बालक नरेंद्र से लेकर स्वामी विवेकानंद तक, 40 वर्ष की अल्प आयु में भारत के इस महासपूत ने अपने तेज से न केवल देश, बल्कि सारी दुनिया के युवाओं में विचारों की ऐसी ऊर्जा का संचार किया, जिसकी तपिश आज भी करोड़ों दिलों को प्रेरित करती है। उन्हीं के अमूल्य विचारों का सागर लेकर रामकृष्ण मठ पुणे के स्वयंसेवक देशभ्रमण पर निकले हैं। करीब 25 से 30 हजार किताबों का चल पुस्तकालय रविवार को कोरबा पहुंचा, जिनके द्वारा शहर के अलग-अलग स्थानों में प्रदर्शनी लगाई जा रही है। इस टीम के सदस्यों ने सोमवार को कमला नेहरु महाविद्यालय परिसर में भी प्रदर्शनी लगाई, जहां संस्था के प्राध्यापक-कर्मियों और विद्यार्थियों ने स्वामी विवेकानंद के जीवन के जुड़ी महत्वपूर्ण कहानियों, संस्मरण और जीवनगाथा से ओत-प्रोत किताबों का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने संस्था के प्रभारी प्राचार्य अजय मिश्रा को एक पुस्तक भेंट की।
कोरबा(thevalleygraph.com)। युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत, युग पुरुष स्वामी विवेकानंद के जीवन की कहानियां समेटे 30 हजार किताबों की प्रदर्शनी में लोगों की काफी भीड़ जुट रही है। रामकृष्ण मठ पुणे के इस स्वामी विवेकानंद विचार दर्शन चल पुस्तकालय ने छत्तीसगढ़ में राजनांदगांव से यात्रा शुरु कर दुर्ग भिलाई, रायपुर, बिलासपुर के बाद कोरबा पहुंचा है। अपने सारथी गुरुप्रसाद कदम के साथ आए टीम समन्वयक विवेक नवले ने बताया कि सोमवार से 6 दिन कोरबा के विभिन्न स्कूल-काॅलेजों व सार्वजनिक स्थानों में प्रदर्शनी के बाद अंबिकापुर के लिए प्रस्थान करेंगे। उनके चल पुस्तकालय में अंग्रेजी हिंदी भाषा में करीब 500 प्रकार की किताबों का भंडार है। टीम समन्वयक विवेक नवले ने बताया कि रामकृष्ण मठ पुणे की 125वीं वर्षगांठ और आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर भारतवर्ष में भ्रमण कर प्रदर्शनी और पुस्तक मेला आयोजित किया जा रहा है।
यह टीम पुणे से जून से निकली है, जो 10 माह की यात्रा में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश होते हुए अगले वर्ष अप्रैल 2025 तक वापस महाराष्ट्र के पुणे हेडक्वार्टर लौटेंगे। बीते वर्ष की यात्रा में उन्होंने अपने स्वामी विवेकानंद विचार दर्शन चल पुस्तकालय के साथ मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, पंजाब, राजस्थान और गुजरात राज्य कवर किए थे। कोरबा जिले के समन्वयक के रुप में कमला नेहरु महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक गोविंद उपाध्याय व गोपाल अग्रवाल सहयोग प्रदान कर रहे हैं। इस टीम के लिए ठहरने एवं अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने वे योगदान प्रदान कर रहे हैं।