NTPC कोरबा आवासीय परिसर स्थित विभागीय चिकित्सालय में विश्व कैंसर दिवस पर कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) गतिविधियों के अंतर्गत एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। NTPC कोरबा के परियोजना प्रमुख राजीव खन्ना ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर उन्होंने कहा कि आम जागरूकता के साथ ही यहां कैंसर स्क्रीनिंग कैंप भी अयोजित गया। इस कैंप में हमारे चिकित्सा विशेषज्ञों ने आसपास के गांवों में निवासरत महिलाओं को हॉस्पिटल में एकत्रित कर उनकी निशुल्क स्क्रीनिंग की। यह स्वास्थ्य परीक्षण विशेषकर 40 वर्ष की आयु से अधिक की महिलाओं पर केंद्रित रहा। स्क्रीनिंग में अगर कोई चिन्हांकन होता है तो आगे की जांच के लिए उन्हें भेजा जाएगा। इसके साथ ही उन महिलाओं के साथ कैंसर जागरूकता पर एक परिचर्चा भी रखी गई। इसमें हमारे चिकित्सकों ने उन्हें कैंसर से संबंधित बातें, जैसे उनके कारण, पहचान के लक्षण, उपचार और अन्य जरूरी बिंदुओं पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई। ताकि उन्हें इस बात का भली भांति ज्ञान हो कि दुर्भाग्य से ऐसे लक्षण दिखें तो बिना देर चिकित्सकीय सलाह लें। समय रहते इलाज शुरू होने से इस भयावह बीमारी को भी हराया जा सकता है। इस कार्यक्रम के माध्यम से एनटीपीसी के हमारे चिकित्सकों की टीम द्वारा एक बहुत अच्छी पहल की गई है और मैं यह चाहूंगा कि यह एक अभियान के रूप में कम से कम एक माह तक अनवरत जारी रखा जाए, ताकि अधिक से अधिक महिलाओं को उसका समुचित लाभ प्रदान किया जा सके। एनटीपीसी हॉस्पिटल के सीएमओ डॉ विनोद कोल्हटकर के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रमुख रुप से डॉ प्रतिभा अर्चना दास, डाॅ परिमिता हुरा, डाॅ बबिता चौरसिया, डाॅ रश्मि कुमारी, प्रशासनिक अधिकारी श्रीमती उज्ज्वला पटेल एवं चिकित्सालय की पूरी टीम ने कार्यक्रम को सफल बनाने महत्वपूर्ण योगदान प्रदान किया।
उन भ्रांतियों से दूर रहना जरूरी है जो कैंसर को दूर करने की राह में बाधक हैं: डॉ प्रतिभा अर्चना दास
एनटीपीसी हॉस्पिटल कोरबा की प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ प्रतिभा अर्चना दास ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से स्क्रीनिंग या चिकित्सा जांच के साथ जागरूकता पर भी जोर दिया जा रहा है। खासकर उन ग्रामीण महिलाओं को, जिनमें ऐसी भ्रांतियां हैं कि दूध नहीं पिलाने से या ज्यादा बच्चे होने से, जांच के बाद दवाइयां खाने से कैंसर हो जाता है, जैसी तथ्यहीन बातों के प्रति जागरुक करना ज़रूरी है। कैंसर से संबंधित बातों पर लोग चर्चा करने से ही डरते हैं। जांच से भागते हैं। उन्हें यह जानना जरूरी है कि समय डिटेक्शन प्रिवेंशन और ट्रीटमेंट से सर्वाइकल कैंसर पर जीत हासिल की जा सकती है।
समय डिटेक्शन और ट्रीटमेंट से हासिल की जा सकती है सर्वाइकल कैंसर पर जीत : डॉ परिमिता हूरा
एनटीपीसी हॉस्पिटल कोरबा की रेडियोलॉजिस्ट डॉ परिमिता हूरा ने बताया कि विश्व कैंसर दिवस पर इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से दो तरह के कैंसर की जांच पर फोकस किया जा रहा है। इनमें ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर को टारगेट किया गया है। दोनों ही कैंसर का अर्ली स्टेज में अल्ट्रासाउंड के जरिए पता लगाना संभव होता है। उन्होंने बताया कि 40 वर्ष या उसके आसपास की उम्र में जो महिलाएं पहुंच चुकी हैं, जिनमें मेनोपॉज हो गया है या मेनोपॉज के आसपास पहुंच रही हैं, उन्हें केंद्रित कर जागरूक किया जा रहा है। उन्हें बताया जा रहा है कि नियमित स्वास्थ जांच कराएं, क्योंकि समय रहते पता चल जाने से दोनों ही प्रकार के कैंसर में सफलतापूर्वक उपचार संभव हो जाता है।