राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने किया मंत्रालयों का पत्र, कहा- आधिपत्य की अतिशेष भूमि राजस्व विभाग को वापस करें


जयसिंह अग्रवाल ने केन्द्र अथवा राज्य सरकार के अधीन संचालित विभिन्न विभागों को वापस सौंपने लिखा पत्र, केन्द्रीय उर्वरक मंत्री भगवंत खुबा को सम्बोधित पत्र में लिखा है कि फर्टिलाईजर कार्पोरेशन ऑफ इण्डिया द्वारा कोरबा में लगभग 50 साल पहले महत्वाकांक्षी परियोजना उर्वरक कारखाना की स्थापना के लिए हजारों एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया था, लेकिन अनेकानेक कारणों से वह परियोजना धरातल पर नहीं आ सकी।

कोरबा(thevalleygraph.com)। केन्द्र अथवा राज्य सरकार के अधीन संचालित विभिन्न विभागों के आधिपत्य में राज्य सरकार की अतिशेष भूमि को राजस्व विभाग को वापस सौंपने के लिए प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने संबंधित मंत्रालयों को पत्र लिखा है। राजस्व मंत्री ने इस संबंध में केन्द्रीय उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा, रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव, प्रदेश के सिंचाई मंत्री रवीन्द्र चौबे, ऊर्जा मंत्री टीएस सिंह देव व सीएमडी एसईसीएल को उनके विभागों के आधिपत्य की अतिशेष जमीन राजस्व विभाग को वापस सौंपने के लिए पत्र लिखा है। जयसिंह अग्रवाल ने अपने पत्र में केन्द्रीय उर्वरक मंत्री भगवंत खुबा को सम्बोधित पत्र में लिखा है कि फर्टिलाईजर कार्पोरेशन ऑफ इण्डिया द्वारा कोरबा में लगभग 50 साल पहले महत्वाकांक्षी परियोजना उर्वरक कारखाना की स्थापना के लिए हजारों एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया था, लेकिन अनेकानेक कारणों से वह परियोजना धरातल पर नहीं आ सकी। इस बीच इसके कुछ हिस्सों पर लम्बे अरसे से लोग झुग्गी-झोपड़ी बनाकर परिवार सहित निवासरत हैं। इसी प्रकार रेलवे मंत्री अश्वनी वैष्णव को लिखे पत्र में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि कोरबा में रेलवे लाईनों के किनारे भी बड़ी संख्या में लोग काबिज होकर मकान आदि बनाकर निवासरत हैं जबकि लम्बे अरसे से रेलवे ने उक्त भूमि के उपयोग के लिए कोई योजना नहीं बनाई है। इसी प्रकार से प्रदेश के सिंचाई मंत्री रवीन्द्र चौबे को सम्बोधित पत्र में लिखा गया है कि कोरबा, रामपुर व दर्री क्षेत्र में सिंचाई विभाग को आवंटित भूमि के लम्बे समय से खाली पड़े हिस्से पर भी बड़ी संख्या में लोग झुग्गी-झोपड़ी अथवा मकान आदि बनाकर परिवार सहित निवासरत हैं। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री टी.एस. सिंह देव को सम्बोधित पत्र में राजस्व मंत्री ने लिखा है कि कोरबा में राज्य विद्युत उत्पादन कम्पनी के आधिपत्य में विद्युत उत्पादन कम्पनी द्वारा उपयोग नहीं किए जा रहे हिस्से में बड़ी संख्या में लम्बे समय से लोगों ने कब्जा करके झोपड़ी, मकान व दुकान आदि बनाकर निवास करना आरंभ कर दिया है।
जयसिंह अग्रवाल ने अपने पत्र में इस बात का विशेष जिक्र किया है कि शासन की नीतियों के अनुरूप ऐसे सभी क्षेत्रों के निवासियों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की दृष्टि से शासन व नगर निगम द्वारा सड़क, नाली, पेयजल, बिजली, स्कूल व स्वास्थ्य सुविधाआंे के साथ ही सामुदायिक भवन आदि भी बनवाकर दिए गए हैं ताकि उन सभी का जीवन स्तर बेहतर हो सके। राजस्व मंत्री ने अपने पत्र में उपर्युक्त समस्त मंत्रियों को अवगत कराया है कि एक लम्बे अरसे से उनके विभागों द्वारा उपयोग नहीं की जा रही अतिशेष भूमि पर बसे हुए लोगों को सरकार की ओर से बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा चुकी हैं और वे सभी विगत लगभग 30-40 वर्षों से वहां काबिज हैं। उपर्युक्त सभी केन्द्रीय व प्रदेश सरकार के मंत्रियों से जयसिंह अग्रवाल ने आग्रह किया है कि उनके विभागों के अधीन इस तरह की अतिशेष भूमि राजस्व विभाग को लौटा दी जाए ताकि वहां के निवासियों को शासकीय पट्टा प्रदान करने की कार्रवाई आगे बढ़ाई जा सके।
राजस्व मंत्री ने एस.ई.सी.एल. सीएमडी को लिखे पत्र में धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा है कि उनके विभाग के आधिपत्य की अतिशेष भूमि को राजस्व विभाग को सौंपे जाने से बहुत से बेजा कब्जाधारियों को शासन की ओर से पट्टा प्रदान किया जा रहा है। जयसिंह अग्रवाल ने पत्र में कहा है कि अभी भी उनके विभाग के आधिपत्य में बहुत से क्षेत्रों में अतिशेष भूमि ऐसी हैं जिनपर लोग काबिज हैं अतएव ऐसी समस्त भूमि राजस्व विभाग को वापस करने की दिशा में त्वरित कार्रवाई करवाएं ताकि सभी हितग्राहियों को शासन की ओर से पट्टा वितरित किया जा सके।


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