रायपुर(theValleygraph.com)। खासकर नक्सल प्रभावित इलाकों में कई पुलिसकर्मी वर्षों से ड्यूटी पर तैनात हैं, जिन्हें तबादले के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। दूसरी ओर नेता और आला अफसरों की जैक लगाकर कई दो से 3 साल में ही सेफ जोन पहुंच जाते हैं। ऐसे ही पुलिसकर्मियों के तबादले को लेकर Chhattisgarh गृह मंत्री विजय शर्मा (HOME Minister) ने बड़ी घोषणा की है। उन्होंने साफ कहा है कि अब पुलिसकर्मियों को तबादले के लिए किसी नेता या अफसर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। जल्द ही ऑनलाइन सिस्टम से नियमानुसार ट्रांसफर की व्यवस्था लागू की जाएगी।
प्रदेश में लगातार नक्सलियों के उत्पात की खबर सामने आ रही है। जिससे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीणों के बीच दहशत का माहौल बना हुआ है। इसी कड़ी में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ड्यूटी कर रहे सुरक्षाबलों को लेकर विधानसभा के मानसून सत्र में भानुप्रतापपुर की विधायक सावित्री मंडावी ने कई सवाल खड़े किए, जिसको पर गृह मंत्री विजय शर्मा जवाब देते हुए कहा कि गृह विभाग नई नीति बना रहा है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में तैनात पुलिस के ट्रांसफर के लिए नई पॉलिसी बनाई जा रही है। ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन सिस्टम बन रहे हैं।
वहीं विजय शर्मा ने आगे कहा कि ट्रांसफर की पॉलिसी पहले से तैयार है। ट्रांसफर योग्य अधिकारी, कर्मचारी ऑनलाइन आवेदन करेंगे। ट्रांसफर आदेश घर तक पहुंच जाएगा। अब नेता अधिकारी के यहां चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। वहीं गृहमंत्री पुलिस आवास को लेकर भी जवाब दिया। कहा कि 5 साल में पुलिस आवास पर काम नहीं हुआ है। सिर्फ 5 हजार मकान ही बने हैं। अब इस दिशा में सरकार और काम कर रही है।
उल्लेखनीय होगा कि कांग्रेस विधायक Savitri Mandavi (MLA) ने विधानसभा में कहा था कि कुछ कर्मचारी 2 या 3 साल में नक्सल इलाकों से अपना ट्रांसफर करा लेते हैं, लेकिन कुछ 10 सालों से भी ज्यादा समय से वहीं नौकरी कर रहे हैं। उनके लिए भी अन्य जिलों में ट्रांसफर की नीति होनी चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस कर्मियों की मैदानी इलाकों में पदस्थापना का क्या प्रावधान है? पदस्थापना के लिए विभाग के क्या दिशा-निर्देश है? कर्मचारियों के लिए दिशा-निर्देश कब तक जारी होंगे और उनकी आवास की क्या व्यवस्था है?
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