“आइए बनाएं अपनी पंचायत स्वस्थ पंचायत” यही संदेश देते हुए गांव में निकाली गई स्वस्थ पंचायत जागरूकता रैली


आकांक्षी जिला सहयोगी- पिरामल फाउंडेशन छत्तीसगढ़ की पहल, ग्राम पंचायत जामबहार में किया गया आयोजन।

कोरबा(theValleygraph)। आइए बनाएं अपनी पंचायत स्वस्थ पंचायत” का संदेश देते हुए ग्राम पंचायत जाम बहार में स्वस्थ पंचायत जागरूकता रैली निकाली गई। पंचायती राज मंत्रालय स्वस्थ पंचायत थीम पर राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कारों के माध्यम से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली पंचायतों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसमें आकांक्षी जिला सहयोगी पिरामल फाउंडेशन की टीम मदद में जुटी हुई है।

इस कार्यक्रम में शासकीय माध्यमिक व प्रथमिक विद्यालय के विद्यार्थी, प्रधान पाठक, शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, रोजगार सहायक, वार्ड सदस्य, ग्रामीण तथा हमारे गांधी फेलो उपस्थित रहे। रैली का आरम्भ स्कूल पारा से किया गया, जो विभिन्न मोहल्ले को पार करते हुए धनवार पारा तक गई। इस दौरान स्वस्थ पंचायत के कुछ बहुत खास इंडिकेटर को स्लोगन के माध्यम से प्रदर्शित कर लोगों को जागरूक करने की कोशिश की गई। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्वस्थ पंचायत के लक्ष्य को धरातल पर लाने का प्रयास करते हुए जन-जन तक आवाज पहुंचना और जागरूक करना है। इसके साथ ही लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागृत करना है। स्कूल, आंगनवाड़ी, VHSNC, VHSND, स्वास्थ्य केंद्र, ग्राम सभा, जन सभा को देश के संविधान से प्रदत्त अधिकारों का सही महत्व पता चले। यह तभी संभव होगा, जब लोग खुद चल कर केंद्रों तक पहुंचेंगे और अपने अधिकार के प्रति खुद विचार करना सीख लेंगे।

पृष्टभूमि:- स्वस्थ पंचायत हस्तक्षेप
आइये अपनी पंचायत बनाएं स्वस्थ पंचायत की थीम पर स्वास्थ्य और पोषण पर सक्रिय रूप से कार्य करने के लिए ग्राम पंचायतों को सशक्त बनाने का उद्देश्य रखते हुए यह प्रयास किया जा रहा है। स्वास्थ्य संविधान की 11वीं अनुसूची में सूचीबद्ध पंचायत की जिम्मेदारियों में शामिल 29 विषयों में से एक है। पंचायती राज मंत्रालय स्वस्थ पंचायत थीम पर राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कारों के माध्यम से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली पंचायतों को प्रोत्साहित कर रहा है। छत्तीसगढ़ के एक ग्राम पंचायत ने 2022-23 में पुरस्कार जीता। ADC पिरामल फाउंडेशन का मानना ​​है, कि ग्राम पंचायत द्वारा नागरिकों के स्वास्थ्य को बनाए रखने और सुनिश्चित करने से दीर्घकालिक लाभ मिलेगा।
इसलिए, आकांक्षी जिला सहयोगी- पिरामल फाउंडेशन छत्तीसगढ़ ने जिला प्रशासन के साथ मिलकर जिले में पीआरआई को समस्याओं और चुनौतियों, कार्यक्रमों और योजनाओं, अवसरों और सहायता संरचनाओं आदि के बारे में संवेदनशील बनाने के लिए हस्तक्षेप शुरू किया है ताकि वे स्वास्थ्य और पोषण को प्राथमिकता के रूप में ले सकें और गहनता से ध्यान केंद्रित कर सकें। इसके अलावा, स्वास्थ्य और पोषण संकेतकों में महत्वपूर्ण प्रगति प्राप्त करने के लिए चयनित ग्राम पंचायतों को जमीनी स्तर पर सहायता प्रदान करना।


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