HSRP में प्रदेश के 28 जिलों में कोरबा तीसरे नंबर पर, फिर भी हाई सिक्यूरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट से अब भी दूर हैं जिले की 2.32 लाख गाड़ियां


अगले तीन माह में, यानी 30 जून तक जिले के 26 लाख 5812 वाहनों को एचएसआरपी से लैस करने का लक्ष्य, जिला परिवहन विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार अब तक 33653 आर्डर रिसीव और 13273 में नया नंबर प्लेट फिट, जिले के 7 केंद्रों, कैम्प व जिला कार्यालय में दी जा रही फिटमेंट सुविधा

हाई सिक्यूरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) से लैस वाहनों की संख्या में रायपुर-दुर्ग के बाद प्रदेश के 28 जिलों में कोरबा तीसरे नंबर पर है। शासन के निर्देश पर अनुबंधित संस्थाओं ने नवंबर 2024 में जिले के सभी वाहनों को एचएसआरपी से जोड़ने का अभियान शुरु किया। एक अप्रैल 2019 से पहले कोरबा में पंजीकृत कुल 2 लाख 65 हजार 812 वाहनों में एचएसआरपी लगाने का लक्ष्य है। ताजा आंकड़ों के अनुसार इन छह महीनों में अब तक 33653 वाहनों के आर्डर जारी हुए और 13 हजार 273 वाहन 13273 हाई सिक्यूरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट से लैस कर लिया गया है। जिला परिवहन विभाग का कहना है कि शेष रह गए सभी वाहन स्वामी अगले तीन महीने में, अपनी गाड़ियों में हाईटेक तकनीक से लैस यह नया नंबर प्लेट लगवा लें। उसके बाद जांच शुरु होगी और ऐसे वाहन, जो बिना एचएसआरपी के पकड़े जाएंगे, उन पर 500 से 5000 रुपये तक के जुर्माने की कार्यवाही की जा सकती है।


News – theValleygraph.com


कोरबा। जिले में एक अप्रैल 2019 से पहले जितनी भी गाड़ियों का पंजीयन हुआ है और जिनमें एचएसआरपी नहीं लगा है, उनमें यह नंबर प्लेट लगाने के लिए शासन की ओर से तीन माह का वक्त दिया गया है। इसके लिए घर बैठे स्वयं से आॅनलाइन आवेदन किया जा सकता है। कोरबा जिला परिवहन अधिकारी विवेक सिन्हा ने बताया कि आॅनलाइन मोड पर नहीं जाना हो तो आम लोगों की सुविधा के लिए अनुबंधित संस्थाओं के माध्यम से कुल सात जगह केंद्र शुरु किए गए हैं, जहां वाहनों पर यह नए फीचर वाला नंबर प्लेट लगवाया जा सकता है। इसके अलावा जिला परिवहन कार्यालय के कक्ष क्रमांक 9 में भी आवेदन व फिटमेंट सेवा उपलब्ध है। साथ ही साथ विभाग द्वारा लगातार शिविरों का भी आयोजन किया जा रहा है। बीते दिनों न्यायालय, कलेक्टोरेट एवं नगर निगम में भी शिविर लगाए गए। इसी कड़ी में आगे बालको, एनटीपीसी व अदानी पावर में भी शिविर लगाए जाएंगे। सात सेंटर के अलावा हम अलग से शिविरों का आयोजन कर रहे हैं, जहां शिविर में आवेदन होगा और उसी स्थल पर अपाइंटमेंट तिथि के अनुसार दो से चार दिन बाद प्लेट लगवा दिया जाएगा। वाहन मालिकों को चाहिए कि वे नंबर प्लेट लगाने की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूर्ण करा लें। तीन माह के बाद जिन वाहनों में यह नंबर प्लेट नहीं लगा होगा, उनके विरुद्ध मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्यवाही शुरु की जाएगी, जिसमें 500 से 5 हजार रुपये तक की चालानी कार्यवाही की जा सकती है। कार्यवाही से बचने के लिए शिविर के माध्यम से, परिवहन कार्यालय अथवा अपने नजदीकी सेंटरों पर जाकर यह प्लेट लगवाने की प्रक्रिया यथाशीघ्र पूर्ण करा लें।


क्रोमियम बेस्ड होलोग्राम व लेजर-एन्कोडेड कोड, स्कैन करते ही पकड़ी जाएंगे चोर : DTO विवेक सिन्हा

जिला परिवहन अधिकारी कोरबा विवेक सिन्हा ने बताया कि वाहनों की चोरी या दुरुपयोग के मामलों में वाहन ट्रैकिंग आसान हो जाएगा। एचएसआरपी पर अद्वितीय पहचान सुविधाएं और लेजर-एन्कोडेड कोड, वाहनों की ट्रैकिंग को आसान बनाते हैं। यह एक क्रोमियम बेस्ड होलोग्राम होता है। यह होलोग्राम एक स्टिकर होता है, जिस पर वाहन के इंजन और चेसिस नंबर होते हैं। यह नंबर पेंट और स्टिकर से प्रेशर मशीन के जरिए लिखा जाता है। प्लेट पर एक तरह का पिन होगा जो आपके वाहन से जोड़ेगा। यह पिन एकबार आपके वाहन से प्लेट को पकड़ लेगा तो यह दोनों ही तरफ से लॉक होगा, किसी से खुलेगा नहीं। कोई इस नंबर प्लेट से छेड़छाड़ नहीं कर सकता और पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित होती है। पूर्व में कोई भी पेंट करके अपने अनुसार नंबर प्लेट लगवा लेता था। नए नंबर प्लेट में चेकिंग के दौरान जब होलोग्राम स्टिकर को स्कैन किया जाएगा, तो पता चल जाएगा कि यह नंबर प्लेट उसी चेचिस व इंजन नंबर की गाड़ी के लिए ही बनी है या नहीं। हर गाड़ी का अपना नंबर होगा, जिसकी कोडिंग की गई है। गाड़ी के सारे फीचर भी दर्ज रहेंगे। ऐसे कई मामले आए हैं, जब गाड़ियों की चोरी कर पाना-पेंचकस से नंबर प्लेट बदलकर पकड़े जाने से बचा जा सकता था। अब ऐसा नहीं होगा और पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।


ऐसे करें आवेदन, जिले में 7 केंद्र व शिविर भी लगाए जा रहे

हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए अप्लाई करने के लिए ऑफिशियल वेबसाइट पर विजिट करें, जहां पर आपको प्राइवेट वाहन और कमर्शियल वाहन के दो ऑप्शन दिखाई देंगे। पेट्रोल, डीजल, इलेक्ट्रिक, सीएनजी और सीएनजी-पेट्रोल का ऑप्शन चुनना होगा। पेट्रोल टाइप के टैब पर क्लिक करने पर वाहनों की कैटगरी खुलेगी। इसके बाद आपको बाइक, कार, स्कूटर, ऑटो और भारी वाहन जैसे ऑप्शन में से एक को चुनना होगा। अगर आप कार पर क्लिक करते हैं तो कार की कंपनी का ऑप्शन चुनना होगा। इसी तरह परिवहन विभाग के नए नियम के अनुसार, अब कार के मालिक ऑनलाइन ही हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट्स का रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इसके लिए कार स्वामी ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की ऑफिशियल वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं। जिसमें उन्हें डीटेल्स भरकर सबमिट करना होगा। इसके बाद उनका इंटरनेट के माध्यम से ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हो जाएगा।


छत्तीसगढ़ के बाहर की गाड़ियों के लिए भी यह अनिवार्य

परिवहन विभाग के अनुसार अब अन्य राज्यों के वाहनों को भी छत्तीसगढ़ का नंबर प्लेट लेना होगा। नियमानुसार छत्तीसगढ़ से बाहर के राज्य के वाहनों को अधिकतम एक साल राज्य के भीतर परिवहन की वैधता होती है। उसके बाद भी अगर परिवहन हो रहा है तो इसे मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन माना जाएगा। इसलिए अन्य राज्य के वाहनों को भी सीजी का नंबर लेना और एचएसआरपी लगवाना अनिवार्य होगा।

छत्तीसगढ़ की स्थिति

HSRP का उद्देश्य

0 अपराधी अक्सर बाइक की पहचान छुपाने नंबर प्लेट बदल देते हैं। असली प्लेट की जगह चोर जाली प्लेट लगा देते हैं। एचएसआरपी से लैस होने पर यह चुनौतीपूर्ण कार्य होगा, क्योंकि इसकी बनावट के कारण इसकी नकल करना मुश्किल है। इस तरह बाइ‌क चोरी को काफी हद तक रोका जा सकता है।

0 हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट में एक विशिष्ट पहचान संख्या व होलोग्राम होता है। ये पुलिस अधिकारियों को वाहन की प्रमाणिकता सुनिश्चित करने में मदद कर सकते हैं। अगर कोई चोर बाइक चुराता है और उसे कहीं और बेचने की कोशिश करता है, तो नंबर प्लेट की जांच में असली जानकारी सामने आ जाएगी।

0 चोरी को रोकने और वाहनों की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के जरिए, एचएसआरपी भारत में सड़क सुरक्षा की स्थिति को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। यह दुर्घटनाओं और यातायात उल्लंघन और इसी तरह की गतिविधियों में शामिल वाहनों की पहचान करने में मदद कर सकता है।


HSRP के लाभ पर एक नजर

0 बढ़ी हुई सुरक्षा: एचएसआरपी को छेड़छाड़-रोधी और नकल करने में कठिन बनाया गया है, जिससे वाहन चोरी और नकली पंजीकरण प्लेटों के उपयोग में कमी आती है।

0 बेहतर सड़क सुरक्षाः एचएसआरपी के मानकीकृत फॉन्ट और दृश्यता से अधिकारियों के लिए वाहनों की पहचान करना आसान हो जाता है, जिससे दुर्घटना की जांच और प्रवर्तन कार्यवाही में सहायता मिलती है।

0 वाहन ट्रैकिंग की सुविधाः एचएसआरपी पर अद्वितीय पहचान सुविधाएं और लेजर-एन्कोडेड कोड, वाहनों की ट्रैकिंग को आसान बनाते हैं, खासकर चोरी या दुरुपयोग के मामलों में।

0 राष्ट्रीय मानकीकरणः एचएसआरपी एक राष्ट्रीय मानक का पालन करते है, जिससे सभी राज्यों में एकरूपता सुनिश्चित होती है और वाहन पंजीकरण और प्रबंधन के लिए प्रशासनिक प्रक्रियाएँ सरल होती है।

0 अपराध की रोकथामः होलोग्राम और स्नैप-ऑन लॉक सहित एचएसआरपी की सुरक्षा सुविधाएँ अपराधियों के लिए प्लेटों की नकल करना या उन्हें संशोधित करना अधिक कठिन बना देती हैं, जिससे वाहन संबंधी अपराधों की व्यापकता कम हो जाती है।

0 सुव्यवस्थित सत्यापनः वाहन के एचएसआरपी का पुलिस अधिकारी द्वारा हैडहेल्ड उपकरणों का उपयोग करके आसानी से सत्यापन किया जा सकता है, जिससे समय की बचत होती है।

0 पुनर्विक्रय मूल्य में वृद्धिः एचएसआरपी से लैस वाहनों की बढ़ी हुई सुरक्षा और ट्रेसबिलिटी सुविधाओं के कारण पुनर्विक्रय मूल्य थोड़ा अधिक हो सकता है।


फैक्ट फाइल
अप्रैल 2025 की स्थिति में
एचएसआरपी लगना है – 265812 वाहन
आॅर्डर रिसीव – 33653
एचएसआरपी लगे- 13273


फैक्ट फाइल
अप्रैल 2019 से पहले पंजीकृत – 371528
कार – 25531
जीप – 1986
आॅटोरिक्शा – 3988
टैक्सी-आॅटो – 4037
थ्रीव्हीलर – 2462
बस – 423
गुड्स – 15886
ट्रैक्टर – 6174
ट्राॅली – 4716
अन्य (क्रेन-जेसीबी) – 1424
(नोट- बड़ी संख्या में वाहन कंडम हो चुके हैं, जो चलन से बाहर है, वे भी आंकड़ों में शामिल हैं।)


हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट की विशेषताएँ

हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) एक हाई-टेक नंबर प्लेट है जो वाहनों की सुरक्षा प्रदान करती है और नियमों का अनुपालन करती है। इसमें निम्नलिखित दिशेषताएँ समाहित हैं

01-Hot Stamped Chromium Based Hologram

02- “IND” In Blue Color Engraved Between Layers

03- Unique Laser Fiched Permanent Identification Number (Pin)

04- TLP Sticker (Blue/Orange/Grey) & Masking Tape

05-1.0 Mm Aluminum Based Plate

06- RATRO Reflective Sheet

07- Embossed Alpha-Numerals

08- India Print In Script

09- Non Removable & Non Reusable


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