रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव आज दोपहर 1:15 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ में खरसिया से परमालकसा स्टेशन तक नया रायपुर होते हुए 278 किलोमीटर के रूट किलोमीटर की नई डबल रेललाइन परियोजना को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि इस नई लाइन के बिछने से छत्तीसगढ़ के रायगढ़, जांजगीर-चांपा, सक्ती, बिलासपुर, बलौदा बाजार, रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव जिलों को लाभ होगा। प्रतिवर्ष 22 करोड़ लीटर डीजल की बचत सालाना होगी, जिससे पर्यावरण और ईधन दोनों को लाभ होगा। हर साल 113 करोड़ किलोग्राम CO2 उत्सर्जन में कमी होगी, जो कि लगभग 4.5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। कोलकाता-मुंबई मुख्य मार्ग पर यातायात की भीड़ को कम करने के लिए यह परियोजना बेहद जरूरी है, जिससे यात्री और मालगाड़ियों की गति बढ़ेगी। 21 से 38 मिलियन टन माल परिवहन और 8 मेल-एक्सप्रेस सेमी हाई-स्पीड ट्रेनें इस मार्ग से चलेंगी।
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि —
> खरसिया से नया रायपुर होते हुए कमालकसा तक 5वीं और 6वीं रेलवे लाइन का निर्माण किया जा रहा है, जिसकी कुल लागत आरएस8,741 करोड़ है।
> यह परियोजना 278 किमी रूट और 615 किमी ट्रैक लंबाई की है, जिसमें 21 स्टेशन, 48 बड़े पुल, 349 छोटे पुल, 14 आरओबी, 184 आरयूबी, और 5 रेल फ्लाईओवर शामिल है।
> कोलकाता-मुंबई मुख्य मार्ग पर यातायात की भीड़ को कम करने के लिए यह परियोजना बेहद जरूरी है, जिससे यात्री और मालगाड़ियों की गति बढ़ेगी।
> यह नई लाइन बिलासपुर और रायपर को बायपास करने का विकल्प देगी, जिससे मालगाड़ी की गति और वक्षता में वृद्धि होगी।
> परियोजना से रायगढ़, जांजगीर-चांपा, सती, बिलासपुर, बलौदा आजार, रायपुर, दुर्ग, और राजनांदगांव जिले लाभान्वित होंगे।
> 21 से 38 मिलियन टन माल परिवहन और 8 मेल/एक्सप्रेस सेमी हाई-स्पीड ट्रेनें इस मार्ग से चलेंगी।
> हर साल 113 करोड़ किलोग्राम CO2 उत्सर्जन में कमी होगी, जो कि लगभग 4.5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।
> 22 करोड़ लीटर डीजल की बचत सालाना होगी, जिससे पर्यावरण और ईधन दोनों को लाभ होगा।
> इस रेल परियोजना से हर साल आरएस2.520 करोड़ की लॉजिस्टिक लागत की बचत होगी, जो सड़क परिवहन की तुलना में अधिक किफायती है।
यह परियोजना छत्तीसगढ़ की आर्थिक गतिविधियों को गति देने और संपर्कता सुधारने में एक महत्वपूर्ण कदम है।