Video:- एनटीपीसी KORBA अस्पताल में एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत जांच के साथ 119 बालिकाओं को प्रदान किया गया पोषण आहार, एनटीपीसी कोरबा के परियोजना प्रमुख राजीव खन्ना रहे मुख्य अतिथि
इन बालिकाओं की सेहत अब हमारी जिम्मेदारी है। मैं इनसे यही कहना चाहूंगा कि उन्हें जो पोषण आहार उन्हें प्रदान किए गए हैं, उनका समुचित उपयोग करें। नियमित रुप से पौष्टिक आहार लें और सुपोषित जीवन की ओर कदम बढ़ाएं। उन बातों का विशेष ध्यान रखें, जो चिकित्सकों ने आपको बताया है। बढ़ते बच्चों के लिए जितना पौष्टिक आहार होगा, आपके भीतर उतनी शक्ति-स्फूर्ति आएगी और पढ़ाई में उम्दा प्रदर्शन करने में मदद मिलेगी। मैं इस कार्यक्रम के जरिए मैं आह्वान करता हूं कि सभी इस संदेश को आगे पहुंचाएं। बेटियों को सेहतमंद जीवन की ओर ले जाने सहयोग करें और भारत को एनीमिया मुक्त बनाने अपना योगदान सुनिश्चित करें।
कोरबा(thevalleygraph.com)। यह बातें मंगलवार को एनटीपीसी चिकित्सालय कोरबा में आयोजित एनीमिया जागरुकता कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे परियोजना प्रमुख राजीव खन्ना ने बालिकाओं को मार्गदर्शन प्रदान करते हुए कहीं। उन्होंने बताया कि शासन द्वारा भारत को एनीमिया मुक्त करने का फ्लैगशिप कार्यक्रम संचालित हो रहा है। इस उद्देश्य को लक्ष्य तक पहुंचाने अपनी योगदान सुनिश्चित करते हुए एनटीपीसी कोरबा की ओर से भी लगातार जांच एवं जागरुकता अभियान चलाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज एनटीपीसी कोरबा के विभागीय चिकित्सालय में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह एक बहुत अच्छी पहल है, जिसके लिए चिकित्सालय के सीएमओ डाॅ विनोद कोल्हाटकर एवं उनकी पूरी टीम को मैं बधाई देता हूं। पिछले कुछ वक्त में एनटीपीसी की चिकित्सा टीम द्वारा विभिन्न इलाकों में एनीमिया स्क्रीनिंग के लिए सघन जांच अभियान चलाया गया, जिसमें करीब 3000 बालिकाओं का परीक्षण किया गया। इनमें से एनीमिया पीड़ित 119 बालिकाओं को सूचीबद्ध किया गया था। उन 119 बच्चियों को एनटीपीसी के विभागीय चिकित्सालय में आज एकत्र कर उन्हें सेहत की देखभाल की उचित विधियों से अवगत कराया गया। उनकी जांच करने के साथ-साथ अच्छी सेहत के लिए कैसा आहार होना चाहिए, दिनचर्या में क्या सुधार होना चाहिए, चिकित्सा विशेषज्ञों ने उनके बारे में जानकारी प्रदान की। साथ ही उन्हें पोषण से भरपूर खाद्य सामग्रियों के किट भी उपहार में दिए गए। सूचीबद्ध की गई बालिकाओं को हम आगे लगातार माॅनिटरिंग कर उनकी सेहत पर निगाह बरकरार रखेंगे। वर्ष के अंत में पुनः उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा और यह आंकलन किया जाएगा कि उनकी सेहत में इस दौरान क्या सुधार दर्ज किए जा सके। कोई कम रह गई हो तो विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार उन्हें एनीमिया मुक्त करने के जतन तेज किए जाएंगे। इस दौरान प्रमुख रुप से अर्नब मैत्रा महाप्रबंधक, मनीष साठे महाप्रबंधक, रोली खन्ना अध्यक्ष मैत्री महिला समिति, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनोद कोल्हटकर, राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस NTPC इंटक के एडिशनल सेंट्रल लीडर केपी चंद्रवंशी, एनटीपीसी कोरबा अस्पताल के चिकित्सक वकर्मचारी मौजूद रहे।
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दवाओं से ज्यादा पोषण पर हो ध्यान, 11 से अधिक करेंगे हीमोग्लोबिन स्तर: सीएमओ डाॅ विनोद कोल्हाटकर
दो प्रमुख बातों पर ध्यानाकर्षित करते हुए हाॅस्पिटल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डाॅ विनोद कोल्हाटकर ने बताया कि पहला ये कि भारत सरकार के एनीमिया मुक्त भारत अभियान में इस बात पर विशेष फोकस किया जा रहा है कि दवाओं से ज्यादा पोषण पर ध्यान दिया जाए, जिससे पोषण के आधार पर ही बच्चों में एनीमिया का इलाज किया जा सके। दूसरा यह कि एनीमिया के कारणों को जान-समझकर बच्चों को इलाज से जोड़ा जाए और एनटीपीसी चिकित्सालय की टीम भी इसी दिशा में कार्य करने संकल्पित है। हमारा यह लक्ष्य है कि आने वाले समय में लगभग सभी बच्चों का हीमोग्लोबिन स्तर 11 से अधिक रहे।
3 हजार की जांच, 119 बालिकाएं मिली एनीमिया से ग्रसित, उनकी नियमित मॉनिटरिंग होगी
एनटीपीसी कोरबा चिकित्सालय में मंगलवार को मैत्री महिला समिति और सीएसआर के सहयोग से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान विशेष रुप से स्कूल की बालिकाओं में एनीमिया की जांच की गई। इन बालिकाओं, उनके शिक्षकों और पालकों को बताया गया कि इसका निदान किस प्रकार से किया जाए। डाॅ कोल्हाटकर ने बताया कि इस कार्यक्रम की शुरुआत लगभग 20 दिन पहले की थी। इसके तहत आस-पास के गांवों में ग्रामीण बालिकाओं पर फोकस करते हुए कैम्प लगाए और उनके ब्लड लेवल की जांच की गई। इस दौरान करीब 3 हजार बालिकाओं की जांच की गई, जिनमें से 119 ऐसे मिले, जिनमें रक्त में एनीमिया पाया गया। इन बच्चियों को एनीमिया मुक्त भारत अभियान से जोड़ते हुए देखभाल और उपचार किया जा रहा है, जिसका शुभारंभ आज किया गया। यह कार्यक्रम अगले एक साल तक चलेगा, जिसमें इनकी सेहत की लगातार निगरानी की जाएगी और एनीमिया मुक्त करने हर संभव जनत किए जाएंगे।
एनीमिया मुक्त भारत अभियान में ऐसे बच्चों को देशी फूड यानी घर के खाद्य पर ज्यादा जोर
एनटीपीसी चिकित्सालय कोरबा के सीएमओ डाॅ विनोद कोल्हाटकर ने यह भी बताया कि एनीमिया मुक्त भारत अभियान में इस बात पर जोर दिया गया है, कि ऐसे बच्चों को देशी फूड यानी घर के खाद्य पर ज्यादा से ज्यादा फोकस किया जाए। इसे ध्यान में रखते हुए उन्हें फूड सप्लिमेंट दे रहे हैं और साथ में एक लिफलेट भी दे रहे हैं, जिसमें यह बताया गया है कि एनीमिया क्या है, इससे कैसे हम निजात पाएं, इसे समझने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही बच्चों को की रिंग भी दिया जा रहा है, जो उनके परिवार के साथ उनसे जुड़े लोगों को भी संदेश प्रसारित होगा कि एनीमिया मुक्त भारत के निर्माण के लिए एनटीपीसी द्वारा क्या प्रयास किए जा रहे हैं। इस एनटीपीसी हाॅस्पिटल के इस प्रयास को सफल बनाने में महत्वपूर्ण सहयोग के लिए मैं एनटीपीसी प्रबंधन का आभार व्यक्त करता हूं। साथ इन बच्चों के स्कूल प्रबंधन, प्राचार्य, प्रधान पाठक एवं शिक्षकों को आभार, जिनकी वजह से यह कार्यक्रम सफल हो पाया।
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