रायपुर/कोरबा(theValleygraph.com)। शनिवार को अपनी सात सूत्रीय मांगों पर आवाज बुलंद करते छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन की प्रदेश कार्यकारिणी ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह से मुलाकात की। इस मुलाकात में जहां एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने निगरानी समिति एवं मेंटोर नियुक्ति का विरोध किया, 7 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपते उस वादे का स्मरण भी कराया, जो भाजपा की सरकार आने पर चुनाव पूर्व किया गया था।
कोरबा जिले का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अक्षय कुमार दुबे ने बताया कि इसके पहले रायपुर में ही स्टेट एसोसिएशन की प्रदेश स्तरीय बैठक भी आयोजित की गई थी। इस बैठक के उपरांत विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह से पूर्व में की गई मांग (चुनाव से पहले) को याद दिलाते हुए पुनः उनके समक्ष अपनी मांगों को रखा गया है। श्री दुबे ने उम्मीद जताई है कि बहुत जल्द इनमें से कई सारी मांगे पूर्ण हो जाएंगी। तब तक चरणबद्ध प्रयास निरंतर जारी रखा जाएगा।
प्रदेश के अशासकीय स्कूलों की वे लंबित मांगे, जिनके निराकरण का आग्रह किया गया है
1. पिछले 12 वर्षों से आर.टी.ई. की राशि में कोई वृद्धि नहीं की गई है. आर.टी.ई. की राशि प्राथमिक कक्षाओं में 7000 से बढ़कर 15000, माध्यमिक की 11,500 से बढ़ाकर 18,000 एवम हाई और हायर सेकंडरी की अधिकतम सीमा को 15,000 से बढ़ाकर 25,000 तक किया जाय.( अन्य राज्यों में दी जाने वाली राशि संलग्न)
2. आर.टी.ई. के तहत प्रवेशित विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तक,गणवेश एवं लेखन सामग्री उपलब्ध कराने के संबंध में छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने माननीय उच्च न्यायालय में याचिका क्रमांक WPC : 5365/2021दाखिल की थी. इस याचिका में दिनांक 14.09.2022 को अंतरिम आदेश देते हुए माननीय माननीय उच्च न्यायालय ने स्कूल शिक्षा विभाग के आदेशों के क्रियान्वयन पर संगठन को स्टे प्रदान कर दिया है. माननीय उच्च न्यायालय के अंतिम आदेश तक किसी भी स्कूल पर कार्यवाही पर रोक लगाई जाए।
3. बसों की फिटनेस अवधि छत्तीसगढ़ में 12 वर्ष है जबकि देश के अधिकांश राज्यों में यह अवधि 15 वर्ष है . बसों की फिटनेस अवधि छत्तीसगढ़ में भी 15 वर्ष किया जाए।
4 . निजी स्कूलों में पढ़ने वाली बालिकाओं को भी सरस्वती साइकिल योजना का लाभ दिया जाए।
5. बजट में आर.टी.ई. की प्रतिपूर्ति राशि हेतु 65 करोड़ का प्रावधान है जबकि इतने सालों में छात्र संख्या बढ़ने के कारण यह राशि अब पर्याप्त नहीं है। इसे बढ़ाकर 150 करोड़ किया जाना चाहिए। हर वर्ष स्कूलों को आर.टी.ई. की प्रतिपूर्ति राशि प्रदान करने में विभाग से इसीलिए विलंभ होता है।
6. अशासकीय स्कूलों की मान्यता नियमों को सरलीकृत एवं प्रदेश में एक समान किया जाए तथा मान्यता 5 वर्षों के लिए प्रदान किया जाए। हर जिले में अलग नियमों का पालन होता है कोई जिला एक साल ,कोई तीन साल के लिए मान्यता का नवीनीकरण करता है।
7. छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश दिनांक 11 जून 2024 (इस आदेश में एक जिला स्तरीय निगरानी समिति का गठन किया गया है ) एवं छत्तीसगढ़ शासन एम, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश 19.06.2024 ( जिसमें प्रत्येक स्कूल में मैटर की नियुक्ति की गई है) यह दोनों आदेश और अशासकीय विद्यालयों जो किसी भी तरह का अनुदान प्राप्त नहीं करते उनमें एक गैर जरूरी दखल है, इसे रद्द किया जाए।