हमारे संविधान में स्पष्ट लिखा गया है कि किसी के साथ रंग, लिंग, जाति या भाषा के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता है। किसी भी पद पर चयनित होने के लिए कानूनी और सामाजिक रूप से सभी को समता का अधिकार प्राप्त है। खासकर बेटियों को यह जानना होगा, समझना होगा कि उनके अधिकार क्या हैं, तभी वे कल की जागरूक महिला के व्यक्तित्व को अपनाकर स्वयं की, अपने परिवार और देश के विकास में अपनी भूमिका सुनिश्चित करने के काबिल बन सकेंगी।
कोरबा(theValleygraph.com)। यह विचार वरिष्ठ चिकित्सक, स्त्री रोग एवं प्रसूति विशेषज्ञ डॉ प्रतिभा अर्चना दास ने केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2 एनटीपीसी कोरबा में आयोजित राष्ट्रीय जेंडर अभियान – नई चेतना 3.0 कार्यक्रम में छात्राओं को मार्गदर्शन प्रदान करते हुए व्यक्त किए। सोमवार 25 नवम्बर को केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक-2 एन टी पी सी कोरबा में राष्ट्रीय जेंडर अभियान – नई चेतना 3.0 का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय की वरिष्ठ शिक्षिका श्रीमती अर्चना खरे के निर्देशन में किया गया। यह भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय का एक अभियान है। इस अभियान का उद्देश्य लिंग आधरित भेदभाव, हिंसा, महिलाओं के अधिकारों और बिना किसी डर के जीने को बढ़ावा देना है। इस अवसर पर विद्यालय में बतौर मुख्य अतिथि एवं परामर्शदाता के रूप में डॉ प्रतिभा अर्चना दास, एजीएम NTPC हॉस्पिटल एवं श्रीमती डिम्पल वासन, प्राचार्य गुरुकुल प्ले स्कूल उपस्थित रहीं। विद्यालय की शिक्षिका श्रीमती अर्चना खरे ने मुख्य अतिथियों को पुष्प गुच्छ प्रदान कर स्वागत किया। डॉ अर्चना पी दास ने छात्राओं को उनके साथ होने वाले भेदभाव के प्रति जागरुक किया और उनके कर्तव्यों के साथ साथ अधिकारों से भी परिचित कराया। पवार प्वाइंट प्रेजेंटेशन (PPT) के माध्यम से लिंग आधारित भेदभाव से संबंधित विभिन्न आंकड़ों से बालिकाओं को परिचित कराया।
छात्राएं हुईं गुड टच और बेड टच, पॉक्सो एक्ट से परिचित
इसके पश्चात् श्रीमती डिम्पल वासन ने गुड टच और बेड टच, पॉक्सो एक्ट आदि से परिचित कराया और छात्राओं को विभिन्न महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की। अंत में श्रीमती अर्चना खरे ने इस संबंध में अपने विचार रखे तथा सभी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम का समापन किया।