जिला पंचायत CEO को जिले का प्रभार देकर कार्यमुक्त हुए श्री झा, प्रशासनिक अफसरों ने रखा विदाई समारोह, साझा किए 13 माह के कार्यकाल के अनुभव। कलेक्टर श्री झा ने कहा कि शासन की विश्वसनीयता कलेक्ट्रेट से बनती है, लोगों का एक भरोसा ही है जो उन्हें कलेक्ट्रेट तक नि:संकोच खींच लाती है। वे आपसे मिलने और बात करने से भी नहीं डरते। उन्हें लगता है कि उन्हें यहां न्याय मिलेगा, इसलिए आप भी उनके भरोसे पर खरा उतरिए। CEO विश्वदीप ने श्री झा द्वारा लैण्ड रिकॉर्ड, जल संरक्षण, भू-अर्जन सहित अन्य क्षेत्र में किए गए कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि उनके ही प्रयास से अंबिकापुर जिले को राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ।
कोरबा(thevalleygraph.com)। बिलासपुर स्थानांतरण होने के पश्चात कलेक्टर संजीव कुमार झा (IAS) ने जिला पंचायत सीईओ विश्वदीप को प्रभार सौंप दिया। इस दौरान उनके सम्मान में कलेक्ट्रेट के अधिकारियों-कर्मचारियों ने विदाई समारोह का आयोजन कर उन्हें नए जिले में पदस्थापना के लिए शुभकामनाएं दी। अपने अधीनस्थ अधिकारी कर्मचारियों से मिले सम्मान से अभिभूत कलेक्टर ने सबको बीते 13 माह के कार्यकाल के अनुभव को साझा किया और कहा कि कोरबा एक अलग ही जिला के रूप में महसूस हुआ। औद्योगिक जिले में भूमि अधिग्रहण से लेकर अन्य चुनौतियां भी रहीं, यहां के प्रत्येक कर्मचारियों-अधिकारियों से बहुत कुछ सीखने को मिला। कोरोना खत्म होने के बाद एक स्वस्थ माहौल में कोरबा में नियुक्ति के साथ ही अनुभवी और युवा टीम मिली। इस 13 माह के कार्यकाल में कहीं कोई अप्रिय बात जिला प्रशासन में देखने और सुनने को नहीं मिली, इसके लिए सभी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि आप जब किसी विभाग या कार्यालय के मुखिया हैं तो आप अपने अधीनस्थ के प्रति विश्वास और भरोसा कायम करिए। यही भरोसा और विश्वास ही सबको एकजुट करता है और समन्वित सफलता दिलाता है। उन्होंने बताया कि प्रशासन का कार्य चुनौती और जवाबदेही से जुड़ा है। किसी टास्क को कैसे पूरा करना हे, इसके लिए रणनीति बनानी पड़ती है। इस दौरान कई समस्याएं आती हैं, जिसे दूर करना जरूरी होता है। उन्होंने कहा कि कभी भी संवादहीनता की स्थिति निर्मित नहीं होनी चाहिए। हम बहुत ही सौभाग्यशाली है कि ईश्वर ने हमें कुछ काम करने को भेजा है, चुना है। यदि हमारे प्रयास से किसी व्यक्ति को योजना का लाभ मिलता है, उनकी समस्याएं दूर हो जाती है, तो यह खुशी सिर्फ उन्हें ही नहीं हमें भी मिलती है, इसलिए हमें अपने कर्तव्य जिम्मेदारी को समझते हुए अपने सेवाकाल में ऐसे जनहित कार्य अवश्य करते रहने चाहिए कि आपके यहां से जाने के बाद भी लोग आपको और आपके कार्यों को याद रखें। कलेक्टर श्री झा ने कहा कि शासन की विश्वसनीयता कलेक्ट्रेट से बनती है, लोगों का एक भरोसा ही है जो उन्हें कलेक्ट्रेट तक नि:संकोच खींच लाती है। वे आपसे मिलने और बात करने से भी नहीं डरते। उन्हें लगता है कि उन्हें यहां न्याय मिलेगा, इसलिए आप भी उनके भरोसे पर खरा उतरिए। कलेक्टर ने सभी अधिकारियों-कर्मचारियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां के लोग भी बहुत अच्छे हैं, मुझे यह जिला हमेशा याद रहेगा। एसडीएम पाली सुश्री ऋचा सिंह, एसडीएम कोरबा श्रीमती सीमा पात्रे, संयुक्त कलेक्टर सेवाराम दीवान, डिप्टी कलेक्टर मनोज खाण्डे सहित कलेक्ट्रट के अधीक्षक के.एस. कंवर व अन्य स्टाफ ने श्री झा के व्यवहार, शालीनता की सराहना की और उनसे बहुत कुछ सीखते हुए इसे अपने जीवन में भी उतारने की बात कही। उन्होंने अपने कार्यालयीन स्टाफ भृत्य, सैनिक, वाहन चालकों का शॉल व श्रीफल से सम्मान भी किया।
एक अच्छे अधिकारी और कुशल टीम लीडर: सीईओ विश्वदीप
विदाई समारोह में जिला पंचायत सीईओ विश्वदीप ने बताया कि कलेक्टर श्री झा के प्रोबेशनर थे। उनके साथ 8 माह काम करने का मौका मिला। बहुत कम समय में बहुत कुछ सीखने को मिला। उन्होंने जो टास्क दिए, वह सेवाकाल में बहुत काम आ रहे हैं। उनके कार्यों को आज भी लोग याद करते हैं। एक अधिकारी को इन्हीं के जैसा टीम लीडर होना चाहिए वे वैसे ही हैं। CEO विश्वदीप ने श्री झा द्वारा लैण्ड रिकॉर्ड, जल संरक्षण, भू-अर्जन सहित अन्य क्षेत्र में किए गए कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि उनके ही प्रयास से अंबिकापुर जिले को राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ।
गलती होने पर भी वे डांट नहीं लगाते, समस्या हल बताते: एसडीएम बनर्जी
अपर कलेक्टर प्रदीप साहू ने कहा कि एक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में जो गुण होनी चाहिए वह सब कुछ उनमें है। वे सौम्य और सरल होने के साथ आवश्यकता पड़ने पर कठोर भी बन जाते हैं। उनकी एक खूबी यह भी है कि वे सब कुछ पहले से भांप लेते हैं और उस दिशा में तैयारी कर चुनौती को आसान बना देते हैं। एसडीएम कटघोरा शिव बनर्जी ने श्री झा के साथ किए गए कार्यों के अनुभव को साझा किया। निर्वाचन कार्य के दौरान अन्य जिलों में उनके द्वारा बहुत ही शांत और सरल तरीके से कार्य किए जाने का जिक्र करते हुए श्री बनर्जी ने बताया कि गलती होने पर भी वे डांट नहीं लगाते थे और उनसे अपनी किसी प्रकार की समस्या को शेयर किया जा सकता है।