कोरबा। विवाह में अग्नि के समक्ष 7 फेरे और 7 वचन में दूल्हा दुल्हन 7 जन्मों तक एक दूसरे का साथ निभाने का वादा किया करते हैं। कल के सुनहरे भविष्य की बात पर वर ने अपनी नववधू का शादी के बाद पहले ही दिन के इम्तिहान में साथ रहने का वचन निभाया। दअरसल दुल्हन की परीक्षा थी। शादी के बाद बाबुल के आंगन से दूल्हे को लेकर दुल्हन कॉलेज पहुंच गई। दूल्हा परीक्षा केंद्र के बाहर 3 घंटे खड़ा इंतजार करता रहा और दुल्हन ने BA की परीक्षा दी। इम्तिहान के बाद दुल्हन की धूम धाम से विदाई की गई।
News – theValleygraph विशेष
पढ़ेगी बिटिया तो बढ़ेगी बिटिया : एके गुरुकुल महाविद्यालय ढेलवाडीह में पेश हुई प्रेरक मिसाल, BA अंतिम वर्ष की छात्रा ने विदाई से पहले लिखा पर्चा, कॉलेज के डायरेक्टर अक्षय कुमार दुबे ने दुल्हा दुल्हन को परीक्षा उपरांत उपहार भेंट कर उनके खुशहाल नवदांपत्य जीवन की कामना की।
हाथों में मेंहदी, चूड़ियों से सजी कलाइयां और सिंदुर भरी मांग के साथ दुल्हन परीक्षा का पर्चा लिखने पहुंची। जिस दिन विदाई होनी थी उसी दिन परीक्षा थी। विदाई से पहले दुल्हन ने परीक्षा देना जरूरी समझा। इसमें जीवन साथी ने भी उसका साथ दिया। वह खुद ही अपनी दुल्हन को परीक्षा दिलाने केन्द्र लेकर पहुंचा।
ढेलवाडीह में संचालित एके गुरुकुल महाविद्यालय में बीए तृतीय वर्ष की छात्रा माधवी महंत ने विदाई से पहले हिंदी का पर्चा हल किया। गुरुवार को बीए अंतिम वर्ष के हिंदी विषय की परीक्षा थी। इससे एक दिन पहले बुधवार को माधवी ने सात फेरे लिए। घर में बारात आई थी। रात भर शादी की रस्म निभाई गई। सुबह 6 बजे विदाई होनी थी, इसी दिन माधवी की परीक्षा थी। दुल्हे ने विदाई से पहले माधवी की परीक्षा को तरजीह दी। दुल्हा दुल्हन सुबह 7 बजे आयोजित होने वाली परीक्षा में पहुंचे। जहां माधवी ने पर्चा लिखा। फिर उसके बाद घर पहुंचकर माधवी की डोली उठी। माधवी तुमान में रहती है। ग्राम जवाली से बारात आई थी। माधवी ने महिला शिक्षा को बढ़ावा देने की सोच के साथ समाज के सामने एक उदाहरण पेश किया है। उसने पढ़ाई को प्राथमिकता देते हुए परीक्षा के लिए विदाई भी रूकवा दी। महाविद्यालय के डायरेक्टर अक्षय दुबे ने दुल्हा दुल्हन को परीक्षा उपरांत उपहार भेंट कर उनके खुशहाल नवदांपत्य जीवन की कामना की। इस दौरान महाविद्यालय के प्राध्यापक भी उपस्थित थे।
तीन घंटे दुल्हा करता रहा इंतजार
परीक्षा सुबह 7 से 10 बजे तक आयोजित हुई। इस दौरान माधवी के पर्चा हल करते तक दुल्हा परीक्षा केन्द्र के बाहर ही अपनी दुल्हन का इंतजार करता रहा। परीक्षा देने के बाद महाविद्यालय प्रबंधन से उपहार प्राप्त कर दुल्हा दुल्हन घर तुमान के लिए रवाना हो गए।
माधवी उन स्टूडेंट्स के लिए मिसाल हैं, दूसरों की शादी में जाने के लिए भी पढ़ाई छोड़ देते हैं: अक्षय दुबे
एके गुरुकुल महाविद्यालय के डायरेक्टर अक्षय कुमार दुबे ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों में जागरूकता आ रही है। वे शिक्षा का महत्व समझ रहे हैं। माधवी ऐसे स्टूडेंट्स के लिए मिसाल बन गई हैं, जो दूसरों की शादी में जाने के लिए अपनी पढ़ाई छोड़ देते हैं। माधवी ने अपने पढ़ाई को प्राथमिकता दिया और खुद की शादी होने पर भी परीक्षा में शामिल हुई।