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CG बजट 2024:- स्थानीय उद्योग और नए उद्यमियों को चाहिए एल्यूमिनियम पार्क की संजीवनी

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जिला उद्योग संघ ने कहा- नए उद्यमियों को प्रोत्साहित करने बजट में छग सकार से 21 साल पुरानी मांग को पूरा करने की उम्मीद

केंद्र हो या राज्य सरकार, नए उद्यमियों को स्टार्टअप के लिए अनेक योजनाएं लाई जाती हैं, पर साथ में यह भी जरूरी है कि उन्हें उनकी औद्योगिक परिकल्पनाएं साकार करने समुचित संसाधन भी मिले। खासकर जगह के लिए नई जमीनों के आवंटन की जरूरत है, जो पिछले 44 साल से नहीं मिली। इसके बाद 21 साल पुरानी एल्यूमिनियम पार्क की मांग भी अधूरी है, जो नई सरकार द्वारा पूरी किए जाने की आस है। करीब साढ़े 4 दशक पहले इंडस्ट्रियल एरिया स्थापित किया गया और तब से उसका विस्तार तो दूर, बुनियादी संसाधनों को दुरुस्त रखने में भी खास रूची नहीं दिखाई गई। स्थानीय उद्यमियों को अपेक्षा है कि बजट में इन सब बातों पर गौर किया जाएगा, ताकि उद्यमियों का हौसला और कारोबार को उड़ान के लिए पंख मिल सके।

कोरबा(thevalleygraph.com)। छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र 5 फरवरी से शुरू हो चुका है, जो 1 मार्च तक चलेगा। प्रदेश की विष्णुदेव सरकार 9 फरवरी को अपना पहला बजट पेश करेगी। वित्त मंत्री ओपी चौधरी के बजट में श्रम व उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन के जिले कोरबा के उद्यमियों ने भी काफी उम्मीदें लगा रखी हैं। जिला उद्योग संघ का कहना है कि उन्हें राज्य के बजट में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए एल्यूमिनियम पार्क की संजीवनी मिलने का इंतजार है। इसके अलावा यह भी उम्मीद कि नई इंडस्ट्री के लिए जगह उपलब्ध कराए जाएंगे और पुराने इंडस्ट्रियल एरिया में सुविधाएं भी बढ़ाई जाएंगी। संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि वर्ष 1980 के आस-पास इंडस्ट्रियल एरिया शुरू किया गया, पर मंशा के विपरीत अपेक्षित विकास नहीं हो सका। इसलिए इतने वर्ष बाद भी यह क्षेत्र उद्यमियों के कारोबार के लिए पूरी तरह से अनुकूल नहीं बनाया जा सका है। जिला उद्योग संघ कोरबा के अध्यक्ष श्रीकांत बुधिया ने बताया कि इंडस्ट्रियल एरिया में करीब 75 से 80 उद्योग संचालित हैं, जिसके बाद से 44 साल होने जा रहे हैं, पर नए उद्योगों के लिएजमीनें आवंटित नहीं हो सकी। सबसे बड़ी मांग, 2003 से की जा रही, जिसे भी 21 साल हो गए। वह है एल्यूमिनियम पार्क की मांग, जो आज भी अधूरा है। एल्यूमिनियम पार्क मिलेगा, तो नया स्टार्ट अप को प्रोत्साहन मिलेगा और नए उद्यमियों को आगे बढ़ने के भरपूर अवसर मिल सकेंगे।


स्थानीय उत्पाद को बाजार उपलब्ध कराने मिले मदद: अध्यक्ष श्रीकांत बुधिया
जिला उद्योग संघ कोरबा के अध्यक्ष श्रीकांत बुधिया कहते हैं कि एल्यूमिनियम की दो दशक पुरानी मांग अब तक अधूरी है। पूर्ववर्ती शासनकाल में भाजपा ने यह वादा किया था कि सरकार बनने पर पार्क की स्थापना करेंगे। अब नई सरकार से यही सबसे बड़ी उम्मीद है कि यह मांग पूर्ण होगी। दूसरी बड़ी बात यह कि इंडस्ट्रीय एरिया को स्थापित हुए 44 साल होने को हैं, लेकिन वहां की बदहाल स्थिति को ठीक करने कभी ध्यान नहीं दिया गया। नए स्टार्टअप को बढ़ावा देने नई जमीनों के आवंटन की जरूरत है और यह मांग भी अधूरी है। श्री बुधिया ने कहा कि सरकार के अनेक प्रोजेक्ट और योजनाएं आती हैं, पर बिना पर्याप्त जगह के उनमें निवेश करने वाले नए उद्यमियों की सहायता कैसे हो सकेगी। उन्होंने यह भी कहा कि कोरबा एक औद्योगिक जिला है, जहां सीएसईबी-एनटीपीसी समेत अनेक सार्वजनिक-निजी उपक्रम संचालित हैं। यहां से उद्यमियों को सहयोग नहीं मिल पा रहा। खासकर मार्केटिंग में इनकी मदद महत्वपूर्ण है। कई ऐेसे उत्पाद हैं, जिनकी संयंत्रों में जरूरत होती है और वे यहीं तैयार भी होते हैं। उद्यमियों को स्थानीय मार्केट मिले, तो दोनों को लाभ होगा।

बदहाल है इंडस्ट्रीयल एरिया, दुरुस्त करने की जरूरत: सचिव संतोष खरे
जिला उद्योग संघ कोरबा के सचिव संतोष खरे ने कहा कि साढ़े चार दशक पहले जिले में इंडस्ट्रीयल एरिया की स्थापना की गई थी और तब से लेकर आज तक वहां की सुविधाओं को दुरुस्त करने गंभीर कदम नहीं उठाए गए। वर्तमान में साफ-सफाई, नाली व अन्य आवश्यक संरचनाएं नदारद हैं। बिजली कभी भी गुल हो जाती है और परेशानियों से कई बार प्रशासन को अवगत कराने के बाद भी इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। इसके लिए एक अलग ट्रांसफार्मर लगाने की जरूरत है। आवश्यक सुविधा व संसाधनों की कमी के चलते कई उद्यमी फैक्ट्री बंद करने पर विवश हुए, जिन्होंने उम्मीद का दामन थाम रखा है, वे भी काफी कष्ट में चला रहे हैं। ऐसे में भला पुराने हों या नए उद्यमी, स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहित करने का उद्देश्य कैसे पूरा हो सकेगा। इसी तरह पर्याप्त जगह की कीम होने के चलते नए उद्यमियों को भी आगे बढ़ने अपने कदम बढ़ाने में दिक्कत हो रही है। श्री खरे ने भी एल्यूमिनियम पार्क की बहुप्रतीक्षित मांग को पूरा करने की आस बजट से लगाई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 से यह मांग की जाती रही है, जिसे 21 साल गुजर चुके हैं। उम्मीद है कि नई सरकार इस मांग को पूरा कर जिले के उद्यमियों का हौसला बढ़ाने में सहयोग करेगी।
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Aakash Pandey

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