अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरे निजी स्कूल संचालक, प्राचार्य और शिक्षकों ने निकाली रैली, सीएम के नाम प्रशासन को सौंपा 8 सूत्रीय ज्ञापन


अशासकीय विद्यालय प्रबंधक संघ कोरबा ने धरना-प्रदर्शन के बाद शहर में निकाली रैली, 8 सूत्रीय मांगों को लेकर सीएम के नाम एडिशनल कलेक्टर श्री नाग को सौंपा ज्ञापन

कोरबा(thevalleygraph.com)। गुरुवार को स्वस्फूर्त अवकाश घोषित करते हुए निजी विद्यालयों ने एक दिन का आंदोलन किया। आरटीई की प्रतिपूर्ति राशि में वृद्धि समेत अन्य मांगों को लेकर स्कूल संचालकों, प्राचार्य, संस्था प्रमुख व शिक्षकों ने शहर में रैली निकाली और जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए शासन ने अपनी मांगों को पूरा करने का आग्रह किया गया।


प्रदेशव्यापी कार्यक्रम के तहत अशासकीय विद्यालय प्रबंधक संघ कोरबा ने यह विरोध प्रदर्शन किया। सुबह से ही आईटीआई चौक में धरना प्रदर्शन शुरू किया गया। कुल 8 सूत्रीय मांग को लेकर हुए धरना प्रदर्शन में अशासकीय विद्यालय प्रबंधक संघ कोरबा अध्यक्ष अक्षय दुबे ने सभी मांगों को विस्तार से समझाते हुए कहा कि यदि हमारी मांगे पूरी नहीं की जाती हैं, तो 21 सितंबर को रायपुर मुख्यालय में वृहद धरना प्रदर्शन किया जाएगा। अध्यक्ष अक्षय दुबे ने कहा कि कोरबा जिला शिक्षा विभाग ही एक ऐसा जिला है, जहां सारे कार्य सही समय पर होते हैं। जिला शिक्षा अधिकारी जीपी भारद्वाज का पूर्ण सहयोग और समय समय पर मार्गदर्शन प्राप्त होता रहा है। इसी का परिणाम है कि हमारे जिले के सभी विद्यालयों को सत्र 2021- 22 तक आरटीई की प्रतिपूर्ति राशि का भुगतान हो चुका है। इस दौरान संघ के प्रमुख परमेश्वर देवांगन प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य, मीडिया प्रभारी शिवशंकर जायसवाल सचिव संदीप केशरवानी ब्लॉक इकाई अध्यक्ष धर्म तिवारी दीपिका, पोड़ी ब्लॉक इकाई विमलेश ठाकुर कटघोरा ब्लाक से सचिव पूजा मिश्रा व जयशंकर जायसवाल प्राचार्य सरस्वती शिशु मंदिर कटघोरा, अमित कुमार, सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सीएसईबी पूर्व के प्राचार्य राजकुमार देवांगन, अरुण कौशिक, तारक के अलावा समिति के सदस्यों ने भी मंच पर आकर अपने विचार व्यक्त किए।

बस फिटनेस की अवधि 12 से बढ़ाकर 15 वर्ष करें
प्रदेश स्तर पर आयोजित विरोध प्रदर्शन के बीच अशासकीय विद्यालय प्रबंधक संघ कोरबा ने अपनी मांगों को दोहराते हुए उन्हें यथाशीघ्र पूरा करने की मांग शासन-प्रशासन से की है। इन मांगों में आरटीई की राशि बढ़ाए जाने, प्रतिपूर्ति की राशि का स्कूलों को भुगतान समय किए जाने, स्कूल बसों के फिटनेस की अवधि 12 वर्ष से बढ़ाकर 15 वर्ष किए जाने, शासन की सरस्वती साइकिल योजना का लाभ निजी स्कूल के बच्चों को भी प्रदान किए जाने, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को मिलने वाली छात्रवृत्ति की राशि में वृद्धि करने की मांगें शामिल हैं।
शिक्षकों को शासकीय नौकरी में मिले अनुभव का लाभ
संघ की ओर से रखी गई अन्य मांगों में आरटीई की राशि के लिए स्कूल के खातों को पीएमएस कर पंजीकृत किए जाने की बात रखी गई है। इसी तरह आरटीई के तहत ही गणवेश के लिए प्रदान की जाने वाली राशि को 540 रुपए से 2000 बढ़ाए जाने की मांग की गई है। निजी स्कूलों में पढ़ने वाले टीचरों को अनुभव के आधार पर नौकरी में पात्रता दिए जाने की बात भी रखी गई है। इसके साथ ही चेतावनी दी गई है कि अगर उनकी यह 8 सूत्रीय मांगे समय में पूरा नहीं की जाती, तो इसी माह 21 सितंबर को रायपुर में धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इस प्रदर्शन में 7000 से अधिक विद्यालयों की मौजूदगी दर्ज होने की संभावना व्यक्त की गई है।
प्रदर्शन में 250 से अधिक स्कूलों की भागीदारी
गुरुवार को हुए प्रदर्शन में 250 से अधिक स्कूल के संचालक, प्राचार्य और संस्था के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। दोपहर करीब दो बजे धरना स्थल से शांतिपूर्वक रैली निकाली गई। सड़क पर नारा लगाते हुए वे कलेक्टर आफिस पहुंचे और वहां मुख्यमंत्री के नाम एडिशनल कलेक्टर श्री नाग को ज्ञापन सौंपा गया। इस अवसर पर संघ के अध्यक्ष अक्षय दुबे, उपाध्यक्ष गणेश जायसवाल, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य परमेश्वर सचिव संदीप केसरवानी मीडिया प्रभारी शिव शंकर जायसवाल व कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित रहे। जिले में संचालित 286 निजी स्कूलों में लगभग 2700 से अधिक व प्रदेश में लगभग 7 हजार स्कूलों के 65 से 70 हजार कर्मचारी संघर्ष कर रहे हैं, जिन्हें इन मांगों के पूर्ण होने की आस है।
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