लखनलाल पर आदिवासियों के उत्पीड़न और महिला से मारपीट का दर्ज है अपराध, गोली मारने की धमकी दी, जेल गए
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कोरबा। भाजपा खुद को आदिवासियों का हितैषी बताती है। महिलाओं के सम्मान और महिला सशक्तिकरण की बात करती है। लेकिन धरातल का सच इसके विपरीत है। कोरबा विधानसभा के प्रत्याशी लखनलाल पर आदिवासियों के उत्पीड़न करने का अपराध दर्ज है। जिन्होंने बंदूक से गोली मार देने की धमकी आदिवासी वर्ग के व्यक्ति उत्तम सिंह को दी थी। जबकि एक महिला से मारपीट के लिए भी लखनलाल के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया था। इन अपराधों के लिए लखनलाल को जेल में कई रातें काटनी पड़ी थी। स्वच्छ चरित्र और चेहरे की बात करने वाले भाजपा ने एक दागदार व्यक्ति को पार्टी का टिकट दे दिया है। जो अपने अनैतिक किस्सों के लिए भी सुर्खियां बटोर चुके हैं। अब यह सच जनता के सामने आ चुका है।
जिसका चरित्र दागदार हो दमन में कई काले छींटे पड़े हों, ऐसे व्यक्ति को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है। जो खुद को गरीब और झुग्गी झोपड़ीवासी बताता है। महिलाओं को घर बुलाकर पैसे बांटता है।
जब व्यक्ति किसी को कैरक्टर सर्टिफिकेट देने की बात करे, तो यह सही मायनो में अनुचित है। किसी के भी चरित्र पर कीचड़ उछालना के पहले लखनलाल को जनता को यह बात भी बताना चाहिए कि पार्षद रहते जेल क्यों जाना पड़ा? कौन कौन से अपराध थानों में दर्ज हैं? कितने आपराधिक प्रकरण न्यायालय में लंबित हैं? लखनलाल के विरुद्ध अपराधिक प्रकरण अब भी हाईकोर्ट में विचाराधीन है।
आदिवासियों के अत्याचार अधिनियम के तहत दर्ज है अपराध
आदिवासी के शोषण और मारपीट करने के लिए कोहाडिया में ही रहने वाले एक व्यक्ति ने लखनलाल पर अपराध दर्ज कराया था। अपने बयान में आदिवासी वर्ग से आने वाले उत्तम ने कहा था कि लखन लाल का कोहड़िया में दहशत है। वह बंदूक से गोली मार देने की धमकी भी देता है। लखनलाल पर धारा 294, 452, 323/34, 506 अनुसूचित जनजाति, जनजाति अत्याचार अधिनियम 1989 के तहत अपराध दर्ज है।
मामला अब भी है हाई कोर्ट में विचाराधीन
लखनलाल पर महिला से मारपीट का अपराध दर्ज है। बाकायदा लखनलाल ने अपने हलफनामे में इसका विवरण दिया था। जिसमें उनके विरुद्ध महिला से मारपीट आदिवासी को जाती सूचक अपशब्द कहने का एट्रोसिटी एक्ट के तहत अपराध दर्ज है। यह मामला आज भी छत्तीसगढ़ के हाईकोर्ट में लंबित है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि लखनलाल का चरित्र क्या है? भाजपा ने किस तरह के चेहरे पर भरोसा जताया है। इसके दस्तावेजी साक्ष्य आज भी उपलब्ध हैं।