बीजेपी की सभा में जनता का इंतजार करती खाली कुर्सियों को भाषण देते नजर आए UP के डिप्टी सीएम


देखिए वीडियो…,भारतीय जनता पार्टी के दिग्गजों का जमावड़ा भी नहीं जुटा उन्हें सुनने वाले आम लोगों की भीड़, परिवर्तन यात्रा की सभा में खाली कुर्सियों के बीच नेता देते रहे भाषण.

कोरबा(theValleygraph)। चुनाव करीब आते ही सियासी पारा चढ़ चुका है। एक दिन पहले कोरबा जिले में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक का गुरुवार को आगमन हुआ। प्रेस वार्ता में उन्होंने दावा किया कि लोग परिवर्तन यात्रा से जुड़ रहे हैं। लेकिन शाम की सभा में उनके इस झूठ की जनता ने पोल खोल दी। परिवर्तन यात्रा के बाद एक सभा का आयोजन घंटा घर में किया गया था। जहां कुर्सियां खाली पड़ी रही, उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य के उपमुख्यमंत्री कोरबा में खाली कुर्सियों को देख बगले झांकने लगे। जिले के संगठन पर इसे लेकर सवाल भी उठे। पाठक ने चतुराई दिखाते हुए मंच पर ज्यादा समय व्यतीत नहीं किया और दो लाइन में अपनी बात खत्म कर लौट गए।

भाजपा नेता खाली कुर्सियों को ही भाषण देते रहे। सभा में उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम के साथ पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, वर्तमान नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, पुन्नू लाल मोहले ननकी राम कंवर के साथ ही जिले के तमाम भाजपा के नेता मौजूद थे लेकिन इन्हें सुनने वाला कोई नहीं था। भाजपा नेताओं के पूरा जोर लगाने के बाद भी भीड़ नहीं जुट पाई। जनता का परिवर्तन यात्रा की सभा से किनारा करना इस बात का प्रमाण है कि उन्हें भाजपा के किसी भी तरह के हथकंडे में कोई दिलचस्पी नहीं है। फिर चाहे वह किसी भी बड़े नेता को यहां ले आएं। भाजपा अब कोरबा विधानसभा के साथ ही प्रदेश में अप्रासंगिक हो चुकी है।

वार्ता में कहा जनता का मिल रह समर्थन और सभा से लोग नदारद

परिवर्तन यात्रा की सभा के पहले भाजपाइयों ने होटल महाराजा में प्रेस वार्ता का आयोजन किया। यहां यूपी के डिप्टी सीएम पाठक ने पर्चा देखकर पढ़ दिया कि छत्तीसगढ़ में लोग परिवर्तन यात्रा से जुड़ रहे हैं।
इस समय भाजपा के जिले के तमाम नेता मौजूद थे। भाजपाइयों ने प्रेस वार्ता में बड़ी-बड़ी बातें कहीं। परिवर्तन यात्रा से जनता के जोड़ने की बात का ढिंढोरा पीट दिया। लेकिन इसके ठीक आधे घंटे बाद जब घंटाघर में सभा का आयोजन हुआ। तो ज्यादातर कुर्सियां खाली रह गई। गिनती के लोग ही सभा स्थल पर पहुंचे थे। भाजपा नेताओं के सामने खाली कुर्सियों को भाषण देने के अलावा कोई विकल्प मौजूद नहीं रह गया था। भाजपा चाहे जितने निजी आक्षेप लगा लें, लेकिन जनता का साथ नहीं मिलने वाला है। इससे भाजपा संगठन की चिंता बढ़ गई है।


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