आवास और पेंशन का डाटा नहीं दिया तो बिना सूचना किसी अग्रिम सूचना के कोरबा जनपद के 29 पंचायत सचिवों के नवंबर माह की सैलरी रोक दिए जाने की जानकारी सामने आई है। इन पंचायत सचिवों को अब तक नवंबर माह का वेतन नहीं दिया गया है। वेतन रोकने का कारण आवास व पेंशन की जानकारी उपलब्ध नहीं कराने को बताया गया है। वेतन नहीं मिलने से पंचायत सचिवों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। इधर कोरबा जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी इंदिरा भगत का कहना है कि पंचायत सचिवों के वेतन रोके जाने संबंधी कोई आदेश नहीं दिया गया है।
कोरबा। वेतन रोके जाने से सचिवों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। कोरबा ब्लाक के 29 पंचायत सचिवों को छोड़कर शेष सचिवों के नवंबर माह का वेतन जारी कर दिया गया है। 29 शेष पंचायत सचिवों का वेतन आवास तथा पेंशन की जानकारी उपलब्ध नहीं होने के कारण रोक दिया गया है। वेतन रोके जाने से संबंधित पूर्व में कोई सूचना पंचायत सचिवों को नहीं दी गई है। साथ ही आवास तथा पेंशन से जुड़े मामलों को लेकर संबंधित सचिवों को कोई नोटिस भी जारी नहीं किया गया है। इसके बावजूद इस तरह वेतन रोक दिए जाने से पंचायत सचिवों के सामने आर्थिक परेशानी खड़ी हो गई है। कई पंचायत सचिवों ने लोन तो कुछ ने उधार में सामान खरीदी है, जिसकी तय तिथि में ईएमआई कट जाती है। वहीं बच्चों के स्कूल फीस, परिवार जीवकोपार्जन के खर्चे हैं। अचानक वेतन नहीं मिलने से घर खर्च चलाने के लिए उधार लेने की जरूरत पड़ रही है। पंचायत सचिव की मानें तो इस तरह की कार्रवाई से पूर्व नोटिस या वेतन रोकने की जानकारी देनी चाहिए। पीएम आवास को लेकर पूर्व में भी इस तरह की स्थिति निर्मित हुई थी। जिसे लेकर सचिव संघ ने आंदोलन छेड़ दिया था। जिस पर तात्कालिन जिला पंचायत सीईओ ने आश्वस्त किया था कि ऐसे मामले में वेतन नहीं रोका जाएगा। इसके अलावा तय अवधि में वेतन का भुगतान किया जाएगा।
पंचायत सचिवों की बैठक में रखी समस्या पर कोई निपटारा नहीं किया गया
अचानक बिना सूचना वेतन रोके जाने के बाद पंचायत सचिवों की बैठक हुई थी। बैठक में इस मुद्दे के अलावा अन्य विषयों पर चर्चा की गई। बैठक के उपरांत सचिव संघ के पदाधिकारियों ने जनपद पंचायत कोरबा सीईओ को वेतन रोके जाने से अवगत कराया था। इसके बाद भी जनपद पंचायत सीईओ ने इस दिशा में कदम नहीं उठाया, जिसके कारण सचिवों में आक्रोश बढ़ने लगा है।