कोरबा

Internship माह में कहीं प्रेजेंट टेंस और प्लांट सेल का स्ट्रक्चर, तो किसी ने बनाया मैथ्स पार्क का थ्रीडी माॅडल, इस तरह अपनी टीचिंग स्किल निखार रहे छात्र अध्यापक

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कक्षा में बैठकर पढ़ाई करना, किताबों की थ्योरी को ब्लैक बोर्ड या वाइट बोर्ड में समझना जरुरी है। पर अपने विषय की तकनीकी बारीकियों को मन-मस्तिष्क में शामिल करने के लिए प्रायोगिक ज्ञान भी उतना ही लाजमी है। विशेषकर आने वाले कल में शिक्षक बनकर समष्टि वर्ग की एक अहम कड़ी बनने कड़ी मेहनत कर रहे बीएड प्रशिक्षार्थियों के लिए तो यह और भी जरुरी हो जाता है। यही जरुरत समझते हुए कमला नेहरु महाविद्यालय में B.Ed. (bachelor of education) का द्विवर्षीय डिग्री कोर्स कर रहे छात्र अध्यापकों के लिए इंटर्नशिप माह होता है, जिसमें उन्हें स्कूल जाकर बच्चों की क्लास लेनी होती है। इस दौरान अध्ययन-अध्यापन की व्यावहारिक विधियों को आत्मसात कर शिक्षण कौशल में निखार का प्रयास होता है। बीएड के शिक्षक भी मेंटर की भूमिका में स्कूल पहुंचकर उनका आत्मविश्वास बढ़ाते हैं और भविष्य के कुशल शिक्षक तैयार करने का दायित्व निभाते हैं। इसी कड़ी में कोरबा टाउन के थाना स्कूल में इंटर्नशिप माह के अंतर्गत बीएड प्रशिक्षार्थियों सह छात्र अध्यापकों ने अपने-अपने विषय के अनुरुप स्कूल के छात्र-छात्राओं के बीच प्रदर्शनी में सहभागिता दी। किसी ने अंग्रेजी में प्रेजेंट टेंस का स्ट्रक्चर, विज्ञान में पादप कोशिका (Plant Cell)का माॅडल और गणित में मैथ्स पार्क का थ्रीडी माॅडल प्रस्तुत कर अपनी टीचिंग स्किल बेहतर करने का प्रयास किया।


कोरबा(thevalleygraph.com)। कमला नेहरू महाविद्यालय के बीएड संकाय के प्रशिक्षार्थियों का शहर के शासकीय बालक पूर्व माध्यमिक शाला कोतवाली थाना में शिक्षक प्रशिक्षण के लिए स्कूल इंटर्नशिप अगस्त माह से प्रारंभ हो चुका है। गुरुवार 12 सितंबर 2024 को विद्यार्थियों द्वारा विज्ञान एवं कला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। साथ ही स्वच्छ भारत मिशन के तहत कबाड़ से जुगाड़ के लिए विज्ञान प्रदर्शनी सह मेले का आयोजन किया गया। इस आयोजन में कमला नेहरू महाविद्यालय बीएड के प्रशिक्षार्थियों ने अपने-अपने शिक्षण विषय से संबंधित (शिक्षण-अधिगम सहायक सामग्री) या टीचिंग-लर्निंग एड्स के माध्यम से इस स्कूल के विद्यार्थियों को अध्यापन कराया गया। इस दौरान प्रशिक्षार्थियों ने रोचक मॉडल के जरिए भी विषय से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई।

कमला नेहरु काॅलेज की बीएड प्रशिक्षार्थी एवं विज्ञान विषय की छात्र अध्यापिका दीप्ति साहू ने पादप कोशिका (Plant Cell) का मॉडल बनाकर सेल के एक-एक भाग को समझाया। अंग्रेजी विषय की छात्रा अध्यापिका गौसिया बानो ने स्कूल के विद्यार्थियों को इंग्लिश विषय में प्रयोग होने वाले प्रेजेंट टेंस (Present Tense) के स्ट्रक्चर को मॉडल के माध्यम से समझाया। गणित विषय की छात्र अध्यापिका अनुराधा गोप ने मैथ्स पार्क (Maths Park) बनाया, जिसमें उन्होंने गणितीय आकृतियों को 3D रूप में पहचान कर उन्हें कैसे परिभाषित किया जा सकता है, इस टाॅपिक पर बड़ी रोचक विधियों से कुछ इस प्रकार समझाया कि विद्यार्थियों को कठिन लगने वाला गणित आसानी से समझ में आए। इसके लिए उन्होंने मॉडल का निर्माण किया। इसी तरह छात्र अध्यापक मुकेश तिवारी ने वृत्त के कंपोनेंट को मॉडल के जरिए समझाया। जिसमें उन्होंने वृत्त के क्षेत्र त्रिज्या गोली के माध्यम से वृत्त के अवयवों को समझाया। छात्र अध्यापिका पूजा यादव ने स्क्वायर के नंबर को मॉडल के माध्यम से विद्यार्थियों के लिए निर्मित किया। इस मॉडल में हर एक अंक का वर्ग कैसे बनता है। प्रत्येक अंक की वर्ग संख्या कितनी है, इस मॉडल के माध्यम से बताया गया। प्रीति कंवर ने संधि के प्रकार का मॉडल बनाया, जिसमें संधि के प्रकारों का अलग-अलग खंडों में उल्लेख किया गया।


बतौर मेंटर स्कूलों में जाकर प्रशिक्षार्थियों का कौशल निखारते हैं बीएड शिक्षक : प्राचार्य डाॅ प्रशांत बोपापुरकर
कमला नेहरु महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ प्रशांत बोपापुरकर ने बताया कि शिक्षक प्रशिक्षण के दौरान बीएड (bachelor of education) संकाय के शिक्षकों को बतौर मेंटर विद्यालय जाकर प्रत्येक प्रशिक्षार्थी की शिक्षण प्रक्रिया की जांच करनी होती है। इसके साथ ही शिक्षकों को अपने इन प्रशिक्षार्थियों के आत्मविश्वास को भी प्रोत्साहित करना होता है। इस प्रक्रिया में मेंटर के तौर पर बीएड संकाय के शिक्षक स्कूलों में जाकर बीएड प्रशिक्षार्थियों को अध्यापन संबंधी तकनीकी दिशा-निर्देश भी प्रदान करते हैं। उन्हें अध्यापन के दौरान होने वाली कठिनाइयों का समाधान करते हैं, कमियों को दूर करने की विधियों से अवगत कराते हैं के बारे में बताते हैं और शिक्षण कौशल बेहतर कर उनमें सुधार करने के टिप्स भी देते हैं। ऐसा इसलिए, ताकि जब बीएड की डिग्री प्राप्त कर प्रशिक्षार्थी जब भविष्य में शिक्षक की भूमिका में आएं, तो जीवन में एक सफल शिक्षक बनें और उनके पढ़ाए बच्चे कल के होनहार व जिम्मेदार नागरिक बनें।


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Aakash Pandey

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