Student होने के नाते जिंदगी में क्या बनना है, ये फैसला आपका है, पर लक्ष्य को पाने कमला नेहरू काॅलेज में हर संभव मदद मिलेगी, यह मेरा विश्वास है: गोपाल मोदी


कमला नेहरु महाविद्यालय में दीक्षारंभ समारोह आयोजित, राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर कार्यशाला में विद्यार्थियों व पालकों का किया गया मार्गदर्शन.

आज समय है पढ़ने का, कुछ करने का है। काॅलेज के ये सुनहरे दिन एक बार गुजर गए तो कभी वापस लौटकर नहीं आएंगे। एक विद्यार्थी होने के नाते आपको जीवन में कौन सा लक्ष्य प्राप्त करना है, इसका फैसला तो आप करेंगे पर आपको आपके लक्ष्य की ओर अग्रसर करने कमला नेहरु महाविद्यालय हर संभव प्रयास सतत करता रहेगा, ऐसा मेरा विश्वास है। यह कोरबा का सबसे पुराना महाविद्यालय है, जहां स्कूल के दिनों में हम घूमने आया करते थे। उस दौर में यहां से डिग्री लेकर निकलने वाले बड़ी संख्या में ऐसे नागरिक हैं, जिन्होंने देश-प्रदेश में एक मुकाम हासिल किया, कोरबा और छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया। आपको भी अपने लक्ष्य के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी और अपने शिक्षक-प्राध्यापक से जुड़े रहकर उनके पूछना और सीखते रहना होगा। जब आप यहां से निकलकर किसी बड़े मुकाम पर पहुंच जाएंगे, आपको स्मरण किया जाएगा और इसी प्रांगण में आपका भी नाम बार-बार दोहराया जाएगा।

कोरबा(thevalleygraph.com)। यह बातें सोमवार 5 अगस्त को कमला नेहरु महाविद्यालय कोरबा में आयोजित दीक्षारंभ समारोह के मुख्य अतिथि रहे भाजपा जिला कोषाध्यक्ष गोपाल मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) के विषय पर छात्र-छात्राओं व उनके पालकों को मार्गदर्शन प्रदान करते हुए कहीं। सर्वप्रथम वंदनगान के साथ विद्या की देवी मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम शुरु किया गया। इसके बाद सभी ने छत्तीसगढ़ के राजगीय गीत अरपा-पैरी के धार का सामूहिक गान किया।

महाविद्यालय समिति के वरिष्ठ सदस्य एवं समाजसेवी श्री मोदी ने अपने छात्र जीवन के अनुभव साझा करते हुए कहा कि जब हम स्कूल से काॅलेज गए, उस समय बच्चों का स्वागत रैगिंग से होता था। बहुत बार ऐसा होता था, जब बच्चे डिप्रेशन में आ जाते थे। माता-पिता डर में होता था कि कैसे हमारा बच्चा काॅलेज में पढ़ाई करता होगा। हमने भी रैगिंग सहा है पर आज के दौर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के रुप में जो सकारात्मक बदलाव आया है, कि माता-पिता अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर निश्चिंत रहें। उनका तिलक लगाकर स्वागत कर रहे हैं। काॅलेज परिवार उन पर पुष्पवर्षा कर अभिनंदन कर रहे हैं और आपस में उनका परिचय हो रहा है।

आज जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बूते जो सबसे बड़ा बदलाव है वह यह है कि आप सभी विषय को पढ़ सकते हैं। पुराने समय में अगर आट्र्स लिया तो साइंस या काॅमर्स नहीं पढ़ सकते थे। आज इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति में परिवर्तन हुआ है। विद्यार्थी चाहें तो विज्ञान के साथ काॅमर्स या आट्र्स के विषय भी पढ़ सकते हैं। हमें अपने सांस्कृतिक धरोहर को जानना-समझना और जीवन में शामिल करना है, आत्मसात करना है।

मंचस्थ अतिथियों में प्रमुख रुप से श्री मोदी, कमला नेहरु महाविद्यालय समिति के अध्यक्ष किशोर शर्मा, सहसचिव उमेश लाम्बा एवं प्राचार्य डाॅ प्रशांत बोपापुरकर मौजूद रहे।


BBA-PGDCA के सीट बढ़े, MSc Zoology में प्रयास जारी, MSW भी जल्द: अध्यक्ष किशोर शर्मा

कमला नेहरु महाविद्यालय समिति के अध्यक्ष किशोर शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से विद्यार्थी के पास असीमित ज्ञान, असीमित भाषा होगी और असीमित तौर पर आप अपने व्यक्तित्व को निखार पाने में सक्षम बन सकेंगे। विद्यार्थी जितनी ज्यादा गंभीरता से गहन अध्ययन करेंगे, देश का अच्छा और जिम्मेदार नागरिक बनने का लक्ष्य मिल सकेगा। इस महाविद्यालय में बीबीए की सीटें बढ़कर 45 हो गई हैं। अभी इस विषय में 30 सीटें हैं। इसी तरह पीजीडीसीए में सीट वृद्धि हुई है और दोनों विषयों पर शासन से आदेश भी आ चुका है। इसके अलावा दस सीट वाले एमएससी प्राणीशास्त्र में बढ़ाकर 30 सीट किए जाने और नए कोर्स के रुप में एमएसडब्ल्यू शुरु कराने के प्रयास भी चल रहे हैं। उम्मीद है कि आगामी दिनों में शासन से आदेश प्राप्त हो जाएगा।


मैं विश्वास दिलाता हूं कि विद्यार्थियों की हर कठिनाई दूर होगी: प्राचार्य डाॅ प्रशांत बोपापुरकर
प्राचार्य डाॅ प्रशांत बोपापुरकर ने कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों, छात्र-छात्राओं व उनके पालकों का अभिनंदन किया। उन्होंने तिलक लगाकर व पुष्प भेंटकर नवप्रवेशी विद्यार्थियों का स्वागत-अभिनंदन किया। कहा कि विद्यार्थियों को सुनहरे भविष्य की ओर अग्रसर करने पूरा काॅलेज परिवार हर पल तैयार और तत्पर रहेगा। छोटी से छोटी हो या किसी भी प्रकार की समस्या, सभी विद्यार्थी अपने शिक्षकों या मुझसे सीधे संपर्क करें, मैं विश्वास दिलाता हूं कि उनकी परेशानियों का हल सुनिश्चित किया जाएगा। आज के समारोह में विद्यार्थियों और काॅलेज परिवार के बीच सम्मिलन और परिचय हुआ, यह पहल आगे भी समय-समय पर जारी रहेगा। पूर्व में हम चुनिंदा विषयों तक सीमित रह जाते थे, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बूते आज असीमित विषय उपलब्ध हैं, जिनमें हम अपने लक्ष्य और रुचि के अनुरुप पसंदीदा विषय चुनकर पढ़ाई कर सकते हैं। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थितजनों का आभार प्रदर्शन किया और 53 वर्ष पुराने इस महाविद्यालय की उपलब्धियां और संसाधनों की रुपरेखा भी प्रस्तुत की।


NEP Ambassadors और पालकों ने भी रखे अपने विचार
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) के तकनीकी पहलुओं को प्रत्येक विद्यार्थी से रुबरु कराने कमला नेहरु महाविद्यालय में हर विभाग से एनईपी एम्बेसडर मनोनीत किए गए हैं। बीबीए प्रथम वर्ष से मनोनीति एनईपी एम्बेसडर रिया विश्वकर्मा व राहुल विश्वकर्मा और बीए प्रथम वर्ष से तेजस ने भी कार्यक्रम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अपने ओजस्वी विचार प्रस्तुत किए। पालक के रुप में मौजूद रहे पदमसिंह चंदेल ने भी महाविद्यालय परिवार से अपने विचार साझा किए और विद्यार्थियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति से भली-भांति अवगत कराते हुए उनके लाभ से जोड़ने हर संभव प्रयास का आग्रह किया।


कार्यशाला में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तकनीकी पहलुओं पर चर्चा
समारोह के पहले सत्र की समाप्ति के बाद टी ब्रेक एवं स्वल्पाहार का प्रबंध किया गया। द्वितीय सत्र में नवप्रवेश छात्र-छात्राओं एवं उनके अभिभावकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान करने कार्यशाला रखी गई थी। इस सत्र में तकनीकी विशेषज्ञ की भूमिका निभाते हुए फाॅरेस्ट्री के विभागाध्यक्ष एवं काॅलेज में एनईपी के नोडल अधिकारी तथा प्राणीशास्त्र के सहायक प्राध्यापक वेदव्रत उपाध्याय ने तकनीकी पहलुओं पर छात्र-छात्राओं व अभिभावकों को मार्गदर्शन प्रदान किया। कार्यक्रम में मंच संचालन का दायित्व एनएसएस जिला संगठक वायके तिवारी ने निभाया। एनसीसी प्रभारी श्रीमती अनीता यादव ने एनसीसी ज्वाइन करने की प्रक्रिया से रुबरु कराया। कार्यक्रम में उपस्थित रहे पालकों का सम्मान बीएड विभाग की सहायक प्राध्यापक श्रीमती प्रीति द्विवेदी व एनएसएस के छात्र-छात्राओं ने किया। सामूहिक राष्ट्रगान के बाद कार्यक्रम के समापन की घोषणा की गई।


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