किसान की फरियाद पर आखिर CM विष्णुदेव ने क्यों किया यहां के DM को फोन और रेवेन्यू इंस्पेक्टर सस्पेंड तो हटाए गए नायब तहसीलदार


शासन ने शासकीय कर्मियों को जनता की समस्याओं को हल करने की शक्तियां दी हैं। पर कुछ सरकारी अफसर और कर्मी, उन्हीं शक्तियों का अनुचित प्रयोग कर आम आदमी की मुश्किलों के कारण बन जाते हैं। एक ऐसी ही शिकायत बिलासपुर से 100 किलोमीटर दूर राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री जनदर्शन में पहुंची थी। राजस्व अभिलेखों में त्रुटि की इस शिकायत पर गंभीर होते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सीधे बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण को फोन किया। उन्होंने मामले की जांच कराई तो दोषी अफसरों की पोल खुली। जांच के नतीजों के आधार पर राजस्व निरीक्षक को निलंबित किया गया और नायब तहसीलदार हटाए गए हैं।


रायपुर/बिलासपुर(theValleygraph.com)। राजस्व अभिलेखों के सुधार कार्य में गंभीर अनियमितता बरतने के खिलाफ मुख्यमंत्री जनदर्शन में प्राप्त शिकायत को संज्ञान लेकर मुख्यमंत्री ने बिलासपुर कलेक्टर को जांच करवा कर कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे। बिलासपुर कलेक्टर ने मामले में जांच करवा आरआई को निलंबित कर दिया है। वही नायब तहसीलदार को भी हटा दिया गया है।


मुख्यमंत्री जनदर्शन में आवेदक में उपस्थित होकर तत्कालीन पटवारी के द्वारा राजस्व अभिलेखों में त्रुटि करने की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने इस मामले में बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण को फोन कर मामले को गंभीरता से ले जांच कर लापरवाही पाए जाने पर कार्यवाही के निर्देश दिए थे। कलेक्टर ने जांच करवा राजस्व निरीक्षक को कलेक्टर ने निलंबित कर दिया है। वही पर्यवेक्षण कार्य में लापरवाही बरतने पर नायब तहसीलदार से सारे प्रभार छीन लिए गए हैं।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के द्वारा 8 अगस्त को आयोजित जनदर्शन में बिलासपुर से एक पीड़ित ने उपस्थित होकर मुख्यमंत्री को बिलासपुर जिले के सकरी तहसील के पटवारी हल्का नंबर 38 बेलमुंडी में पदस्थ पटवारी सुरेश कुमार ठाकुर के द्वारा अभिलेख सुधार कार्य में गंभीर अनियमितता बरतते हुए राजस्व अभिलेखों में गड़बड़ी किए जाने संबंधी शिकायत प्रस्तुत की थी। मुख्यमंत्री ने इस मामले में बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण को फोन कर मामले को खुद संज्ञान में लेकर जांच करवाने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री ने लापरवाही पाए जाने पर कड़ी कार्यवाही के भी निर्देश दिए थे। इसके बाद बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण ने मुख्यमंत्री के निर्देशों को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच शुरू करवाई।

तत्कालीन पटवारी सुरेश ठाकुर जो अब राजस्व निरीक्षक बन चुके हैं, उन्हें निलंबित किया गया 

मामले की जांच के लिए कलेक्टर अवनीश शरण ने संयुक्त कलेक्टर मनीष साहू को जांच अधिकारी नियुक्त किया था। संयुक्त कलेक्टर मनीष साहू के द्वारा जांच रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के बाद कलेक्टर ने तत्कालीन पटवारी सुरेश ठाकुर जो अब राजस्व निरीक्षक बन चुके हैं को निलंबित कर दिया है। सुरेश कुमार ठाकुर वर्तमान में राजस्व निरीक्षक मंडल बेलपान तहसील तखतपुर में पदस्थ थे। उन्हें अभिलेख सुधार कार्य में गंभीर अनियमितता बरतने पर छत्तीसगढ़ भू अभिलेख नियमावली के नियमों का स्पष्ट उल्लंघन करते हुए अपने कर्तव्यों में घोर लापरवाही किए जाने एवं कार्य के प्रति लापरवाही बरतने तथा सौंपे गए पदीय दायित्वों में अनियमितता किए जाने पर निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में उनके कार्यालय कलेक्टर भू अभिलेख शाखा बिलासपुर नियत किया गया है।

 दूसरी ओर संकरी के नायब तहसीलदार राकेश कुमार ठाकुर को भी पर्यवेक्षण कार्य में लापरवाही बरतने पर कलेक्टर ने उन्हे हटाते हुए कलेक्ट्रेट में बिना प्रभार अटैच कर दिया है।


इस पूरे मामले को इस तरह समझें

पीड़ित किसान अरविंद कुमार शर्मा ने मुख्यमंत्री को 8 अगस्त को आयोजित जनदर्शन में शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि उनके पिताजी द्वारा बटवारे के तहत 3.92 हेक्टेयर जमीन उन्हें मिली थी। मेरे नाम से इस जमीन का अलग से पर्चा था। में बिलासपुर में रहता हूं। यदा कदा गांव जाता था। वर्ष 2021 में पिताजी के निधन उपरांत पटवारी ने उनके छोटे भाई के साथ साजिश रचकर जमीन उनके नाम कर दिया। स्थानीय स्तर पर अधिकारियों से काफी अनुनय विनय करने के बाद भी उनका काम नहीं हुआ। आखिरकार थक हारकर वे रायपुर में मुख्यमंत्री से जनदर्शन कार्यक्रम में मुलाकात कर न्याय दिलाने की मांग की। मुख्यमंत्री के निर्देश पर कलेक्टर ने मामले की जांच कराई। जांच रिपोर्ट में प्रारंभिक रूप से दोषी पाए जाने पर कलेक्टर अवनीश शरण ने बुधवार को एक आदेश जारी कर तत्कालीन पटवारी बेलमुंडी सुरेश कुमार ठाकुर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।


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