चेक डिसऑनर के मामले में ठेकेदार पर 28.27 लाख का जुर्माना और अदालत उठने तक की सजा


न्यायालय प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कोरबा का निर्णय, खाते में पर्याप्त राशि न होने के कारण चेक अनादरित हो गया।

कोरबा(theValleygraph.com)। चेक डिसऑनर के एक मामले में कोर्ट ने ठेकेदार पर 28.27 लाख का जुर्माना आरोपित किया है। इस अर्थदंड के साथ ही अदालत उठने तक की सजा भी दी गई। यह फैसला न्यायालय प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश का है।

चेक डिसऑनर के मामले में सुनवाई करते हुए न्यायालय प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने बालको नगर निवासी ठेकेदार प्रमेंद्र पाल सिंह (चिंटू) प्रोपराइटर यूपी वुड प्रोडक्ट को 28 लाख 27 हजार रुपए का जुर्माना लगाते हुए न्यायालय उठने तक की सजा सुनाई।

ठेकेदार प्रमेन्द्र पाल सिंह ने वर्ष 2006 में अपने ठेके के कार्य के लिए दर्री रोड कोरबा स्थित कमल प्लाई वुड सेंटर से 14 लाख 13 हजार 655 रुपये का सामान क्रय किया था, जिसके भुगतान हेतु इतनी ही राशि का चेक कमल प्लाईवुड सेंटर के संचालक गजानंद अग्रवाल को उसके द्वारा दिया गया था। यह चेक खाते में पर्याप्त राशि न होने के कारण अनादरित हो गया।

चेक के अनादरित होने पर गजानंद अग्रवाल के द्वारा न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी हरिश्चंद्र मिश्र के न्यायालय में परिवाद दायर किया गया। सुनवाई करते हुए न्यायाधीश श्री मिश्र ने ठेकेदार प्रमेंद्र पाल सिंह को दोषी पाते हुए अपने निर्णय दिनांक 30 जून 2022 में 18 लाख रुपए जुर्माना तथा 6 माह के साधारण कारावास से दंडित किया था।

फैसले को चुनौती देते हुए ठेकेदार द्वारा प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के समक्ष अपील प्रस्तुत की गई थी। दोनों पक्षों के तर्क सुनने के पश्चात न्यायाधीश सुश्री संघपुष्पा भतपहरी के द्वारा अपने निर्णय 30.09.2023 में आरोपी ठेकेदार पर 28 लाख 27 हजार रुपए का जुर्माना लगाते हुए अपील खारिज कर दी गई। इस मामले में पीड़ित व्यवसायी की ओर से अधिवक्ता यासीन मेमन व एस.वी. उपाध्याय के द्वारा पर पैरवी की गई।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *