बचपन से ही हम सरसों के तेल के अनेक फायदे सुनते आए हैं। फिर चाहे इसका खाना पकाने में प्रयोग हो या त्वचा पर लगाने की बात, बड़ों ने हमेशा से ही इसमें गुणों का खजाना (mustard oil good for health) ही बताया है। खासकर भारत में तो अचार बनाने का प्रचलन सदियों पुराना है और हर घर में इसके लिए सरसों तेल का राज चलता है। पर अचरज वाली ये खबर अमेरिका और यूरोप से आई है, जहां सरसों के तेल में खाना पकाने पर पाबंदी लगा दी गई है। इसकी वजह क्या है, यहां हम आपको बताते हैं।
न्यज डेस्क(theValleygraph)। दरअसल आपको भारत के हर घर की रसोई में सरसों का तेल देखने को मिल जाएगा। हर घर में ही सरसों के तेल का इस्तेमाल किया जाता है। सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में ऐसे कई सारे देश हैं, जो सरसों के तेल का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अमेरिका और यूरोप में यही सरसों का तेल बैन (ban on mustard oil) है।
सरसों के तेल के बैन होने के बारे में सुनकर आपको एक बार तो झटका लगा होगा। आपको इस बारे में सुनकर थोड़ा अजीब जरूर लग सकता है। इतना ही नही, इन दोनों जगहों के अलावा ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में भी लोग खाना बनाने के लिए सरसों के तेल का इस्तेमाल नहीं करते (some countries do not use mustard oil) हैं। लेकिन आखिर ऐसा क्यों है? क्यों ये सारे देश सरसों के तेल (mustard oil) का इस्तेमाल खाना बनाने के लिए नहीं करते? आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह।
सरसों के तेल के सेवन पर इसलिए लगाया बैन
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिका की नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ (National Institute of Health) की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने सरसों के तेल को खाने में इस्तेमाल करने के लिए पाबंदी (Restrictions on using mustard oil in food) लगा रखी है। इस पर जारी रिपोर्ट के अनुसार, सरसों के तेल में इरुसिक एसिड की मात्रा ज्यादा होती है, जो सेहत के लिए हानिकारक हो सकती है। इरुसिक एसिड (erucic acid) एक फैटी एसिड है जो याददाश्त को कमजोर करता है और शरीर में फैट को बढ़ाता है। ये दोनो ही चीजें आपके लिए खतरनाक है।
अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में ऐसा नही है कि खाने पर बैन है तो सरसों का तेल बिकता ही नही है। सरसों का तेल अमेरिका और यूरोप के बाजारों में जरूर बिकता है लेकिन उस पर ये भी लिखा होता है कि ‘फॉर एक्सटर्नल यूज ओनली’। यानि कि वहां के लोग इस तेल का इस्तेमाल हाथों, पैरों या सिर पर लगाने में कर सकते है लेकिन वो इस तेल में खाना पका कर नही खा सकते हैं।
अमेरिका और यूरोप में सोयाबीन के तेल में पकता है भोजन
अमेरिका और यूरोप में हूल्थ को लेकर लोग काफी सतर्क रहते है। वहां की सरकार भी लोगों के स्वास्थ्य के अनुसार ही खाद्य पदार्थो के वितरण पर नियंत्रण (control over distribution of food items) रखती है। इसलिए आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिका और यूरोप के ज्यादातर देशों में खाना पकाने के लिए सोयाबीन ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है।
बढ़ती आपराधिक घटनाओं ने बढ़ाई अपने बच्चों की सुरक्षा के प्रति फिक्रमंद पेरेंट्स की चिंता…
शासकीय EVPG महाविद्यालय कोरबा में पुण्यश्लोका लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की जन्म त्रिशताब्दी वर्ष के…
छत्तीसगढ़ किकबॉक्सिंग संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुलाकात की। आगामी माह…
एशियन थाई बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण और रजत विजेता खिलाड़ियों को उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन…
समाज में पीड़ित लोगों का दर्द और राहत की राह समझने MSW स्टूडेंट्स "अपना घर"…
BEML ने सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड से उच्च प्रदर्शन वाले 48 रियर डंपिंग ट्रक के 246.78…