70 से अधिक आधुनिक व उन्नत मशीनों से संरक्षा ट्रैक रखरखाव और अनुरक्षण कार्य कर रहा दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे

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देखिए वीडियो..,ट्रेन की गति एवं आरामदायक यात्रा अनुभव होती है सुनिश्चित, ट्रैक मेंटेनेंस के दौरान दिन हो या रात, सर्दी हो या बरसात 24 घंटे रेलकर्मी एक-एक मिनट के समय का सदुपयोगकरते हुए संरक्षित रेल परिचालन के लिए कार्य करता है । इसके साथ ही साथ इन्ही दौरानरेलवे लाइनों पर ट्रैको के रिनिवल एवं मेंटेनेंसकरनेवाली मशीनों से भी कार्य लिया जाता है । ट्रैक मशीनों में मुख्यतः सीएसएम, ड्योमैटिक, एमपीटी, यूनिमेट, बीसीएम,एफ़आरएम,बीआरएम, पीक्यूआरएस, टी28, आदि शामिल हैं । इनमें सीएसएम, डब्ल्यूएसटी एवं एमपीटी चार प्रकार की टैपिंग मशीनों के द्वारा में ट्रैक का अनुरक्षण कार्य किया जाता है। बलास्ट क्लीनिंग मशीन (बीएसएम) से ट्रैक की डीप स्क्रीनिंग कार्य किया गया है। टी-28 टर्नऑउट रिन्यूवल मशीन है,जिससे ट्रैक मशीन का टर्नऑउट रिन्यूवल का कार्य किया जाता है।

बिलासपुर(thevalleygraph.com)। यात्री परिवहन में दिनों दिन बढ़ोत्तरी हो रही है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने यात्री परिवहन और माल ढुलाई दोनों को बेहतर गति देने के लिए सभी तरह के प्रयास और रखरखाव के साधनों को अपनाया है।ट्रेनों की गति एवं लोडिंग क्षमता में नए आयाम कायम करने के लिए ट्रैक को सुदृढ़ बनाया गया है। तीसरी लाइन, चौथी लाइन एवं नई लाइन केनिर्माण कार्य तथा कार्यरत लाइन के अनुरक्षण एवं मरम्मत के लिए मशीनों की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण हो गई है । इसके के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेल मेंमैनपावर के साथ, उच्च तकनीक के मशीनों का भी इस्तेमाल करके आधुनिक ट्रैक मेंटेनेंस किया जा रहा है। नागपूर से बिलासपुर की मेन लाइन की गति 130 किलोमीटर प्रति घंटे की जा चुकी है । बिलासपुर से झारसुगुड़ा सेक्शन की गति मे वृद्धि का परीक्षण भी किया जा चुका है । आने वाले समय में इस सेक्शन की गति मे भी वृद्धि हो जाएगी । ऐसे में इस मशीनों की आवश्यकता तथा महत्ता और बढ़ गई है ।

रेल ट्रैक विभिन्न जलवायु परिस्थितियों के संपर्क में आती हैं,प्राकृतिक आपदा, बदलते मौसम की स्थिति, अपनी निर्धारित क्षमता या किसी अन्य कारण से पुराने ट्रैक बदलने के लिए पुराने ट्रैक के स्थान पर नया ट्रैक लगा कर उसे अपग्रेड किया जाता है । ट्रैक में न केवल रेल आता है बल्कि इसमे बैलास्ट और स्लीपर भी शामिल हैं । मरम्मत और सफाई जैसे सामान्य कार्यों के अलावा, कई अन्य कार्य भी हैं जिनका रखरखाव मशीन द्वारा किए जाते हैं जिनमें स्लीपर रिप्लेसमेंट, स्लीपर हैंडलिंग, गिट्टी हैंडलिंग, ट्रैक हैंडलिंग, ट्रैक लिफ्टिंग और बहुत कुछ शामिल हैं।रखरखाव मशीनें कार्य को शीघ्रता से पूरा करने में मदद करती हैं। एक रेलवे ट्रैक मशीन श्रमिकों को कार्य को आसानी से और अधिक सहज तरीके से पूरा करने में मदद करती है।इससे काफी समय भी बचत होती है।दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे अपने 70 से अधिक ट्रैक मशीनों के साथ ट्रैक रकरखाव एवं अनुरक्षण के कार्य में मुस्तैदी के साथ कार्यरत है ।
ट्रैक मशीनों में मुख्यतःसीएसएम,ड्योमैटिक,एमपीटी, यूनिमेट, बीसीएम,एफ़आरएम,बीआरएम, पीक्यूआरएस, टी28, आदि शामिल हैं । इनमें सीएसएम, डब्ल्यूएसटी एवं एमपीटी चार प्रकार की टैपिंग मशीनों के द्वारा में ट्रैक का अनुरक्षण कार्य किया जाता है। बलास्ट क्लीनिंग मशीन (बीएसएम) से ट्रैक की डीप स्क्रीनिंग कार्य किया गया है। टी-28 टर्नऑउट रिन्यूवल मशीन है,जिससे ट्रैक मशीन का टर्नऑउट रिन्यूवल का कार्य किया जाता है।यूनिमेट मशीन भी एक प्रकार की टर्नऑउट टैम्पिंग मशीन है। इस मशीन से ट्रैक की टर्नऑउट टैम्पिंग का कार्य किया जाता है। एफआरएम मशीन से शोल्डर बलास्ट क्लीनिंग किया जाता है। यानि की ट्रैक के दोनों किनारों पर रखा हुआ बैलास्ट को क्लीन किया जाता है । नए ट्रैक को स्लीपर के साथ बिछाने में या पुराने ट्रैक को नए ट्रैक से चेंज करने में पीक्यूआरएस मशीन का महत्वपूर्ण योगदान है ।

ट्रैक मेंटेनेंस के दौरान दिन हो या रात, सर्दी हो या बरसात 24 घंटे रेलकर्मी एक-एक मिनट के समय का सदुपयोगकरते हुए संरक्षित रेल परिचालन के लिए कार्य करता है । इसके साथ ही साथ इन्ही दौरानरेलवे लाइनों पर ट्रैको के रिनिवल एवं मेंटेनेंसकरनेवाली मशीनों से भी कार्य लिया जाता है ।दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के ट्रैक रखरखाव एवं अनुरक्षण में इन ट्रैक मशीनों का महत्वपूर्ण योगदान है । हमारेलाखों रेल यात्रियों के विश्वास और भरोसे पर खरा उतरने के लिए जरूरी है किहमारे यात्रियों के ट्रेनों पर चढ़ने से लेकर उनके गंतव्य तक पहुँचने तक भारतीयरेलवे की विश्वसनीय एवं भरोसे की मुस्कान हमारे रेल यात्रियों के चेहरे पर लगातारबनी रहे । ट्रैक जितनी अच्छी होगी , उसकी गति निर्बाध होगी तथा यात्रियों को भी आरामदायक यात्रा अनुभव प्राप्त होगा ।


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Aakash Pandey

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