भारत सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए केंद्रीय कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु में 2 साल की बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है। इस फैसले से लाखों सरकारी कर्मचारियों को फायदा होगा और वे अब 62 साल की उम्र तक नौकरी कर सकेंगे। यह कदम कर्मचारियों के हित में उठाया गया है ताकि वे और अधिक समय तक सेवा दे सकें और अपने अनुभव का लाभ देश को दे सकें।
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इस फैसले से न केवल कर्मचारियों को लाभ होगा बल्कि सरकार को भी फायदा होगा। अनुभवी कर्मचारियों की सेवाएं लंबे समय तक मिलने से प्रशासन में सुधार होगा और नए कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने का खर्च भी कम होगा। साथ ही पेंशन पर होने वाले खर्च में भी कमी आएगी क्योंकि कर्मचारी 2 साल बाद पेंशन लेना शुरू करेंगे।
रिटायरमेंट आयु बढ़ाने का फैसला लेने के लिए सरकार ने लंबे समय से इस प्रस्ताव पर विचार कर रही थी और अब कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दे दी गई है। यह फैसला 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा। इसका मतलब है कि 1 अप्रैल 2025 के बाद रिटायर होने वाले सभी केंद्रीय कर्मचारियों को इसका ताभ मिलेगा।
योजना का ओवरव्यू
रिटायरमेंट आयु बढ़ाने सरकार ने यह फैसला कई कारणों से लिया है:
जीवन प्रत्याशा में वृद्धिः पिछले कुछ दशकों में भारतीयों की औसत आयु बढ़ी है। 1998 में जहां यह 61.4 वर्ष थी, वहीं 2024 में बढ़कर 72.24 वर्ष हो गई है।
अनुभवी कर्मचारियों की जरूरतः सरकार को लगता है कि अनुभवी कर्मचारियों की सेवाओं का लाभ और अधिक समय तक लिया जा सकता है।
पेंशन बोझ कम करना: रिटायरमेंट आयु बढ़ने से पेंशन पर होने वाला खर्च कम होगा क्योंकि कर्मचारी 2 साल बाद पेंशन लेना शुरू करेंगे।
प्रशासनिक सुधारः अनुभवी कर्मचारियों के रहने से प्रशासन में निरंतरता बनी रहेगी और काम की गुणवत्ता में सुधार होगा।
इन कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
यह फैसला सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों पर लागू होगा। इसमें शामिल हैं:
सभी मंत्रालयों और विभागों के कर्मचारी
केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (PSUs) के कर्मचारी
स्वायत्त संस्थाओं के कर्मचारी
केंद्रीय विश्वविद्यालयों के शिक्षक और कर्मचारी
हालांकि, यह फैसला राज्य सरकार के कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा। राज्य सरकारें अपने कर्मचारियों के लिए अलग से फैसला ले सकती हैं।
रिटायरमेंट आयु बढ़ाने का प्रभाव
इस फैसले का कई क्षेत्रों पर प्रभाव पड़ेगाः
कर्मचारियों पर प्रभाव
अतिरिक्त आयः कर्मचारियों को 2 साल अतिरिक्त वेतन मिलेगा जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
बड़ा पेंशन कोषः 2 साल अधिक योगदान से पेंशन फंड बड़ा होगा जिससे रिटायरमेंट के बाद अधिक पेंशन मिलेगी।
काम करने का मौका: अनुभवी कर्मचारियों को अपने अनुभव का लाभ देश को देने का मौका मिलेगा।
सरकार पर प्रभाव
पेंशन बोझ कम: रिटायरमेंट 2 साल बाद होने से पेंशन पर खर्च कम होगा।
अनुभवी कर्मचारियों की सेवाएं: सरकार को लंबे समय तक अनुभवी कर्मचारियों की सेवाएं मिलेंगी।
प्रशिक्षण खर्च में कमीः नए कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने का खर्च कम होगा।
युवाओं पर प्रभाव
नौकरी के अवसरों में कमीः 2 साल तक नई भर्तियां कम होंगी जिससे युवाओं को नौकरी पाने में दिक्कत हो सकती है।
प्रमोशन में देरी: मौजूदा कर्मचारियों के लिए प्रमोशन में 2 साल की देरी हो सकती है।
रिटायरमेंट आयु बढ़ाने के फायदे
1. अनुभव का लाभः अनुभवी कर्मचारियों का ज्ञान और अनुभव देश के काम आएगा। 2
2. आर्थिक लाभः कर्मचारियों को 2 साल अतिरिक्त वेतन मिलेगा जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
3. पेंशन फंड में वृद्धिः 2 साल अधिक योगदान से पेंशन फंड बड़ा होगा।
4. सरकारी खर्च में कमी: पेंशन पर खर्च कम होगा और नए कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने का खर्च भी बचेगा।
5. प्रशासनिक निरंतरताः अनुभवी कर्मचारियों के रहने से प्रशासन में निरंतरता बनी रहेगी।
रिटायरमेंट आयु बढ़ाने के इस फैसले के कुछ नुकसान भी हो सकते हैं:
1. युवाओं के लिए नौकरी के कम अवसरः 2 साल तक नई भर्तियां कम होंगी जिससे युवाओं को नौकरी पाने में दिक्कत हो सकती है।
2. प्रमोशन में देरी: मौजूदा कर्मचारियों के लिए प्रमोशन में 2 साल की देरी हो सकती है।
3. बुजुर्ग कर्मचारियों की समस्याएं: कुछ कर्मचारियों को 60 की उम्र के बाद काम करने में स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं।
4. नए विचारों की कमीः युवा कर्मचारियों की कमी से नए विचारों और नवाचार में कमी आ सकती है। 5. बेरोजगारी में वृद्धिः युवाओं के लिए नौकरी के अवसर कम होने से बेरोजगारी बढ़ सकती है।
(Source of this news https://www.ncccc.in/retirement-age-increase-2024)
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