अनुशासन, नेतृत्व और अटूट देशभक्ति जैसे मूल सिद्धांतों से लैस दुनिया का सबसे बड़ा युवा संगठन है एनसीसी: डॉ प्रशांत

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Video:- कमला नेहरू कॉलेज में शनिवार को एनसीसी स्थापना दिवस समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ प्रशांत बोपापुरकर ने कहा कि राष्ट्रीय कैडेट कोर्प्स (एनसीसी) 15 जुलाई वर्ष 1948 में स्थापित दुनिया का सबसे बड़ा वर्दीधारी युवा संगठन है। एनसीसी इस वर्ष अपनी 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। अनुशासन, नेतृत्व और अटूट देशभक्ति जैसे मूल सिद्धांतों के साथ युवाओं को प्रशिक्षित करने में यह संगठन देश में एक प्रतीक स्वरूप प्रदर्शित हो रहा है।

कोरबा(theValleygraph.com)। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे संस्था के प्राचार्य डा. बोपापुरकर ने एनसीसी के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश की स्वतंत्रता के एक वर्ष पश्चात 15 जुलाई 1948 को इसका गठन भारतीय रक्षण एक्ट 1917 के अंतर्गत किया गया था। इसका मुख्य कारण छात्रों को सेना में करियर के लिए प्रेरित व प्रोत्साहित करना है। एनसीसी का आदर्श वाक्य एकता और अनुशासन है, जिसे जीवन में धारण कर हमारे युवा एक सशक्त राष्ट्र के निर्माण में भागीदार बन सकते हैं।

प्राचार्य डॉ प्रशांत बोपापुरकर ने बताया कि एनसीसी अपनी 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। 1948 में स्थापित एनसीसी दुनिया का सबसे बड़ा वर्दीधारी युवा संगठन है। एनसीसी दिवस नवंबर माह के चौथे रविवार को मनाया जाता है। एनसीसी का लक्ष्य युवाओं में अनुशासन, चरित्र, भाईचारा जैसे गुणों को बढ़ाना है। एनसीसी का अधिकारिक गीत का शीर्षक हम सब भारतीय हैं, यह गीत सुदर्शन फकीर जी ने लिखा था। एनसीसी ध्वज को वर्ष 1954 में पेश किया गया, जिसमें तीन रंग हैं। लाल, गहरा नील और हल्का नीला है, जो सेना, नौसेना और वायू सेना का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस दौरान प्राचार्य डा प्रशांत बोपापुरकर व एनसीसी प्रभारी लेफ्टिनेंट अनिता यादव ने एनसीसी कैडेट्स को रैंक पहनाकर सम्मानित किया गया। कैडेट्स ने राष्ट्रगान और एनसीसी गीत गाया, नृत्य और गीतों की आकर्षक प्रस्तुति दी।

उल्लेखनीय होगा कि एनसीसी भारत में दुनिया का सबसे बड़ा युवा संगठन है, जिसमें 1.2 मिलियन से अधिक कैडेट हैं। यह भारतीय सेना से संबद्ध एक स्वैच्छिक संगठन है। एनसीसी भी शिक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित की जाती है। एनसीसी दिवस हर साल नवंबर के चौथे रविवार को मनाया जाता है। क्योंकि उस दिन 1947 में दिल्ली में पहली इकाइयां स्थापित की गई थीं। युवा संगठन के लक्ष्यों और उद्देश्यों को याद करने के लिए एनसीसी दिवस मनाया जाता है।यह विद्यार्थियों में कर्तव्य के प्रति समर्पण, निष्ठा, समर्पण, अनुशासन और आत्म-बलिदान की अवधारणा का विचार पैदा करता है। इन सबके अलावा, भारत सरकार के अनुसार, एनसीसी 25 से अधिक देशों में युवा आदान-प्रदान कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में अपने कैडेटों को शांति और एकता के राजदूत के रूप में भेजकर, चार दशकों से अधिक समय से अंतरराष्ट्रीय संबंधों को साधने का एक मंच भी रहा है और इसलिए इसे मनाया जाता है। एनसीसी ने वर्षों से वायईपी के तहत 30 से अधिक देशों के मित्रवत विदेशी देशों के कैडेटों की मेजबानी की है। एनसीसी पिछले कुछ वर्षों में तेजी से विकसित हुआ है, जिसमें राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए वर्दी में युवाओं ने हर पहल में हाथ मिलाया है। युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित किया है।

युवाओं के बीच एकता और अनुशासन का प्रतीक : लेफ्ट. अनिता यादव
कॉलेज की एनसीसी अधिकारी लेफ्टिनेंट अनिता यादव ने इस अवसर पर राष्ट्र निर्माण में एनसीसी के उल्लेखनीय योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एनसीसी आज एक असाधारण मंजिल पर पहुंच गई है। इन 75 वर्षों में, यह प्रतिष्ठित संगठन अपने लोकाचार पर दृढ़ रहा और युवाओं के बीच एकता और अनुशासन का प्रतीक बनकर उभरा है। उन्होंने एनसीसी कैडेट्स को उनकी असीम उपलब्धियों के लिए शुभकामना दी और उन्हें उनके भविष्य के प्रयासों में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। पिछले सात दशकों में एनसीसी को राष्ट्र निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका पर अति गर्व है। इसने युवाओं के चरित्र को दिशा देने, कर्तव्य की भावना पैदा करने और हमारे देश के भविष्य के लिए नेतृत्‍व को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

सामाजिक विकास, आपदा राहत, पर्यावरण संरक्षण में अग्रणी भूमिका

एनसीसी ने सामाजिक विकास, आपदा राहत, पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक सेवा जैसी विभिन्न पहलों में सक्रिय रूप से भाग लेकर सामाजिक ताने-बाने पर गहरी छाप छोड़ी है। इस अवसर के निर्माण के रूप में, एनसीसी कैडेटों ने दो सप्ताह तक चलने वाले अखिल भारतीय स्वच्छता और जागरूकता अभियान स्वच्छता ही सेवा का नेतृत्व किया, जिसमें कचरा मुक्त भारत को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न प्रभावशाली कार्यक्रम शामिल थे। इसी तरह 1 अक्टूबर को बड़ी संख्या में कैडेट एक घंटे की श्रमदान गतिविधियों में शामिल हुए और इस उद्देश्य में अपना योगदान दिया।

75वीं वर्षगांठ के इस ऐतिहासिक दिवस के अवसर पर, एनसीसी समाज और राष्ट्र निर्माण में भावी योगदानकर्ताओं को दिशा प्रदान करने के लिए कृतसंकल्पित है। इस अवसर को यादगार रूप में बनाने के लिए, पूरे देश में रक्तदान अभियान, परेड, पुष्पांजलि समारोह, सांस्कृतिक कार्यक्रम और एनसीसी द्वारा समर्थित उपलब्धियों और लोकाचार को प्रदर्शित करने वाले जागरूकता अभियान किए जाते हैं।


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Aakash Pandey

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