ट्रेनों की लेट-लतीफी से कोरबा के नागरिक त्रस्त, राहत दिलाने राजस्व मंत्री ने लिखा Railway महाप्रबंधक को पत्र


ट्रेनों का समय पर परिचालन सुनिश्चित करने राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने जीएम से की रेल अफसरों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी करने की मांग…
कोरबा(thevalleygraph.com)। प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कोरबा रेलवे स्टेशन पहुंचने वाली और कोरबा से रवाना होने वाली समस्त यात्री रेल गाड़ियों की लेट-लतीफी से त्रस्त आम नागरिकों को राहत पहुंचाने के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेल मण्डल के महाप्रबंधक आलोक कुमार को पत्र लिखा है। उन्होंने इस दिशा में कोरबा के नागरिकों को हो रही कठिनाई पर गंभीर कदम उठाते हुए ट्रेनों की स्थिति दुरुस्त करने की मांग की है।

राजस्व मंत्री ने पत्र में लिखा है कि जिन यात्री ट्रेनों का परिचालन कोरबा रेलवे स्टेशन से किया जा रहा है, उनके आने-जाने के समय की लेट-लतीफी से आम नागरिकों में भारी आक्रोश व्याप्त है। कोरबा से जाने वाली ट्रेनों से बहुत से यात्रियों को अपने गंतव्य तक जाने के लिए बिलासपुर से आगे की कनेक्टिंग ट्रेन या रायपुर से हवाई यात्रा की सुविधा प्राप्त करनी होती है। इस लेट-लतीफी के चलते कई बार वे अगले स्टेशन की ट्रेन पकड़ने से वंचित हो जाते हैं। श्री अग्रवाल ने इस बात पर जोर दिया है कि यह सिलसिला कोई एक-दो महीने का न होकर साल भर से अधिक समय से चल रहा है और सतत जारी है। ट्रेनों का चार से छह घंटे की देरी से कोरबा पहुंचना बहुत आम बात हो गई है। प्राय: यात्री गाड़ियों को स्टेशनों के आउटर पर घंटों रोक दिया जाता है, जिससे सपरिवार बैठे यात्रियों को अनेक कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। राजस्व मंत्री ने विश्वास व्यक्त करते हुए पत्र में आगे लिखा है कि कोरबावासियों की तरफ से वे आश्वस्त हैं कि इस दिशा में रेल प्रशासन गंभीरतापूर्वक विचार कर कोरबा क्षेत्र के नागरिकों की व्यावहारिक कठिनाईयों को महसूस करेगा और कोरबा से जाने वाली और कोरबा आने वाली सभी यात्री ट्रेनों को महत्व प्रदान करते हुए समय पर परिचालन कराया जाना सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी करेगा।

अविलंब शुरू कराएं सभी यात्री ट्रेनों का गेवरा Station से नियमित परिचालन
कोरबा क्षेत्र के महत्व को प्रतिपादित करते हुए राजस्व मंत्री ने पत्र में लिखा है कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर रेल मंडल अन्तर्गत कोरबा एक महत्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्र होने के साथ ही ऊजार्धानी के रूप में विख्यात है। कोरबा क्षेत्र में स्थित एसईसीएल की कोयला खदानों और सीएसईबी की विद्युत उत्पादन इकाइयों के अलावा एनटीपीसी व निजी प्रबंधन अन्तर्गत राज्य का एकमात्र एल्युमिनियम उत्पादक संयंत्र स्थापित हैं। जिनमें देश के विभिन्न राज्यों के हजारों लोग अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस दृष्टि से कोरबा को यदि मिनी इंडिया कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। विभिन्न प्रतिष्ठानों विशेषकर एसईसीएल की कोयला खदानों में सेवाएं दे रहे लोगों की सुविधा के लिए गेवरा रोड से सभी यात्री रेल गाड़ियों का परिचालन आरंभ किया गया था। जिसे कोविड काल से रेलवे द्वारा बंद कर दिया गया। सभी यात्री ट्रेनों का गेवरा रोड से नियमित परिचालन आरंभ कराए जाने के लिए समय-समय पर विभिन्न मंचों के माध्यम से और स्वयं मेरे द्वारा भी पत्र लिखे गए, लेकिन कोरबा के नागरिकों की भावनाओं की अनदेखी करते हुए कोरबा के आम नागरिकों के हक में रेल विभाग द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया।

रेल सुविधाओं के नाम पर ठगा महसूस कर रहे लोग
रेल प्रशासन का ध्यान आकर्षित करते हुए पत्र में आगे लिखा गया है कि रेल सुविधाओं के नाम पर कोरबा के आम नागरिक स्वयं को ठगा हुआ महसूस करते हैं और उनमें भारी आक्रोश व्याप्त है । रेल प्रशासन को आगाह करते हुए आगे लिखा गया है कि यदि इस व्यवस्था में सकारात्मक रूख अपनाते हुए शीघ्र ही सुधार लाने के लिए यात्री रेल गाड़ियों को महत्व प्रदान कर समय पर परिचालन सुनिश्चित कराया जाता है तो अंचल के निवासियों को बहुत बड़ी सुविधा हो जाएगी अन्यथा आम जनता का आक्रोश कभी भी विस्फोटक हो सकता है और जन आन्दोलन का रूप ले सकता है।


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