इतने बड़े गड्ढे कि कोई स्कूटी चालक इनमें उतर जाए, तो वह पूरी तरह से डूब जाए, बालको तत्काल मरम्मत का कार्य शुरू कराए : जयसिंह अग्रवाल


बालको की मनमानी से राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल भड़के, कहा- रुमगड़ा से परसाभाठा तक जर्जर सड़क तत्काल बनाएं, नहीं तो जनता के साथ धरने पर बैठेंगे, बालको के सीईओ राजेश कुमार को इस संबंध में पहले भी पत्र लिखकर अवगत कराया था। परिस्थितियों को सुधारने कहा था। प्रबंधन लगातार जिले में जनहित वाले कार्यों की उपेक्षा कर अपनी मनमानी पर उतारू है।

कोरबा(theValleygraph.com)। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, देश की सबसे बड़ी एल्युमिनियम उत्पादक कंपनी बालको की मनमानी से राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल बेहद नाराज हैं। बालको एल्युमिनियम उत्पादक के विस्तार के लिए जिले में ही 10,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। एल्युमिनियम उत्पादक की दिशा में नए कीर्तिमान गढ़ रही है। लेकिन जिले के लोगों के लिए एक सड़क तक नहीं दे पा रही। रूमगड़ा से परसाभाठा तक जाने वाली सड़क पूरी तरह से उखड़ चुकी है। यहां इतने बड़े गड्ढे हैं कि यदि कोई स्कूटी चालक इन गड्ढों में उतर जाए, तो वह पूरी तरह से डूब जाएगा। राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने बालको के सीईओ राजेश कुमार को इस संबंध में पहले भी पत्र लिखकर अवगत कराया था। परिस्थितियों को सुधारने कहा था। प्रबंधन लगातार जिले में जनहित वाले कार्यों की उपेक्षा कर, अपनी मनमानी पर उतारू है। उन्होंने तत्काल सड़क का काम शुरू नहीं करने पर धरने पर बैठने की चेतावनी दे दी है। साथ ही कलेक्टर सौरभ कुमार को निर्देश देते हुए कहा है कि इस मार्ग पर बालको की रखड़ व कोयला परिवहन की गाड़ियां चलती हैं इसलिए तत्काल मरम्मत का कार्य बालको प्रबंधन से शुरू कराएं।


रूमगड़ा की यह सड़क बालको के औद्योगिक सामाजिक दायित्वों के तहत उनके अधीन है। इस सड़क से दर्री- जमनीपाली क्षेत्र के लगभग डेढ़ लाख लोग सफर करते हैं। बालको जाना हो तो यही एक मात्र विकल्प है। इस सड़क से नहीं जाने पर लोगों को 10 से 12 किलोमीटर का अतिरिक्त फासला तय करना पड़ रहा है। वर्तमान में यह सड़क इतनी जर्जर है कि लोग इससे सफर करने से बचते हैं। बालको प्लांट से उत्सर्जित राख परिवहन इसी सड़क के जरिए होता है। बालको के ही भारी वाहन इस सड़क से आवागमन करते हैं। जिससे सड़क पूरी तरह से उखड़ चुकी है। बारिश होने पर यहां कीचड़ जम जाता है, तो सूखे मौसम में धूल उड़ता है। यह बेहद दुर्भाग्यजनक स्थिति है।
बालको के 51 फ़ीसदी शेयर का निजीकरण करने के बाद केवल 49 फीसदी शेयर ही सरकार के पास है। यह एक प्राइवेट सेक्टर की सार्वजनिक उपक्रम है। जिसका यह दातित्व है कि जिले में वह सामाजिक कार्यों को पूर्ण करें और आसपास के लोगों का जीवन स्तर उठाने का काम करें।
लेकिन बालको ने सदैव इसके विपरीत ही काम किया है। बालको के अधिकारी विकास कार्य कराने का ढिंढोरा जरूर पीटते हैं पर वास्तविकता इसके ठीक विपरीत है। बालको ने शहर में जगह-जगह राख फेंक कर प्रदूषण की मात्रा को बढ़ाया, जिससे जिले वासियों को कैंसर, दमा जैसी घातक बीमारियां हो रही है। अब बालको प्रबंधन एक सड़क तक नहीं सुधार पा रहा है।
मंत्री ने कहा है कि बालको का उन्होंने पहले भी दौरा किया था। उस समय भी बालको को चेतावनी दी थी। बालको ने कभी भी इस तरह के जनहित के मुद्दों को गंभीरता से नहीं लिया।
कुछ समय पहले बालको को पत्र लिखकर जनहित के मुद्दों को प्राथमिकता के साथ पूर्ण करने की बात कही थी। लेकिन बालको ने इस दिशा में कोई काम नहीं किया। बालको प्रबंधन लगातार हठधर्मिता पूर्वक सिर्फ और सिर्फ मुनाफा कमाने की दिशा में काम कर रही है। मंत्री ने रूमगड़ा से परसाभाठा तक के सड़क निर्माण को तत्काल शुरू करने को कहा है। यदि तत्काल इस सड़क का काम शुरू नहीं होता है तो मंत्री धरने पर बैठ जाएंगे।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *