पुलिस की वर्दी ही कुछ ऐसी होती है, किसे एक बार किसी ने पहन ली, तो फिर आंधी आए या तूफान, उसे अपनी ड्यूटी से डिगा नहीं सकता। बीते दिनों एक ऐसी ही मिसाल पेश हुई, जब मछली पकड़ने नदी में उतरा एक ग्रामीण तेज धारा में फंस गया। इस बीच सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने बचाव की कवायद शुरू ही की थी कि बिना गहराई मापे उसे बचाने दूसरा भी कूद पड़ा। पर अब दो लोगों का जीवन खतरे में था। पहला बह चुका था और दूसरे को डूबने से बचाने एक एक पल कीमती था। मौके की नजाकत और खुद की काबिलियत पर भरोसा करते हुए एक सिपाही ने साहस दिखाया। उसने बिना देर उफनती नदी में छलांग लगा दी। अपनी जान की फिक्र न करते हुए तेज लहरों के बीच तैरकर ग्रामीण को बाहर निकाला और उसकी जान बच गई।
कोरबा। पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश से एक बार फिर नदी नाले उफान पर आ गए हैं। यही दशा खोलार नाले की भी है। इस नदी पमें नी का जलस्तर बढ़ने के बाद भी कुछ लोग लापरवाही से नहीं चूकते। इन्हीं में एक बांकीमोंगरा क्षेत्र के ग्राम पंचायत देवरी के तेंदूकोना बस्ती निवासी 61 साल के बुजुर्ग शंकर सिंह कंवर भी है। वह सोमवार 1 जुलाई की सुबह करीब 5 बजे खोलार नदी पहुंचा था। जहां मछली पकड़ने जाल बिछाकर वह घर लौट आया। घर में काम करने के बाद शंकर सिंह सुबह करीब 8 बजे फिर नदी पहुंच गया। एक ट्यूब में बैठकर जाल से मछली पकड़ने लगा। मौसम बदलने के साथ खोलार का जलस्तर भी अचानक बढ़ने लगा और शंकर बहने लगा। नदी के आसपास कई ग्रामीण उपस्थित थे पर खतरनाक लहरों से लड़ने की हिम्मत दिखाना तो दूर कोई पानी में उतरने को भी तैयार न हुआ। किसी यह खबर आपात नंबर डायल 112 पर दे दी। जानकारी मिलने पर त्वरित कार्यवाही शुरू करते हुए बांकीमोंगरा पुलिस थाना से एक टीम मौके पर भेजी गई। दूसरी ओर कंट्रोल रूम से आपात स्थिति से निपटने में माहिर होम गार्ड की प्रशिक्षित टीम को भी सूचित किया गया। दोनों टीमें मौके पर पहुंची। नदी में डूबे शंकर सिंह की खोजबीन के लिए तैयारी चल ही रही थी, कि गांव का ही राजेश कुमार यादव नशे में पहुंचा और शंकर सिंह की खोज की बात कहते हुए एकाएक कपड़े उतारकर नदी में कूद गया।
सिपाही रोहित ने 500 मीटर तैरकर राजेश को पकड़ा और तभी चीखने लगा डैम का गेट खुलने का सायरन
पानी का बहाव ज्यादा होने के कारण राजेश भी बहने लगा। इस दशा को देख वहां मौजूद बांकीमोंगरा Police Station के सिपाही रोहित प्रताप सिंह ने नदी में उसके पीछे छलांग लगा दी। तेज बहाव में तैरते हुए करीब 500 मीटर दूर पहुंचकर उन्होंने राजेश कुमार को पकड़ लिया। नदी से बाहर निकाला जाता उससे पहले ज्यादा भराव के चलते 8 सौ मीटर दूर स्थित डैम के गेट खोलने का सायरन बज गया। इससे ग्रामीण व सिपाही दोनों की जिंदगी खतरे में घिर गई। तब कुछ ग्रामीणों ने बाइक में डैम के गेट के पास पहुंचकर कर्मचारी को जानकारी दी और गेट बंद कराया गया। इसके बाद ग्रामीणों के सहयोग से सिपाही रोहित प्रताप सिंह ने राजेश को नदी से सुरक्षित बाहर निकाला और शंकर की खोजबीन जारी है।