नगर निगम के नवनिर्वाचित सभापति नूतन सिंह ठाकुर को भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित कर दिया है। नूतन सिंह ने पार्टी के आधिकारिक प्रत्याशी हितानंद अग्रवाल के खिलाफ बागी होकर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी।
कोरबा। इसी माह 8 मार्च को हुए निगम सभापति चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी हितानंद अग्रवाल, नूतन सिंह ठाकुर और निर्दलीय उम्मीदवार अब्दुल रहमान मैदान में थे। जिसमें नूतन सिंह ठाकुर ने 33 वोट हासिल कर जीत दर्ज की।
अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ा, 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित :- जिलाध्यक्ष मनोज शर्मा
भाजपा जिला अध्यक्ष मनोज शर्मा ने कहा कि पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ नूतन सिंह ठाकुर ने चुनाव लड़ा। इसकी जानकारी प्रदेश नेतृत्व को भेजा गया था। यह अनुशासनहीनता में आता है। इसलिए नूतन को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।
मैं भाजपा का छोटा कार्यकर्ता हूं और रहूंगा…
“भाजपा से निष्कासन की सूचना मीडिया के माध्यम से मिली है। पार्टी नोटिस देती तो जरूर बताता कि हितानंद अग्रवाल जी को पार्षदों ने क्यों पसंद नहीं किया। मैं भाजपा का छोटा कार्यकर्ता हूं और रहूंगा। 33 भाजपा पार्षदों ने सभापति के लिए मुझे जनादेश दिया है। सभापति के रूप में निगम के 67 पार्षदों के हितों की रक्षा करने, कोरबा शहर का चौतरफा विकास करने तथा नियमों के अनुसार निगम को चलाने का दायित्व पूरी निष्ठा से पूरा करता रहुंगा।”
– नूतनसिंह ठाकुर, सभापति, नगर पालिक निगम कोरबा
बंद कमरे में हुई थी चर्चा
चुनाव से पहले बीजेपी ने पार्टी पर्यवेक्षक पुरेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में पार्षदों को मनाने का प्रयास किया। बंद कमरे में लंबी बैठकें हुईं। संगठन ने हितानंद अग्रवाल के नाम पर सहमति जताई, लेकिन नूतन सिंह ठाकुर ने बागी तेवर अपनाते हुए चुनाव लड़ा था। जिसमें उन्हें जीत भी मिली।
बीजेपी के आधिकारिक प्रत्याशी हितानंद अग्रवाल चुनाव हार गए हैं। 67 में से 33 पार्षदों ने सभापति के लिए बीजेपी से बागी होकर लड़े नूतन सिंह को वोट दिया है। इस तरह वे नए सभापति बन गए हैं।
पार्टी ने यह फैसला सोच-समझकर लिया होगा :- हितानंद
इस मामले में हितानंद अग्रवाल ने कहा कि, बीजेपी एक नियम के तहत चलती है। पार्टी संगठन के निर्देश पर ही कार्यकर्ता काम करते हैं। उन्होंने जो फैसला लिया है वो सही है। जिससे कोई इस तरह से बगावत न कर सके।