जब कलेक्टर पर भड़क गई सुको की उच्चाधिकार समिति, DFO-ADM ने किया था Welcome, फिर मीटिंग छोड़कर लौटे अफसरों को मनाने खुद गेस्ट हाउस पहुंचे DM


बालको (BALCO) द्वारा 1700 एकड़ जमीन कब्जा करने के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका दाखिल की गई थी। इसकी जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय सशक्त समिति बनाई है। इस समिति की दो सदस्यों की टीम बीते दिनों जांच के लिए कोरबा दौरे पर आई। उनके आगमन के लिए DFO-एडिशनल कलेक्टर पहुंचे और रिसीव किया। पर स्वागत की अगवानी खुद कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत के नहीं करने पर समिति के सदस्य भड़क गए और कोरबा कलेक्ट्रेट से मीटिंग छोड़कर गेस्ट हाउस लौट गए। जानकारी मिलने पर कलेक्टर ने गेस्ट हाउस पहुंचकर उन्हें मनाया।


कोरबा(theValleygraph.com)। बालको (BALCO) द्वारा 1700 एकड़ जमीन कब्जे की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनी केंद्रीय सशक्त समिति के दो सदस्य जांच के लिए कोरबा पहुंचे थे। इस दौरान डीएफओ और एडिशनल कलेक्टर ने सदस्यों को रिसीव किया। कलेक्टर अजीत बसंत द्वारा अगवानी नहीं करने से समिति के सदस्य कलेक्टर पर सार्वजनिक रूप से नाराजगी व्यक्त की और बिना मीटिंग लिए कलेक्ट्रेट के मीटिंग हाल से वापस लौट गए।


कोरबा कलेक्ट्रेट कार्यालय के मीटिंग हाल के गेट से ही उल्टे पांव लौटे NTPC गेस्ट हाउस

कोरबा जिले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बनी कमेटी बालको के द्वारा जमीन कब्जे की जांच के लिए पहुंची थी। शुक्रवार को पहुंची दो सदस्यीय टीम कलेक्ट्रेट के सभा कक्ष में अधिकारियों की मीटिंग लेने वाली थी। पर दोनों जांच अधिकारियों को रिसीव करने के लिए डीएफओ और एडिशनल कलेक्टर पहुंचे। कलेक्टर के नहीं पहुंचने से नाराज जांच समिति के एक सदस्य मीटिंग हाल के गेट से ही मीटिंग छोड़ वापस लौट गए। उनके साथ दूसरे सदस्य भी वापस लौट गए।


रायपुर-बिलासपुर व कोरबा के कलेक्टर–एसपी को राज्य शासन से मिले थे सुरक्षा-कानून व्यवस्था के निर्देश

बालको के द्वारा 1700 एकड़ जमीन कब्जे की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। इसके बाद बालकों के कब्जे की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय सशक्त समिति बनाई है। इस समिति में भारतीय वन सेवा के दो सेवानिवृत्त अफसर सदस्य हैं। दोनों सदस्य जांच के लिए 26 दिसंबर को फ्लाइट से रायपुर पहुंचे। जिसके बाद शुक्रवार 27 दिसंबर को समिति के दोनों सदस्य कोरबा प्रवास पर पहुंचे। यहां दोनों सदस्यों के द्वारा जिला प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों की मीटिंग ली जानी थी। उन्हें वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग का विभागीय अतिथि बनाया गया था। इसके अलावा रायपुर, बिलासपुर कोरबा जिले के कलेक्टर–एसपी को सुरक्षा और कानून व्यवस्था संबंधित अन्य अरेंजमेंट करने के निर्देश राज्य शासन से जारी हुए थे।


कलेक्ट्रेट गेट पर बाहर रिसीव करने नहीं आने से कमेटी के सदस्य हुए थे नाराज, और फिर गेस्ट हाउस में चर्चा

दोनों सदस्यों के ठहरने की व्यवस्था कोरबा जिला प्रशासन ने NTPC गेस्ट हाउस में की थी। दोनों सदस्य कोरबा पहुंचने के बाद पहले एनटीपीसी के गेस्ट हाउस पहुंचे। यहां उन्हें एडिशनल कलेक्टर और कोरबा डीएफओ ने रिसीव किया। उनके प्रवास के दौरान एडिशनल कलेक्टर और डीएफओ पूरे समय साथ रहे। एडीएम और डीएफओ के साथ दोनों सदस्य कोरबा कलेक्ट्रेट के सभा हाल में मीटिंग लेने पहुंचे। यहां भी कलेक्टर के कलेक्ट्रेट गेट पर बाहर रिसीव करने नहीं आने से कमेटी के एक सदस्य नाराज हो गए। उन्होंने अन्य अफसरों के सामने कलेक्टर अजीत बसंत पर नाराजगी जताई। नाराजगी जताते हुए वे बिना मीटिंग लिए वापस एनटीपीसी गेस्ट हाउस आ गए। उनके साथ दूसरे सदस्य भी वापस चले गए।

मामले की सूचना जैसे ही सीनियर अफसरों को मिली, वे हरकत में आए और कलेक्टर अजीत बसंत एनटीपीसी गेस्ट हाउस पहुंचे। उन्होंने गेस्ट हाउस पहुंच कर सदस्यों को जिला प्रशासन के द्वारा की गई व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी। तब कहीं जाकर उनका गुस्सा शांत हुआ और एनटीपीसी गेस्ट हाउस में ही करीब डेढ़ से दो घंटे तक मीटिंग में किए जाने वाले सारे बिंदुओं पर चर्चा हुई। इस बैठक के बाद देर रात दोनों अफसर कोरबा से वापसी के लिए रवाना हो गए।


जिला प्रशासन के अनुसार राज्य अतिथि का प्रोटोकॉल नहीं इसलिए….

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनी केंद्रीय सशक्त समिति के दोनों सदस्य भारतीय वन सेवा के रिटायर्ड अफसर हैं। राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश के तहत उन्हें वन विभाग का अतिथि बनाया गया था, ना कि सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा उन्हें राज्य अतिथि बनाया गया था। वन विभाग का अतिथि होने के चलते वन विभाग के डीएफओ उन्हें रिसीव करने पहुंचे थे। साथ में एडिशनल कलेक्टर भी मौजूद थे। इसके अलावा जिला प्रशासन ने उनके ठहरने से लेकर सुरक्षा व अन्य इंतजाम भी किए थे। राज्य अतिथि का प्रोटोकॉल नहीं होने की वजह से कलेक्टर उन्हें रिसीव करने नहीं पहुंचे थे।


कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत ने यह कहा…

इस संबंध में कोरबा कलेक्टर अजीत बसंत का कहना था कि वन विभाग का अतिथि होने के चलते माननीय सदस्यों को डीएफओ रिसीव करने पहुंचे थे। उन्हें केवल सुरक्षा और सुविधाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश उच्च कार्यालय से जारी हुए थे। जिसके मुताबिक उनके द्वारा सदस्यों के ठहरने की व्यवस्था, सुरक्षा, बैठक अरेंजमेंट तथा अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया गया था। मीटिंग हॉल में भी वे उपस्थित थे। NTPC गेस्ट हाउस में जाकर उन्होंने सारी आवश्यक जानकारियां माननीय सदस्यों को प्रदान की।


जानिए किन्हें रिसीव करते हैं कलेक्टर:–

जिलों में अक्सर किसी वीआईपी के आगमन पर जिला कलेक्टर उन्हें रिसीव करने जाते हैं। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा स्पष्ट निर्देश जारी कर बताया गया है कि किन वीआईपी के जिलों में आगमन के दौरान कलेक्टर उन्हें खुद रिसीव करने पहुंचेंगे। जिसके अनुसार देश के प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, जिलों के प्रभारी मंत्री, मुख्य सचिव, जिलों के प्रभारी सचिव हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और जिले के पोर्टफोलियो जस्टिस की अगवानी जिलों में प्रवास के दौरान खुद करते हैं। 15 अगस्त और 26 जनवरी के कार्यक्रमों में राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जिनको समारोह का मुख्य अतिथि बनाया जाता है (चाहे वे सिर्फ विधायक ही क्यों न हो) उनकी अगवानी कलेक्टर करते हैं।


इसके अलावा अन्य वीआईपी के आगमन पर एडिशनल कलेक्टर या एसडीएम अगवानी करने जाते हैं। हालांकि औपचारिक मुलाकात के लिए बाद में कलेक्टर सामान्यतः मंत्रियों या अन्य वीआईपी से मिल लेते हैं।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *