छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ का कहना है कि पदोन्नति उपरांत शिक्षकों का संशोधित वेतन 4 माह से लंबित है। जिसके भुगतान में बेवजह लेटलतीफी को लेकर 6 सितम्बर को जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन की तैयारी की जा रही है। इधर धरने के अल्टीमेटम के बाद भी लंबित वेतन भुगतान पर अधिकारी गंभीर नहीं दिख रहे हैं।
कोरबा(theValleygraph.com)। स्कूल शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ के निर्देश पर सहायक शिक्षक से शिक्षक एवं शिक्षक से प्रधान पाठक माध्यमिक शाला के पदों पर वरिष्ठता के आधार पर संभागीय संयुक्त संचालक बिलासपुर द्वारा जून 2023 मे पदोन्नति की कार्यवाही कर पदोन्नति प्रदान की गई थी। पदोन्नत ऐसे शिक्षकों के द्वारा जिन्हें दूरदराज एवं अन्य जिले मे पदस्थापना दी गई थी उनके द्वारा पदस्थापना मे संशोधन हेतु संयुक्त संचालक को अभ्यावेदन प्रस्तुत कर पदस्थापना मे संशोधन चाही गई थी जिसे स्वीकार्य करते हुए रिक्त पदों पर संशोधन किया गया था, संशोधित प्रभावित शिक्षकों के द्वारा संशोधित सस्था मे कार्यभार ग्रहण कर कुछ माह पदोन्नति पद का वेतन प्राप्त करते रहे। किन्तु कुछ गैर लोगों के द्वारा पदोन्नति संशोधन मे लेनदेन का आरोप लगाते हुए शिकायत की गई, शिकायत के आधार पर छ ग शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा उक्त संशोधन को निरस्त कर दिया गया था, उक्त निरस्तीकरण से प्रभावित शिक्षकों के द्वारा उच्च न्यायालय का शरण लिया जाकर सुनवाई पश्चात उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश प्रदान किया गया था। किन्तु उक्त स्थगन आदेश को स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा गलत परिभाषित कर प्रभावित शिक्षकों को राहत से बंचित कर दिया गया, सम्बंधित शिक्षकों के द्वारा संसोधित संस्था मे कार्य ग्रहण करने उच्चाधिकारियों के पास अनुनय-विनय करते रहे किन्तु इसका विभागीय अधिकारियों पर कोई प्रभाव नही पड़ा, यह समय सम्बंधित शिक्षकों के लिए बज्रपात जैसा था,यहीं से उनके लिए विभागीय आर्थिक विडम्बना एवं प्रताड़ना प्रारम्भ होकर लगातार चार माह सितम्बर 2023 से दिसंबर 2023 तक का वेतन भुगतान लंबित रखा गया, चार माह से वेतन प्राप्त नही कर पाना संशोधित शिक्षकों के लिए बड़ा त्याग एवं तपस्या का विषय था, वित्त एवं इलाज के आभाव मे कइयों ने अपने करीबियों को खोया, किन्तु प्रभावित शिक्षकों द्वारा आस नही छोडी गई अंतिम मे न्यायालय के माध्यम से जीत हासिल करते हुए चार माह से लंबित वेतन भुगतान कराने मे भी सफल हुए।
छ ग शासन के आदेश निर्देश का परिपालन नियत समय पर न हो इससे स्पष्ट है की विभागीय अधिकारी कितने गंभीर हैँ, इनकी उदासीनता पर शैक्षिक संगठनों को धरना करना उचित प्रतीत नही होता किन्तु इनकी जिम्मेदारी का आभास कराना पड़े इसके लिए धरना एक उचित मंच है जो आवश्यक ही नही बल्कि उचित भी है।
*छ ग प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ, छ ग शिक्षक संघ, छ ग राज्य कर्मचारी संघ यह मांग करती है कि उच्चाधिकारियों के आदेश पर सम्बंधित विषय पर क्रियान्वयन हेतु अधिकारियों के लिए समय सीमा की दरकार नही, यही कारण है की सम्बंधित अधिकारी उचित कार्यवाही करने के बजाय बिना भय के बेवजह लेटलतिफी करते रहते हैँ। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ विभाग द्वारा एक्शन मोड मे कार्यवाही करने की मांग की गई है।
इस सम्बन्ध में छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रान्ताध्यक्ष ओमप्रकाश बघेल, तरुण सिंह राठौर संभागीय उपाध्यक्ष छ ग शि. सं. एस एन शिव जिलाध्यक्ष छ ग रा. क. सं, नित्यानंद यादव जिलाध्यक्ष छ ग प्र. स. शि. संघ, मान सिंह राठिया जिलाध्यक्ष छ ग शि. संघ कोरबा द्वारा संयुक्त रूप से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जानकारी प्रदान की गई।
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