्यता एवं इशिता के कड़ी मेहनत को प्रदर्शित करती है। राज्य शासन द्वारा ऐसे कलाकारों को प्रोत्साहित किए जाने की आवश्यकता है जिससे कलाकार राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकें तथा छत्तीसगढ़ का नाम रौशन कर सकें।


Share Now
Aakash Pandey

Recent Posts

“नानकुन नोनी” की आत्मा की शांति के लिए आज शाम 7 बजे रायपुर घड़ी चौक में CKS की श्रद्धांजलि सभा

दुर्ग में सामने आई मासूम बच्ची के साथ रेप और हत्या की हृदय विदारक घटना…

41 minutes ago

NREGA: एक अप्रैल से 18 रुपए बढ़ाई गई श्रमिकों की मजदूरी, अब 261 रुपए की दर से मिलेगा भुगतान

कोरबा। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत ग्राम पंचायतों में सोमवार को…

12 hours ago

सहायक विकास विस्तार अधिकारी के 200 पदों पर होगी भर्ती, देखें क्या है आयु सीमा और शैक्षणिक योग्यताएं

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, विकास आयुक्त कार्यालय में सहायक विकास विस्तार अधिकारी के रिक्त…

13 hours ago

पत्थर से कुचलकर पत्नी ने ही किया था कत्ल, चरित्र शंका और फिल्में देख आपत्तिजनक हरकतें करता था पति

कोरबा पुलिस ने लेमरू थाना क्षेत्र में घटित हत्याकांड के मामले को सुलझा लिया है।…

14 hours ago