धान खरीदी: पहले दिन नहीं खुला कोरबा जिले में धान खरीदी का खाता, एक भी किसान ने नहीं कटाया टोकन


धान खरीदी: अपनी तैयारी पूर्ण का कृषकों की राह देखते रहे 65 उपार्जन केन्द्रों के कर्मी, फसल अभी भी खेतों में, दीपावली तक जोर पकड़ने की उम्मीद

कोरबा(theValleygraph.com)। एक बार फिर किसानों के सबसे बड़े त्योहार यानी धान खरीदी का सीजन शुरू हो गया। जिले के 65 उपार्जन केंद्र और वहां के कर्मी अपनी तैयारी पूर्ण का किसानों की राह देखते रहे। हालांकि बुधवार को पहले दिन बोहनी नहीं हो सकी और एक भी किसान ने टोकन नहीं कराया है। मौजूदा स्थिति पर गौर करें तो अब भी काफी मात्रा में धान की फसल खेतों में ही खड़ी है। लिहाजा दीपावली पर धान खरीदी कार्य के जोर पकड़ने की उम्मीद की जा रही है।
इस बार खरीफ वर्ष 2023-24 में धान बेचने के लिए 5 हजार 126 नए किसानों ने पंजीयन कराया है। किसानों की संख्या बीते वर्ष की तुलना में 43 हजार 174 से बढ़कर 48 हजार 300 हो गई है। वहीं धान बिक्री कर रकबा भी 65 हजार 659 हेक्टेयर से बढ़कर 69 हजार 857 हो गया है। बुधवार से 65 उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी के लिए उपार्जन केन्द्रों के द्वार खुल गए हैं। बीते वर्ष 21.65 लाख क्विंटल धान की खरीदी हुई थी। रकबा व किसानों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए इसे वर्ष 25 लाख क्विटल धान खरीदी का अनुमान है। बीते वर्ष पंजीकृत किसानां का रकबा 65 हजार 659 था। 5 हजार 126 नए किसानों के जुड़ने से रकबा बढ़कर 69 हजार 857 हो गया है। वर्षा का साथ होने की वजह इस बार फसल भी अच्छी हुई है। सामान्य धान की दर 2 हजार 183 और पतला की कीमत 2 हजार 203 रूपये निर्धारित है। पंजीयन के साथ उपार्जन केंद्रों के लिए कांटा बाट सत्यापन कार्य पूर्ण कर अब केवल टोकन काटने और किसानों के आने का इंतजार किया जा रहा है। सभी धान उपार्जन केन्द्रों में निगरानी के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति की गई है। मार्कफेड के मास्टर ट्रेनर द्वारा सभी धान उपार्जन केन्द्र प्रभारियों तथा कम्प्यूटर ऑपरेटरों को धान खरीदी के संबंध में प्रशिक्षण दिया जा चुका है। फसल के पकने के साथ ही कुछ क्षेत्रों में फसल की कटाई शुरू हो गई है। अधिकांश क्षेत्रों में फसल पककर तैयार नहीं हुए हैं। कटाई शुरू होने में देरी है। इससे धान की मिसाई सहित अन्य कार्यो को लेकर समय लगेगा। हालांकि इस बार ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम खेती के अनुकुल रहा। इससे किसानों में अच्छी फसल के उत्पादन की उम्मीद लगाए हुए हैं।

21939 ने लिया ऋण, नतीजों की राह देखने की भी संभावना

उल्लेखनीय होगा कि एक बार फिर किसानों की कर्जमाफी की घोषणा की गई है। ऐसे में समितियों के माध्यम से जिन किसानों ने ऋण लिया है, वे अब परिणाम तक इंतजार कर सकते हैं। क्योंकि अभी धान बेचने में कर्ज की राशि जमा हो जाएगी। जिसके चलते संभावना जताई जा रही है कि किसान भी धान बेचने के लिए इंतजार का रास्ता ले सकते हैं। जिले में इस बार जिले में 48 हजार से अधिक किसानों ने 90 हजार हेक्टेयर से ज्यादा रकबा क्षेत्र में धान की फसल लगाए हैं। जिले में इस बार सहकारी बैंक के सभी छह शाखाओं से रिकार्ड 21 हजार 939 खाताधारकों ने लोन लिया है। एक नवंबर से उपार्जन केंद्रों के माध्मय से धान खरीदी की प्रक्रिया के साथ लोन के भुगतान की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। नोडल अधिकारी ने बताया कि रियायत दर पर किसानों को फसल उत्पादन के लिए लोन वितरण किया गया है। इस बार 81 करोड़ रुपए का लोन वितरण किया जा चुका है। यह लोन किसानों को नकदी, खाद, बीज व वर्मी के रुप में दिया गया है। धान खरीदी के साथ लोन की वसूली भी की जाएगी।

मोबाइल एप टोकन तुंहर हाथ की ले सकते हैं सुविधा

इस वर्ष भी धान खरीदी में कृषकों की सुविधा के लिए मोबाइल एप टोकन तुंहर हाथ के द्वारा 60 प्रतिशत व 40 प्रतिशत मेनुअल टोकन काटा जा सकेगा। इसके अलावा एक नई बात यह भी कि इस बार भी बायो मेट्रिक धान खरीदी फिलहाल नहीं की जाएगी। राज्य सहायक विपणन संघ मर्यादित नवा रायपुर द्वारा उपार्जन केन्द्रों में बायोमेट्रिक उपकरणों की व्यवस्था व बायोमेट्रिक संबंधित प्रक्रियाओं को पूरा करने में कुछ समय लगने की संभावना व्यक्त करते हुए गतवर्ष की भांति बिना बायोमेट्रिक के पंजीकृत किसानों से धान खरीदी किए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं। तत्पश्चात मार्कफेड के द्वारा उपार्जन केन्द्रों में बायोमेट्रिक उपकरणों की व्यवस्था व संबंधित प्रक्रियाओं के पूरा होने पर बायोमेट्रिक आधारित धान खरीदी की जाएगी।

उड़नदस्ता टीम रोके तो टोकन के साथ रकबा की पर्ची साथ रखें

धान विक्रय के लिए किसानों को इस वर्ष भी आनलाइन व आफलाइन दोनों पद्धति से टोकन प्राप्त करने की सुविधा है। पोर्टल खुल चुका है। आदर्श आचार संहिता लागू होने की वजह से विभिन्न सामग्रियों के अवैध परिवहन पर कार्रवाई की जा रही है। धान की अवैध बिक्री करने वालों पर संबंधित विभाग के अधिकारियों की बनाई गई उड़नदस्ता टीम की नजर बनी रहेगी। धान बेचने के लिए घर से निकलने वाले किसानों टोकन के साथ रकबा की पर्ची को भी साथ लेकर चलना होगा। पूछताछ के दौरान पर्ची दिखानी होगी।

फैक्ट फाइल
कुल उपार्जन केंद्र- 65
नए पंजीकृत किसान- 5126
हेक्टयर नवीन रकबा- 4425
बीते वर्ष के पंजीकृत किसान- 45158
लाख क्विटल धान खरीदी लक्ष्य- 25
पहले दिन टोकन- शून्य


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