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बच्चों और उनकी आंखों की सेहत का रखें ध्यान, विटामिन ए की खुराक से करें रतौंधी की रोकथाम

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आज से 22 मार्च तक जिले में मनाया जाएगा शिशु संरक्षण माह, 6 माह से 5 वर्ष तक की आयु के बच्चों को मिलेगा लाभ, हर मंगल व शुक्रवार को सभी आंगनबाड़ी व स्वास्थ्य केंद्रों में लगेगा सत्र।

कोरबा(theValleygraph.com)। बचपन में ही सुपोषण की जुगत कर ली जाए, तो बढ़ते बच्चों में रोगों से लड़ने की ताकत विकसित की जा सकती है। इसके लिए जरूरी है कि उन्हें मां का दूध ही मिले, समय पर टीकाकरण हो और दवाइयों की आवश्यक खुराक जरूरी पिलाई जाए। यही उद्देश्य रखते हुए वर्ष में दो बार शिशु संरक्षण माह मनाया जाता है, जिसका पहला चरण शुक्रवार से शुरू हो रहा है। कुपोषण, रक्त की कमी, सांस की मुश्किलें और खासकर आंखों की रोशनी पर फोकस करते हुए विटामिन ए की खुराक भी बच्चों को दी जाएगी। ऐसे में यह भी जरूरी है कि अपने बच्चों की अच्छी सेहत की जुगत में माता-पिता भी जुड़कर इस अवसर का लाभ उठाएं।

भारत शासन के निर्देश व कलेक्टर अजीत वसंत के मार्गदर्शन में प्रतिवर्ष की भांति 16 फरवरी से 22 मार्च तक (शिशु सरक्षण माह) विटामिन ए अनुपूरण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान जिले के समस्त शहरी व ग्रामीण आंगनबाड़ी केन्द्रों, टीकाकरण केन्द्रों व स्वास्थ्य केन्द्रों में 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन-ए तथा 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को आईएफए सिरप पिलाया जाएगा। साथ ही हितग्राहियों को आईएफए सिरप वितरित किया जाएगा। इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन आरएचओ, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व मितानिन के सहयोग से प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को आयोजित होने वाले निर्धारित टीकाकरण सत्रों में किया जाएगा। इसके साथ ही टीकाकरण से छूटे हुए या नियमित टीकाकरण के लक्षित बच्चों का टीके लगाए जाएंगे। कलेक्टर व सीएमएचओ ने जिले के नागरिकों और जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया है कि वे अपने तथा अपने क्षेत्र में बालक व बालिकाओं समेत 6 माह से 5 वर्ष तक की आयु के बच्चों को निर्धारित सत्रों में आंगनबाड़ी या स्वास्थ्य केन्द्र में ले जाकर आयु अनुसार विटामिन ए तथा आईएफए की दवा पिलाएं। छूटे हुए व नियमित टीकाकरण वाले बच्चों का अनिवार्य रूप से टीका लगवाएं।

बच्चों के लिए अमृत है मां का दूध, करेंगे प्रेरित
जिले में शिशु संरक्षण माह वर्ष में दो बार छह माह के अंतराल में आयोजित किया जाता है। शिशु संरक्षण माह के दौरान आंगनबाड़ी केन्द्रों में गर्भवती माताओं को महतारी के दूध सबले अच्छा की जानकारी देते हुए बच्चों को मां का ही दूध पिलाए जाने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा। बच्चों को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए वजन किया जाएगा। अतिकुपोषित बच्चों को चिन्हांकित कर उनके पोषण स्तर में सुधार लाने की दिशा में पहल सुनिश्चित करते हुए उन्हें पोषण पुनर्वास केंद्रों में भेजकर उपचार किया जाएगा।
दूर होगा श्वास संक्रमण, बुखार, कुपोषण व रक्त अल्पता
वर्ष में दो बार आने वाले शिशु संरक्षण माह के तहत प्रत्येक मंगलवार तथा शुक्रवार को समस्त शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के आंगनबाड़ी केंद्रों, टीकाकरण केन्द्रों में निर्धारित सत्रों में 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए तथा 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को आईएफए सिरप पिलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि बच्चों को विटामिन ए की दवा की नियमित खुराक प्रत्येक 6 माह में एक बार 5 वर्ष तक पिलाने से बच्चों में रतौंधी, श्वास संक्रमण, बुखार तथा कुपोषण की संभावना कम हो जाती है। साथ ही आईएफए (आयरन फोलिक एसिड) सिरप खून की कमी को दूर करने के लिए बच्चों को दिया जाता है।
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