इस प्रदेश की मुख्य सचिव के एक फरमान ने सचिवालय में कार्यरत अफसर और कर्मचारियों को हैरान कर दिया है। उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि वे दफ्तर में अपने मोबाइल फोन और लैपटॉप को चार्जिंग पर न चढ़ाएं। अब कर्मियों का कहना है कि इस निर्देश से उनका कामकाज प्रभावित हो सकता है। यह भी बताया जा रहा है कि CS अगली कड़ी में अफसर और मंत्रियों की विदेश यात्रा और शासकीय वाहनों की खरीदी पर भी रोक लगाने की तैयारी कर रही हैं।
दक्षिण भारत के राज्य तेलंगाना के सचिवालय में अधिकारियों और कर्मचारियों के काम करने के तरीके में अजीबो गरीब बदलाव किया गया है। ये बदवाल उनके लिए चिंता का सबब बन गया है। दरअसल, तेलंगाना की मुख्य सचिव शांति कुमारी ने हाल ही में सचिवालय में काम करने को लेकर कुछ आदेश जारी किए थे, जिसमें से कुछ चर्चा का विषय बन गए। विशेष रूप से सचिवालय में अधिकारियों के सेल फोन और लैपटॉप के यूज और उनको चार्ज करने पर बैन लगा दिया जाना था।
इतना ही नहीं, मुख्य सचिव शांति कुमारी ने राज्य के शीर्ष अधिकारियों और मंत्रियों की विदेश यात्राओं पर भी रोक लगाने का निर्णय लिया है। ऐसा लगता है कि यह फैसला सरकारी खजाने पर बोझ कम करने के मकसद से लिया गया है। दफ्तरों के अतिरिक्त व्यय को कम करने और नए फर्नीचर खरीदने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
इसके साथ ही शासकीय वाहनों की खरीद पर भी अस्थायी रोक लगा दी गई। शासकीय विभागों को नए वाहनों की खरीद से संबंधित प्रस्तावों को खारिज करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। इस बीच मुख्य सचिव शांति कुमारी ने ऑफिस में अधिकारियों के निजी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों को चार्ज नहीं करने का भी निर्देश जारी किया है।
मुख्य सचिव शांति कुमारी के फैसले अब सचिवालय में चर्चा का विषय बन गए हैं। कई अधिकारी और कर्मचारी इन फैसलों को समझ नहीं पा रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसे हम कैसे काम कर सकते हैं? विशेष रूप से कई लोग सवाल कर रहे हैं कि निजी लैपटॉप और सेलफोन को चार्ज करने पर प्रतिबंध कैसे लगाया जा सकता है?
कहा जा रहा है कि मुख्य सचिव शांति कुमारी ने ये फैसले सरकारी व्यय को कम करने के लिए, लिए हैं। वहीं अफसरों और कर्मचारियों का कहना है कि इससे दफ्तर का कामकाज प्रभावित होगा।