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जाने-अनजाने हम कई बार परिवार को कुछ ऐसी मुश्किलों से घिरा पाते हैं, जिसकी वजह समझ पाना भी पहेली बन जाता है। फिर पता चलता है कि पितृ दोष इन परेशानियों की वजह हो सकती है। यह एक ऐसा विषय है जिस पर वैदिक ज्योतिष में अक्सर चर्चा होती है। ऐसी मान्यता है कि पूर्वजों की अतृप्ति और नकारात्मक कर्म आने वाली पीढ़ियों के जीवन में अनेक प्रकार की बाधाओं का कारण बनती हैं। इन कारकों को जातक की जन्म कुंडली में नजर आने वाले विभिन्न संकेतकों के माध्यम से पहचाना जा सकता है। इसके प्रभावों में पारिवारिक संघर्ष, वित्तीय बाधाएँ, स्वास्थ्य समस्याएँ और करियर में अस्थिरता शामिल हैं। इन बाधाओं को दूर करने के उपाय भी हैं, जिनके बारे में आज हम गुरु पूर्णिमा पर चर्चा करेंगे और उन्हें जानने का प्रयास करेंगे।
आषाढ़ पूर्णिमा का महत्व
पूर्णिमा का बहुत धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व है। मान्यता के अनुसार, भगवान विष्णु के मत्स्यावतार, सुब्रह्मण्य और श्री बुद्ध जैसे कई देवताओं ने अवतार लिया या पूर्णिमा के दिन जन्म लिया। कहा जाता है कि इस दिन की जाने वाली पूजा का बहुत बड़ा फल होता है। भक्त सत्य नारायण पूजा जैसी कुछ विशेष पूजा करते हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से पूर्णिमा का हमारे शरीर और मन पर कुछ महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
“आषाढ़ पूर्णिमा के दिन आपको अपंग, विधवा और ऐसे लोगों की मदद करनी चाहिए जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। इन लोगों की मदद करने से आपको पितरों का आशीर्वाद तो प्राप्त होता ही है, साथ ही देवी देवता भी आप पर कृपा बरसाते हैं।”
अगर आपको पितृ दोष से मुक्ति की आवश्यकता है तो आषाढ़ पूणिमा, यानी जिसे गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, के दिन कुछ जरूरी कार्य करने चाहिए। साल 2024 में गुरु पूर्णिमा आज रविवार 21 जुलाई को है। इस दिन कुछ ऐसे कार्य किए जा सकते हैं, जिससे आप जीवन की नाना प्रकार की समस्याओं को सुलझा सकते हैं।
गुड़, बर्फी, शरबत आदि का दान
पितृ देवताओं को प्रसन्न करने के लिए गुरु पूर्णिमा के दिन आपको उन चीजों का दान करना चाहिए जो उन्हें पसंद थीं। अगर आपने अपने पितरों को देखा नहीं है तो गुड़, बर्फी, शरबत आदि का दान आप इस दिन कर सकते हैं। ऐसा करने से आपको पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सफलता की सीढ़ियां आप चढ़ते हैं।
पंछियों को दाना खिलाएं, पानी पिलाएं
गुरु पूर्णिमा के दिन आपको पक्षियों को दान डालना चाहिए और हो सके तो कौए को चुपड़ी रोटी डालनी चाहिए। अगर आप यह कार्य करते हैं तो पितरों का आशीर्वाद आपको प्राप्त होता है। साथ ही कुंडली में मौजूद पितृ दोष से भी आपको मुक्ति मिलती है। पक्षियों को दान डालने से आपका आर्थिक पक्ष भी मजबूत होता है और धन संचय करने में आप कामयाब होते हैं।
आषाढ़ पूर्णिमा के दिन आपको पितरों के निमित्त तर्पण अवश्य करना चाहिए। इस दिन सुबह जल्दी उठकर पितरों को याद करते हुए आपको सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए। इसके बाद पितरों के लिए भोजन निकालना चाहिए और उस भोजन को गाय, कुत्ते और कौए को खिलाना चाहिए। ऐसा करना पितरों को प्रसन्न करता है। आषाढ़ पूर्णिमा के दिन पितरों का तर्पण करने से आपको करियर में उन्नति मिलती है, धन की हानि नहीं होती और साथ ही रोग-दोष से भी आप मुक्त होते हैं।
पितरों के लिए जलाएं चौमुखी दीपक
पितृ देवताओं को प्रसन्न करने के लिए आषाढ़ पूर्णिमा के दिन आपको चौमुखी दीपक जलाना चाहिए। साथ ही आपको पितृ स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से अतृप्त पितरों की आत्मा को भी शांति मिलती है। चौमुखी दीपक जलाने से आपके जीवन का अंधियारा भी पितृ दोष दूर कर देते हैं।
(अस्वीकरण: इस लेख में बताया गई जानकारियां किसी वैज्ञानिक तथ्य या प्रमाणों पर नहीं, बल्कि लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। theValleygraph.com इनमें से किसी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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