पीसीसीएफ और वन मंत्री के समक्ष ग्रेड पे एवं समयमान वेतन में सुधार समेत 8 मांगें रखेंगे, अनदेखी की तो उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएंगे


रेंजर्स एसोसिएशन (बिलासपुर वृत्त) की बैठक में पारित किए गए 8 महत्वपूर्ण निर्णय।

सक्ति/बिलासपुर(theValleygraph.com)। शनिवार 24 फरवरी को रेंजर्स एसोसिएशन (बिलासपुर वृत्त) की एक अहम बैठक रखी गई थी। इस बैठक का आयोजन वन रक्षक दीक्षांत हॉल सक्ति में किया गया। इस अवसर पर उपस्थित रेंजर सदस्यों ने सर्वसम्मति से कुछ अति महत्वपूर्ण लिखित निर्णय लिए गए हैं। बैठक में विचार मंथन और प्रस्तुत सुझावों पर सभी की सहमति के बाद कुल 8 बिंदुओं पर निर्णय लिया गया। बिलासपुर वृत्त के 75% से अधिक रेंजर्स की उपस्थिति में यह निर्णय पारित किया गया। इनमें वर्तमान भुगतान प्रणाली में कमियां और उनके सुधार की भी रूपरेखा तैयार कर पीसीसीएफ एवं वन मंत्री को ज्ञापन दिए जाने पर मुहर लगाई गई है। साथ ही यह भी प्रमुखता से स्पष्ट किया गया है कि ज्ञापन में रखी गई मांगों पर अनदेखी अथवा कोई प्रतिक्रिया नहीं होने पर उच्च न्यायालय की शरण में जाने का निर्णय लिया गया है। इनके अतिरिक्त अन्य मांगों पर भी संक्षिप्त चर्चा की गई।

रेंजर्स एसोसिएशन (बिलासपुर वृत्त) की बैठक में पारित निर्णय

1) वर्तमान भुगतान प्रणाली में कमियां एवम उनके सुधार हेतु रूपरेखा तैयार कर पीसीसीएफ और वन मंत्री को ज्ञापन देना। इसके बावजूद कोई प्रतिक्रिया नहीं होने पर उच्च न्यायालय की शरण में जाने का निर्णय।
2) ग्रेड पे एवं समयमान वेतन में सुधार।
3) तीन लाख से अधिक के सभी कार्यों को टेंडर के माध्यम से कराए जाने हेतु निर्णय।
4) टेंडर के सभी कार्यों (सामग्री & मशीनरी) का सत्यापन अधिकृत अधिकारियों द्वारा ही नियमानुसार किया जावे तथा रेंजर्स से इस बाबत सत्यापन न कराया जाए।
5) विभिन्न माध्यमों से प्राप्त शिकायतों पर तथ्यात्मक भौतिक परीक्षण उपरांत ही, शिकायत जांच हेतु आदेशित किया जाए एवम गलत/नियम विरुद्ध या पूर्वाग्रहपूर्ण जांच करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही कर FIR किया जाए।
6) सभी निरीक्षण कुटीर/रेस्ट हाउस का संचालन फॉरेस्ट मैनुअल के अनुरूप किए जाने के लिए कार्यवाही किया जाए।
7) सामग्री एवम मशीनरी के अतिरिक्त लेबर का टेंडर भी नियमानुसार किया जाए, ताकि कार्यों की पूर्णता एवम भुगतान सही ढंग से सुनश्चित हो।
8) गाड़ियों में डीजल 150 लीटर से बढ़ाकर 250 लीटर कम से कम किया जाए एवम अग्नि सुरक्षा काल(फायर सीजन) के लिए पृथक से डीजल की व्यवस्था हो।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *