अमृता की कलम से उतरे शब्द ऐसे हैं जैसे चांदनी को अपनी हथेलियों में बांध लेना : CPRO साकेत रंजन

Share Now

Railway : प्रसिद्ध साहित्यकार अमृता प्रीतम की मनाई गई 104वीं जयंती, रेलवे से जुड़े साहित्यकार आनलाइन शामिल हुए।

बिलासपुर(theValleygraph.com)। साहित्य के प्रसार-प्रचार तथा पहचान को कायम रखने के प्रयास स्वरूप अमृता प्रीतम की 104वीं जयंतीदक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में मनाई गई। गुरुवार को दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के जनसम्पर्क विभाग ने उनकी जयंती को आॅनलाइन मनाई। इस अवसर पर हिंदी व पंजाबी की सुप्रसिद्ध साहित्यकार अमृता प्रीतम को याद करने के लिए रेलवे से जुड़े साहित्यकार आनलाइन शामिल हुए। मुख्य जन संपर्क अधिकारी साकेत रंजन ने कहा कि अमृता की कलम से उतरे शब्द ऐसे हैं, जैसे चांदनी को अपनी हथेलियों के बीच बांध लेना। समाज की तमाम बेड़ियों को तोड़कर खुली हवा में सांस लेने वालीं, आजाद ख्यालों वालीं अमृता पंजाब की पहली कवियत्री थीं।

इस कार्यक्रम में कोरबा के क्षेत्रीय रेल प्रबंधक जगदीप भी आॅनलाइन शामिल हुए। कार्यक्रम में विचार रखते हुए साहित्यकारों ने कहा कि अमृता प्रीतम का छत्तीसगढ़ से गहरा नाता था। उनकी सुप्रसिद्ध कहानी लटिया की छोकरी व गांजे की कली इसी क्षेत्र से संबन्धित कहानी है। ज्ञात हो कि लटिया दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का एक स्टेशन भी है जो जयरामनगर के पास है। मुख्य जन संपर्क अधिकारी साकेत रंजन ने अमृता प्रीतम को याद करते हुए उन्हें प्रसिद्ध कवयित्री, उपन्यासकार और निबंधकार बताया, जो 20वीं सदी की पंजाबी भाषा की सर्वश्रेष्ठ कवयित्री थीं। उनका जन्म 31 अगस्त 1919 को गुजरांवाला, पंजाब (अब पाकिस्तान) में हुआ था। अमृता की कलम से उतरे शब्द ऐसे हैं जैसे चांदनी को अपनी हथेलियों के बीच बांध लेना। समाज की तमाम बेडियों को तोड़कर खुली हवा में सांस लेने वालीं, आजाद ख्यालों वालीं अमृता प्रीतम पंजाब की पहली कवियत्री थी। 100 से ज्यादा किताबें लिख चुकीं अमृता को देश का दूसरा सबसे बड़ा सम्मान पद्मविभूषण मिला था। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। 1986 में उन्हें राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किया गया था। उन्होंने आॅल इंडिया रेडियो के लिए भी काम किया। कई अन्य साहित्यकार ने उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनकी कविताओं तथा कहानियों का वाचन किया। उनकी कहानी लटिया की छोकरी,शाह की कंजरी, यह कहानी नहीं, एक जीवी, एक रत्नी, एक सपना, गुलियाना का एक खत, छमक छल्लो, पांच बहनें, जरी का कफन तथा कविताओं में एक मुलाकात, एक घटना, खाली जगह का सस्वर पाठ किया गया।
मां को ईश्वर का दीदार कोख में होता है: कुमार निशांत

ऑनलाइन जुड़े रेलवे सुरक्षा बल के वरिष्ठ अधिकारी कुमार निशांत ने अमृता प्रीतम को याद करते हुए बताया कि अमृता प्रीतम खुली और बंद आंखों से सपने देखती थीं। सपनों को वे आध्यात्मिक अनुभूति से जोड़ती हैं। उनकी एक प्रसिद्ध कविता है नौ सपने, इसमें छोटी-छोटी नौ कविताएं हैं। इन कविताओं में वे अपनी कोख की हलचल और अपने प्रथम जापे की बात करती हैं। मातृत्व को गरिमा प्रदान करती हुई अमृता लिखती हैं, जब कोख में कोई नीड़ बनता है, यह कैसा जप? कैसा तप? कि मां को ईश्वर का दीदार कोख में होता है, उन्हें अपनी कोख में हंस का पंख हिलता हुआ लगता है, गरी का पानी दूध की तरह टपकता है।

…और आपके पैरों से सारी उम्र लहू बहता रहे: विक्रम सिंह

आनलाइन जुड़े राजभाषा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी विक्रम सिंह ने कहा कि अमृता की आत्मकथा रसीदी टिकट बेहद चर्चित है। अमृता प्रीतम का जीवन कई दुखों और सुखों से भरा रहा। उदासियों में घिरकर भी वो अपने शब्दों से उम्मीद दिलाती हैं । जब वो लिखतीहैं, दुखांत यह नहीं होता कि जिÞंदगी की लंबी डगर पर समाज के बंधन अपने कांटे बिखेरते रहें और आपके पैरों से सारी उम्र लहू बहता रहे। दुखांत यह होता है कि आप लहू-लुहान पैरों से एक उस जगह पर खड़े हो जाएं, जिसके आगे कोई रास्ता आपको बुलावा न दे।


Share Now
Aakash Pandey

Recent Posts

नया प्रोटोकॉल : सरकारी अस्पतालों में News कवरेज के लिए मीडिया की सीधी एंट्री पर बैन, PRO बताएंगे क्या लिखना है

रायपुर। चिकित्सा शिक्षा विभाग, छत्तीसगढ़ शासन के सचिव ने समस्त अधिष्ठाता, शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, छत्तीसगढ़,…

21 hours ago

स्टूडेंट्स बोले :- डिजिटल इंडिया के जरिए PM मोदी ने जो रास्ता दिखाया, उससे हम आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ रहे हैं

न्यू इंडिया के प्रोफेशनल्स के साथ संवाद: सभी वर्गों की सहभागिता से कोरबा में भाजपा…

1 day ago

School Education में केंद्रीय विद्यालय संगठन ने देश में एक बैंचमार्क स्थापित किया है : HOP राजीव खन्ना

देखिए Video: केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-2 एनटीपीसी कोरबा के तत्वावधान में प्राचार्यों के तीन दिवसीय सम्मेलन…

3 days ago

मां महामाया की नगरी अंबिकापुर में आयोजित होगा अभाविप छग प्रांत का तीन दिवसीय प्रांत अभ्यास वर्ग

अंबिकापुर/कोरबा। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण एवं विकास हेतु अभ्यास वर्ग की…

3 days ago

हम सबके भीतर एक खिलाड़ी होता है, जरूरत है तो खेल की भावना को जगाए रखने की : महापौर संजू देवी राजपूत

पिछले एक माह से चल रहे ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण का समापन हुआ। समापन समारोह की…

4 days ago

Interview : कृषि कॉलेज कोरबा में वैकेंसी, बनना हो टीचर तो यहां जानिए, कैसे करें आवेदन और क्या हैं योग्यताएं

कोरबा। कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र (इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय) कटघोरा, कोरबा की ओर से…

4 days ago