माहिर कुत्तों की मदद से flying squirrel 🐿️ का बेदर्दी से शिकार करते पकड़े जाने का मामला सामने आया है। प्रकरण में फॉरेस्ट की एंटी पोचिंग टीम ने 5 शिकारियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी प्रशिक्षित कुत्तों की मदद से रात के अंधेरे में गिलहरी का शिकार करते थे। इन शिकारियों से कार्रवाई के दौरान गुलेल, टॉर्च और जंगली जीवों के अवशेष भी बरामद किए गए हैं।
मैनपुर(theValleygraph.com)। गिरफ्तार किए गए आरोपी धनसाय गोंड़, सुरेन्द्र गोंड़, थानेश्वर गोंड़, रजमन गोंड़ ग्राम बुड्रा बेलरगांव के और आरोपित अरुण गोंड उड़ीद गांव जिला कोंडागांव का रहने वाला है। वे कुत्तों की मदद से हिरण, खरगोश और जंगली सूअरों तक का शिकार करने में माहिर हैं। उनके पास से जंगली जीवों के अवशेष, सींग आदि बरामद हुए हैं। इनके ठिकाने से सागौन लकड़ी का जखीरा भी बरामद हुआ है। उनके विरुद्ध वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है। सभी आरोपियों को वन अपराध प्रकरण में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी व्यवहार न्यायालय नगरी के समक्ष पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
फरार आरोपी सुरेन्द्र गोंड़ ग्राम बुड्रा धमतरी के घर की तलाशी में हिरण के दो सींग, जंगली सूअर का एक दांत, एक साही पंख, एक खरगोश फंदा, साल और सागौन का चिरान बरामद हुआ। उड़न गिलहरी यानी भारतीय विशाल गिलहरी वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम की अनुसूची एक में दर्ज है, जिसके शिकार पर कम से कम तीन वर्ष और अधिकतम सात वर्ष कारावास एवं 25 हजार रुपये जुर्माने का प्रविधान है।
सीतानदी आरक्षित वन क्षेत्र के रिसगांव जंगल में उड़न गिलहरी और भारतीय विशाल गिलहरी का शिकार करने के मामले में वन विभाग की एंटी पोचिंग टीम ने पांच शिकारियों को पकड़ा है। आरोपितों ने प्रशिक्षित कुत्तों की मदद से रात के अंधेरे में गिलहरी का शिकार किया था। रिसगांव का वन अमला सोमवार को शाम साढ़े सात बजे जिप्सी में रात्रिकालीन निगरानी में निकला। अमला ग्राम ठोठाझरिया से गाताबाहरा होते हुए खल्लारी साल्हेभाठ से एकावारी पहुंचा। रात लगभग 12:30 बजे दो मोटरसाइकिलों में तीन-तीन व्यक्ति बैठे लिखमा से टागरीडोंगरी की ओर जाते हुए दिखे।
Indian giant squirrel
भारतीय विशाल गिलहरी एक बड़ी, बहुरंगी और शाकाहारी वृक्ष गिलहरी प्रजाति है, जो भारत के जंगलों में पाई जाती है। यह पेड़ों की ऊंचाई पर घोंसला बनाती है और 36 फीट तक कूद सकती है। इसका आहार फल, फूल, मेवे, छाल और कभी-कभी कीड़े और पक्षियों के अंडे होते हैं। यह दिन के शुरुआती घंटों में सक्रिय रहती है और इसके मुख्य शिकारी उल्लू और तेंदुआ हैं।
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