नेचर कैंप (Video):- ग्राम पतरापाली में डीपीएस एनटीपीसी के इको क्लब व छग विज्ञान सभा कोरबा इकाई का संयुक्त आयोजन, पर्यावरणविदों के साथ बच्चे और शिक्षक ने भी लिया आनंद
पर्यावरण में बढ़ते प्रदूषण के दुष्प्रभाव से हम सब परिचित हैं। यह भी समझना होगा कि पृथ्वी पर जीवन को बचाए रखने वनों, वन्य जीवों-वनस्पतियों की सुरक्षा कितना जरुरी है। भावी पीढ़ी को यह जानना होगा कि इनके अस्तित्व में ही मानव का अस्तित्व निर्भर है। बच्चों को इनके महत्व से परिचित कराने दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) एनटीपीसी कोरबा के इको क्लब और छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा कोरबा इकाई के संयुक्त तत्वावधान में रविवार 10 नवंबर को एक दिवसीय नेचर कैंप का आयोजन किया गया।
इस दौरान डीपीएस एनटीपीसी में पढ़ने वाले 11वीं जीवविज्ञान के छात्र-छात्राओं ने अपने शिक्षकों के साथ घने जंगल में करीब 6 किलोमीटर की ट्रैकिंग की। उन्होंने वन विहार का आनंद तो लिया ही, कोरबा के वन्य क्षेत्र में मौजूद दुर्लभ वन्य जीवों और वनस्पतियों की अनेक प्रजाति से भी मुखातिब हुए। वन विभाग कोरबा के सहयोग, अनुमति व कोरबा एसडीओ आशीष खेलवार के निर्देशन में यह नेचर सह ट्रैकिंग कैम्प रजगामार से लगे ग्राम पतरापाली से प्रारंभ होकर गांव में ही पूरा हुआ। इस दौरान उन्होंने पहाड़ी रास्तों, पतली पगडंडियों पर चलकर नदी-नाले भी पार किए।
कोरबा(thevalleygraph.com)। डीपीएस एनटीपीसी के प्राचार्य सतीश शर्मा के मार्गदर्शन में स्कूल के इको क्लब ने पहली बार ये पहल की। इस दौरान विद्यालय की ओर से जीवविज्ञान के वरिष्ठ शिक्षक नीरज शर्मा, वरिष्ठ व्यायाम शिक्षिका श्रीमती दिव्या सोना, सामाजिक विज्ञान की वरिष्ठ शिक्षिका अनिता डडवाल एवं अंग्रेजी के वरिष्ठ शिक्षक गगनदीप सिंह ने भी विद्यार्थियों के साथ ट्रैकिंग का आनंद लिया।
छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा के राज्य सचिव डॉ वायके सोना, संयुक्त राज्य सचिव निधि सिंह, कोरबा इकाई के सचिव दिनेश कुमार, सहसचिव वेदव्रत उपाध्याय, वैद्यराज देव मांझी, वैद्यराज अर्जुन श्रीवास, वैद्यराज लीला प्रसाद अगरिया, सक्रिय सदस्य लोकेशराज चौहान, कमलेश दास ने अहम योगदान दिया। पतरापाली सरपंच समोती लाल राठिया ने ट्रैकिंग में जंगल के दुर्गम रास्तों के पथप्रदर्शन की भूमिका निभाई। दुर्गा स्व सहायता समूह पतरापाली ने बच्चों के लिए नाश्ते एवं दोपहर के भोजन में सहयोग प्रदान किया।
वैद्यराज अर्जुन श्रीवास ने डीपीएस एनटीपीसी के इको क्लब को भेंट किए दुर्लभ पौधे नाग केशर व सोना पाठा
वैद्यराज अर्जुन श्रीवास ने डीपीएस एनटीपीसी के इको क्लब को दो दुर्लभ औषधीय पौधे भेंट किए। इनमें असम राज्य का नाग केशर पौधा ऐसी प्रजाति है, जो छत्तीसगढ़ में नहीं पाई जाती। यह हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम और फेस्टुला की परेशानियों में उपयोगी है।
इसी तरह पुटका पहाड़ में मिलने वाली प्रजाति सोना पाठा भेंट किया, जो दशमूलारिष्ट का एक घटक है। यह पीलिया व हैपेटाइटिस बी की दवा में काम आता है। इको क्लब की सचिव सर्वज्ञा सिंह, सदस्य कनिष्का चंद्रा, मंजरी पालीवाल व अनुष्का शर्मा ने शिक्षकों समेत यह पौधा भेंट लिया, जिसे स्कूल परिसर में रोपित कर उसकी देखभाल व उसके गुणों को दूसरों को भी बताने का संकल्प लिया गया।
प्रकृति से मित्रता ही एकमात्र समाधान : सर्वज्ञा
डीपीएस एनटीपीसी में इको क्लब की सचिव एवं 11वीं विज्ञान की छात्रा सर्वज्ञा सिंह ने कहा कि कोरबा की जैव विविधता जितनी खास है, यहां की हवा, पानी व जमीन पर बढ़ते प्रदूषण के प्रभाव को रोकना उतनी ही बड़ी चुनौती है। इस कैंप में प्रकृति से मित्रता का महत्व बताया गया, जो प्रदूषण का एकमात्र समाधान है।
वनांचल की जीवनशैली से रुबरु हुए : अनुष्का
अनुष्का ने बताया कि आने वाले कल के लिए वातावरण को स्वच्छ बनाए रखने वन एवं वन्य जीवों, वनस्पतियों की सुरक्षा बेहद जरुरी है। हमने इस कैंप में जाना कि वन्य क्षेत्र स्थित गांव में रहने वाले लोग इनके रक्षक की भूमिका निभाते हैं। इको क्लब के जरिए हमने भी यह दायित्व निभाने का संकल्प लिया है।
एक्सपर्ट्स से सीखने मिली ढेर सारी बातें : मंजरी
मंजरी पालीवाल ने कहा कि विज्ञान से जुड़े ज्ञान की सीमाओं की माप जितनी मुश्किल है, उन दायरों के पार जाने की कोशिशों का आनंद भी अपने आप में असीम है। यही रुचि विकसित करने विज्ञान विशेषज्ञों के मार्गदर्शन से डीपीएस एनटीपीसी के इको क्लब की हमारी टीम ने इस गतिविधि में हिस्सा लिया।
घने जंगल में ट्रैकिंग कर आनंद आया : कनिष्का
कनिष्का ने बताया कि हम सभी ने घने जंगल में करीब 5 से 6 किलोमीटर की ट्रैकिंग कर वन विहार का आनंद तो लिया ही, कोरबा के वन्य क्षेत्र में मौजूद दुर्लभ वन्य जीवों और वनस्पतियों के बारे में जाना, यह रोमांचक था। यह नेचर कैंप रोचक। प्रकृति के बीच आकर कई अच्छी बातें भी सीखने को मिली।
विज्ञान से जुड़े ज्ञान की सीमाओं की माप जितनी मुश्किल, उन दायरों के पार जाने की कोशिश उतना ही रोचक है: प्राचार्य सतीश शर्मा
इस संबंध में डीपीएस एनटीपीसी कोरबा के प्राचार्य सतीश शर्मा ने कहा कि विज्ञान से जुड़े ज्ञान की सीमाओं की माप जितनी मुश्किल है, उन दायरों के पार जाने की कोशिशों का आनंद भी अपने आप में असीम है। यही रुचि विकसित करने डीपीएस एनटीपीसी के इको क्लब की टीम ने छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा के सहयोग से यह पहल की। स्टूडेंट्स को हवा-पानी व जमीन पर बढ़ते प्रदूषण के दुष्प्रभाव से परिचित कराने के साथ प्रकृति से मित्रता का महत्व समझाना ही इस कैम्प का प्रमुख उद्देश्य रहा।
विज्ञान के विद्यार्थी होने के नाते पर्यावरण को सहेजने की जुगत भी उनका दायित्व है: छग विज्ञान सभा राज्य सचिव डाॅ वायके सोना
छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा के राज्य सचिव डॉ वायके सोना ने कहा कि कोरबा इकाई समेत प्रदेशभर की टीम वन व वन्य जीवों के संरक्षण, विज्ञान के प्रति लोगों में जागरुकता, स्टूडेंट्स में शोध के प्रति रुचि जगाने, समाज को अंधविश्वास से मुक्त करने लगातार प्रयास किया जा रहा है। कोरबा की बात करें तो जितनी खास यहां की जैव विविधता है, क्षेत्र में बढ़ता प्रदूषण दायरा पर्यावरणविदों के लिए बड़ी चिंता है, जिस पर हर हाल में काबू पाना हमारा संकल्प है।
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