जिले के 365 ग्राम पंचायत सचिवों को नवरात्र के 9 दिन पहले मिला शासन का तोहफा, 25 दिन अर्जित व आकस्मिक अवकाश रहेंगे 12
कोरबा(thevalleygraph.com)। पर्व के ठीक नौ दिन पहले पंचायत सचिवों को शासन से नवरात्र का खास तोहफा मिला है। अब उन्हें भी अर्जित व आकस्मिक अवकाश (ईएल-सीएल) की पात्रता होगी। बेसिक में बढ़ोतरी करते हुए ग्रेड वेतन और विशेष भत्ते में वृद्धि करते हुए लाभ दिया जाएगा। इस सौगात का लाभ जिले में कार्यरत करीब 365 ग्राम पंचायत सचिवों को मिल सकेगा, जो परिवार की बेहतरी में आडेÞ आने वाली आर्थिक मुश्किलों से निपटने एक बड़ी राहत होगी।
जिले की बात करें तो कुल 414 ग्राम पंचायत हैं, जिनमें शासन की विभिन्न योजनाओं और लोगों की मूलभूत जरूरतों की उपलब्धता सुनिश्चित करने 365 पंचायत सचिव कार्यरत हैं। इनके लिए राज्य शासन के पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इस आदेश के अनुसार पंचायत सचिवों को विशेष भत्ता व अवकाश की पात्रता दी गई है। गाइडलाइन में बताया गया है कि 15 वर्ष से कम सेवा अवधि वाले ग्राम पंचायत सचिव 3500-10 हजार रुपए प्लस 1100 ग्रेड वेतन व 4 हजार रुपये विशेष भत्ता के हकदार होंगे। इसी तरह 15 वर्ष से अधिक सेवा अवधि वाले ग्राम पंचायत सचिव रूपए 5200-20200, 2400 ग्रेड वेतन तथा रुपए 3000 विशेष भत्ता के पात्र होंगे। ग्राम पंचायत सचिवों को एक कैलेंडर वर्ष में 25 दिवस अर्जित और 12 दिवस आकस्मिक अवकाश की पात्रता दी गई है। ग्राम पंचायत सचिवों को चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति की पात्रता होगी। यह सुविधा शासन द्वारा समय-समय पर अद्यतन की गई मान्यता प्राप्त चिकित्सालयों में अंत: रोगी के रूप में कराये गये उपचार हेतु ही प्रदाय की जाएगी। चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति की अधिकतम सीमा प्रतिवर्ष 5 लाख रुपए होगी। इसकी विस्तृत प्रक्रिया पृथक से जारी की जाएगी। यह आदेश इसी माह 1 अक्टूबर से प्रभावशील हो गया है। अर्जित व आकस्मिक अवकाश, केवल वर्ष 2023 के लिए आनुपातिक रूप से देय होगा। पंचायत सचिवों को प्रत्येक वर्ष 1 जुलाई को 3 प्रतिशत की दर से वार्षिक वेतनवृद्धि देय होगी। समय-समय पर लागू मंहगाई भत्ता भी देय होगा। प्रस्तावित वेतन भत्तों व अन्य सुविधाओं में वृद्धि का कोई भी लाभ, भूतलक्षी प्रभाव से देय नहीं होगा और न ही इनके संबंध में कोई एरियर्स देय होगा। प्रस्तावित वेतन भत्तों के अतिरिक्त अन्य कोई भत्ते देय नहीं होंगे।बच्चे के जन्म पर 15 दिवस का पितृत्व अवकाश
महिला ग्राम पंचायत सचिव जिसकी 2 से कम जीवित संतान हैं, उन्हें 180 दिवस तक के लिए मातृत्व अवकाश (गर्भावस्था से लेकर बच्चे के जन्म के छमाह पश्चात तक के लिए) स्वीकृत किया जा सकता है। ऐसे पुरुष ग्राम पंचायत सचिव, जिनकी 2 से कम जीवित संतान हैं, उन्हें 15 दिवस का पितृत्व अवकाश बच्चे के जन्म के 15 दिवस पहले से लेकर छह माह पश्चात तक के लिए स्वीकृत किया जा सकता है। ग्राम पंचायत सचिवों को भविष्य में इस आदेश के तहत किसी भी प्रकार के अवकाश नगदीकरण की पात्रता नहीं होगी। 5 वर्ष से अधिक निरंतर सेवा पूर्ण कर चुके पंचायत सचिवों को उनके सेवानिवृत्त होने पर अर्हतादायी सेवा की प्रत्येक पूर्ण छमाही समयावधि के लिए उनकी उपलब्धियों के एक-चौथाई के बराबर उपलब्धि के 16.5 गुना से अधिकतम के अध्याधीन रहते हुए, उन्हें उपादान स्वीकृत किया जा सकेगा। 5 वर्ष की निरंतर सेवा अवधि पूर्ण करने के बाद यदि सेवा में रहते हुए, किसी पंचायत सचिव की मृत्यु हो जाती है, तो उपादान की धनराशि उसकी कुल अंतिम उपलब्धियों के 10 गुना के बराबर या निश्चित की गई धनराशि, जो भी अधिक होगी, उसका भुगतान किया जाएगा। अधिकतम देय राशि 10 लाख रुपए होगी।
विभागीय जांच से गुजर रहे तो निराकरण तक लाभ नहीं
ऐसे कोई भी पंचायत सचिव के प्रकरणों में जो इन प्रस्तावित सुविधाओं के प्रभावशील होने की तिथि यानि एक 1 अक्टूबर 2003 से पूर्व अनियमित रूप से अनुपस्थित है थे या उनकी सेवा संबंधी प्रकरण, न्यायालय में विचाराधीन हों, उन्हें ऐसी सुविधाओं की पात्रता के दायरे में तभी लाया जाएगा, जब उनके ऐसी अनियमित अनुपस्थिति का विधिवत पूर्ण निराकरण हो जाए अथवा विचाराधीन न्यायालयीन प्रकरण का अंतिम निराकरण हो जाये। ऐसे कोई भी पंचायत सचिव जिनके विरूद्ध विभागीय जांच अंतिम रूप से निराकृत नहीं की गई हो अथवा जिनके विरूद्ध किसी भी प्रकार के दांडिक प्रकरण प्रचलित हो, तो अंतिम निराकरण तक उन्हें इस आदेश में प्रस्तावित सुविधाओं के दायरे में नहीं लाया जाएगा।
पिछले दशहरा में प्रमोशन से 40 बने थे वरिष्ठ सचिव-2
पिछले वर्ष दशहरा के अवसर पर भी जिले में कार्यरत 46 पंचायत सचिवों को शासन की ओर से खास उपहार मिला था। अपने सेवाकाल के 15 वर्ष पूर्ण करने वाले कर्मियों को प्रमोशन का लाभ देते हुए वरिष्ठ ग्राम पंचायत सचिव-2 के पद पर पदोन्नति दी गई थी। तब कोरबा जनपद के दस, करतला से सात, कटघोरा से चार, पाली से सात व पोड़ी-उपरोड़ा के 12 कर्मी इस लाभ के हकदार बने थे।